पिछले कुछ वर्षों में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) की बिक्री तेजी से बढ़ी है। EV के इंटरनेशनल मार्केट में अमेरिका की Tesla का पहला स्थान है। इसे चीन की BYD से कड़ी टक्कर मिल रही है। BYD का मार्केट शेयर 17 प्रतिशत के साथ टेस्ला के लगभग बराबर हो गया है। टेस्ला ने भारत में भी बिजनेस शुरू करने की तैयारी की है लेकिन केंद्र सरकार ने इसके लिए इम्पोर्ट ड्यूटी में छूट देने से मना कर दिया है।
BYD के लिए चीन एक बड़ा मार्केट है। हाल ही में कंपनी ने भारत सहित कुछ देशों में EV की बिक्री शुरू की है। BYD के पोर्टफोलियो में बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (BEV) के साथ ही हाइब्रिड और प्लग-इन हाइब्रिड व्हीकल्स भी शामिल हैं। हालांकि,
Tesla केवल BEV की पेशकश करती है। मार्केट इंटेलिजेंस फर्म Counterpoint Research के अनुसार, BEV के इंटरनेशनल मार्केट में BYD का शेयर टेस्ला के 17 प्रतिशत के लगभग समान है। टेस्ला के लिए भी चीन एक बड़ा मार्केट है। कंपनी ने छह वर्ष पहले चीन में बिजनेस शुरू किया था और इसकी शंघाई की फैक्टरी से लोकल मार्केट में बिक्री के साथ ही एक्सपोर्ट भी किया जाता है।
EV के बड़े मार्केट्स में शामिल अमेरिका में पर्यावरण के अनूकल माने जाने वाले इन व्हीकल्स की सेल्स ने पहली बार 10 लाख यूनिट्स से अधिक की बिक्री का आंकड़ा पार किया है। हालांकि, चीन से यह पीछे है। अमेरिका की नेशनल ऑटोमोबाइल डीलर एसोसिएशन के डेटा के अनुसार, इस वर्ष नवंबर तक EV की सेल्स वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 50 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 10,07,984 यूनिट्स की रही। EV की सेल्स बढ़ने के पीछे इंसेंटिव्स और नए और अपडेटेड व्हीकल्स के लॉन्च बड़े कारण हैं।
अमेरिका में इनफ्लेशन रिडक्शन एक्ट से EV में ऑटोमोबाइल कंपनियों का इनवेस्टमेंट बढ़ा है। इसके साथ ही डिमांड में भी तेजी आई है। बहुत से अन्य देशों में भी इस सेगमेंट में बिक्री बढ़ रही है। अमेरिका में Tesla का EV के मार्केट में पहला स्थान बरकरार है। हाल ही में कंपनी ने Cybertruck को लॉन्च किया था। दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति
Elon Musk की अगुवाई वाली टेस्ला की भारत में फैक्टरी लगाने की योजना है। हालांकि, कंपनी की ओर से इस फैक्टरी के लिए लोकेशन को तय नहीं किया गया है।