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Law - ख़बरें

  • इंफोसिस में सैंकड़ों फ्रेशर्स की छंटनी पर IT वर्कर्स की यूनियन की सरकार से शिकायत
    इस छंटनी के खिलाफ IT वर्कर्स की यूनियन ने केंद्र सरकार से शिकायत की है।Nascent Information Technology Employees Senate (NITES) ने इंफोसिस में फ्रेशर्स की छंटनी पर मिनिस्टर ऑफ एजुकेशन, धर्मेन्द्र प्रधान और मिनिस्टर ऑफ स्किल डिवेलपमेंट एंड आंत्रप्रेन्योरशिप, जयंत चौधरी से शिकायत की है। कंपनी ने बताया था कि ये वर्कर्स इंटरनल टेस्ट्स को पास करने में नाकाम रहे थे।
  • सोशल मीडिया पर कंटेंट को ब्लॉक करने के रूल्स की पड़ताल करेगा सुप्रीम कोर्ट 
    सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया एकाउंट्स या कंटेंट को ब्लॉक करने से जुड़े रूल्स की पड़ताल करने पर सहमति दी है। ये रूल्स इस कंटेंट को तैयार या पोस्ट करने वालों का पक्ष सुने बिना इसे ब्लॉक करने से जुड़े हैं। दो जजों की बेंच ने इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (प्रोसीजर एंड सेफगार्ड्स फॉर ब्लॉकिंग फॉर एक्सेस ऑफ इनफॉर्मेशन बाय पब्लिक) रूल्स के रूल 16 का खारिज करने की मांग वाली याचिका पर सरकार से उत्तर मांगा है।
  • इंफोसिस को छंटनी पर कर्नाटक सरकार से मिली हरी झंडी
    कंपनी के मैसुरु कैम्पस में हुई छंटनी की कर्नाटक सरकार की लेबर मिनिस्ट्री ने जांच की थी। इस जांच की अंतरिम रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी की ओर से किसी श्रम कानून का उल्लंघन नहीं किया गया है। राज्य के लेबर डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने इंफोसिस के मैसुरु कैम्पस का दौरा किया था। कंपनी ने अपने हायरिंग प्रोसेस और फ्रेशर्स की छंटनी के कारण की जानकारी दी है।
  • TCS पर अमेरिका में H-1B वीजा फ्रॉड का आरोप, ट्रंप सरकार कर सकती है जांच
    भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनियों के लिए अमेरिका सबसे बड़ा मार्केट है। TCS के पूर्व वर्कर Anil Kini ने आरोप लगाया था कि कंपनी अमेरिका में अधिक वर्कर्स को भेजने के लिए वीजा की जरूरत को लेकर गलत जानकारी देती है। Kini ने कहा था कि TCS लॉटरी सिस्टम के जरिए अधिक वीजा हासिल करने के लिए अपनी पोजिशंस से अधिक पेटिशंस दाखिल करती है।
  • सोशल मीडिया पर स्टॉक मार्केट के टिप्स पर कसेगा SEBI का शिकंजा!
    सोशल मीडिया पर स्टॉक मार्केट से जुड़े टिप्स और अनधिकृत सोर्सेज से फाइनेंशियल एडवाइज पर नियंत्रण करने के लिए SEBI ने केंद्र सरकार से अधिक पावर देने की मांग की है। SEBI ने WhatsApp और Telegram जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से स्टॉक मार्केट से जुड़ी अनधिकृत जानकारी हटाने के लिए पावर और स्टॉक मार्केट से जुड़े नियमों के उल्लंघन की जांच करने के लिए कॉल रिकॉर्ड्स के एक्सेस का अधिकार मांगा है।
  • क्रिप्टो मार्केट में तेजी, Bitcoin का प्राइस 98,700 डॉलर से ज्यादा
    मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin का प्राइस लगभग चार प्रतिशत बढ़ा है।अमेरिका में प्रेसिडेंट Donald Trump के चीन और मेक्सिको सहित कुछ देशों पर टैरिफ लगाने से कई देशों के मार्केट्स में गिरावट हुई है। बिटकॉइन का प्राइस 3.70 प्रतिशत से अधिक बढ़कर लगभग 98,700 डॉलर पर था। दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether में पांच प्रतिशत से अधिक का प्रॉफिट था।
  • Amazon पर लगा स्मार्टफोन्स के जरिए कंज्यूमर्स की निगरानी करने का आरोप
    इस बारे में एक कानूनी मामले में बताया गया है कि कंपनी ने बड़ी संख्या में ऐप डिवेलपर्स को उनके ऐप्स में एम्बेड करने के लिए Amazon Ads SDK कोड उपलब्ध कराया है। अमेरिका में San Francisco की अदालत में दाखिल की गई शिकायत में कहा गया है कि एमेजॉन ने कंज्यूमर्स के निवास, कार्य, शॉपिंग और विजिट को लेकर बड़ी मात्रा में जियोलोकेशन डेटा एकत्र किया है।
  • WhatsApp पर 200 करोड़ रुपये से ज्यादा के जुर्माने को NCLAT में चुनौती
    WhatsApp पर 2021 में प्राइवेसी पॉलिसी में किए गए अपडेट के लिए लगाई गई है। वॉट्सऐप का मालिकाना हक रखने वाली Meta ने NCLAT में कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) के ऑर्डर को चुनौती दी है। पिछले वर्ष नवंबर में CCI ने वॉट्सऐप की प्राइवेसी पॉलिसी को लागू करने में अपनी दबदबे वाली स्थिति का गलत इस्तेमाल करने के लिए Meta पर 213.1 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगाई थी।
  • बिटकॉइन की बड़ी कामयाबी, रूस कर रहा फॉरेन ट्रेड में इस्तेमाल
    हाल ही में बिटकॉइन ने 1,08,000 डॉलर से अधिक का नया हाई लेवल बनाया था। इस सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल रूस की कंपनियां विदेश से कारोबार में कर रही हैं। रूस ने कानून में बदलाव कर पश्चिमी देशों की पाबंदियों से निपटने के लिए क्रिप्टोकरेंसीज के इस्तेमाल की अनुमति दी थी। बिटकॉइन की माइनिंग करने वाले प्रमुख देशों में रूस शामिल है।
  • बिटकॉइन में बढ़ी कंपनियों की दिलचस्पी, MicroStrategy ने दोबारा की बड़ी खरीदारी
    मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin ने हाल ही में 1,08,000 डॉलर से अधिक का नया हाई बनाया था। हालांकि, इसके बाद से इसमें गिरावट हुई है। इस सेगमेंट में इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स की दिलचस्पी भी बढ़ रही है। एंटरप्राइज सॉफ्टवेयर बनाने वाली MicroStrategy ने लगातार सातवें सप्ताह में बड़ी संख्या में बिटकॉइन खरीदे हैं।
  • Amazon, Flipkart की बढ़ी मुश्किल, CCI ने सुप्रीम कोर्ट से किया जल्द सुनवाई का निवेदन
    कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने इन कंपनियों की जांच को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई करने का निवेदन किया है। CCI ने कहा है कि Samsung और Vivo और कुछ अन्य कंपनियों की ओर से दी गई जांच को चुनौतियों का टारगेट इस जांच को दबाना है। विदेशी निवेश से जुड़े कानून के उल्लंघन की वजह से एमेजॉन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) की जांच का दायरा भी बढ़ा है।
  • इस देश के बच्‍चे अब नहीं चला पाएंगे फेसबुक, इंस्‍टा, टिकटॉक, कानून तोड़ा तो 270 करोड़ का जुर्माना
    बच्‍चों को सोशल मीडिया का इस्‍तेमाल करने देना चाहिए या नहीं, यह चर्चा का विषय हो सकता है। लेकिन ऑस्‍ट्रेलिया दुनिया का पहला देश बन गया है, जिसने अपने यहां 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर बैन लगाने वाला कानून पारित कर दिया है। ऑस्‍ट्रेलिया में अब बच्‍चे इंस्‍टाग्राम, फेसबुक और टिकटॉक जैसे प्‍लेटफॉर्म्‍स को एक्‍सेस नहीं कर पाएंगे। कानून में टेक कंपनियों के लिए सख्‍त नियमों का भी प्रावधान है।
  • क्रिप्टो के लिए जल्द कानून बना सकती है ट्रंप की सरकार
    अगले वर्ष की शुरुआत में अमेरिका में ट्रंप की अगुवाई में नई सरकार कार्यभार संभालेगी। इस सरकार के एजेंडा में क्रिप्टो के लिए कानून बनाना भी शामिल हो सकता है। हालांकि, इस सेगमेंट के लिए सख्त रेगुलेशंस लागू करने की आशंका नहीं है। ट्रंप की जीत के बाद से मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin में काफी तेजी है।
  • Amazon और Flipkart पर कसा ED का शिकंजा, सीनियर एग्जिक्यूटिव्स को जल्द मिल सकते हैं समन
    ED की ओर से जल्द ही एमेजॉन और फ्लिपकार्ट के सीनियर एग्जिक्यूटिव्स को समन भेजा जा सकता है। इन कंपनियों का कहना है कि वे देश के कानूनों का पालन करती हैं। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों से ED इन कंपनियों के खिलाफ आरोपों की जांच कर रहा है। इन कंपनियों पर चुनिंदा सेलर्स के जरिए गुड्स की इन्वेंटरी पर नियंत्रण करने का आरोप है।
  • जोमाटो और स्विगी की बढ़ी मुश्किल, CCI ने पाया कानून तोड़ने का दोषी!
    कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) की जांच में पता चला है कि इन कंपनियों के बिजनेस के तरीके उनके प्लेटफॉर्म्स पर लिस्टेड चुनिंदा रेस्टोरेट्स को फायदा पहुंचाते हैं। Reuters की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि जोमाटो ने कमीशन में कमी कर कुछ 'एक्सक्लूसिविटी कॉन्ट्रैक्ट' किए थे, जबकि स्विगी ने केवल उसके प्लेटफॉर्म पर लिस्टेड कुछ रेस्टोरेंट्स को बिजनेस में बढ़ोतरी की गारंटी दी थी।

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