बड़ी इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) कंपनियों में शामिल Tesla के चीफ Elon Musk की वेल्थ में 16.7 अरब डॉलर की कमी हुई है। इसका कारण तीसरी तिमाही में टेस्ला के कमजोर नतीजे हैं। कंपनी के उम्मीद से खराब प्रदर्शन और सेल्स का टारगेट चूकने से इसके शेयर में 9.3 प्रतिशत की गिरावट हुई है।
मस्क की वेल्थ 209 अरब डॉलर की है। उनके पास टेस्ला में लगभग 13 प्रतिशत हिस्सेदारी है। मस्क को अपनी वेल्थ का बड़ा हिस्सा इसी कंपनी से मिलता है।
टेस्ला के तीसरी तिमाही के नतीजों के बाद उन्होंने कहा कि अधिक इंटरेस्ट रेट का सेल्स पर असर पड़ रहा है। इस वर्ष कंपनी की तिमाही सेल्स में पहली बार तिमाही में गिरावट हुई है। कंपनी ने पिछले तिमाही में 4,35,059 व्हीकल्स की डिलीवरी की है। इसका मार्जिन गिरकर चार वर्ष में सबसे कम हो गया। पिछले कुछ महीनों में टेस्ला ने अपनी कारों के प्राइसेज में कमी की है और इसका असर मार्जिन पर पड़ा है।
हालांकि, मस्क की वेल्थ इस वर्ष 70 अरब डॉलर बढ़ी है। इसके पीछे टेस्ला का शेयर प्राइस बढ़ना प्रमुख कारण है। कंपनी ने बताया कि इस वर्ष के अंत तक 18 लाख यूनिट्स की डिलीवरी करने का उसका टारगेट है। टेस्ला ने भारत में फैक्टरी लगाने की योजना बनाई है। हालांकि, इसके लिए कंपनी इम्पोर्ट ड्यूटी में छूट चाहती है। केंद्र सरकार की ओर से टेस्ला के लिए इम्पोर्ट ड्यूटी घटाई जा सकती है अगर यह लोकल मैन्युफैक्चरिंग और सोर्सिंग की शर्त को पूरा करती है। देश में 40,000 डॉलर से अधिक की इलेक्ट्रिक कारों के इम्पोर्ट पर 100 प्रतिशत का इम्पोर्ट टैक्स है।
सरकार ने यह संकेत दिया है कि
EV मेकर्स को देश में बिक्री के लिए इम्पोर्ट ड्यूटी में छूट के बजाय इम्पोर्ट करने के बजाय व्हीकल्स की लोकल मैन्युफैक्चरिंग करनी होगी। सरकार टेस्ला जैसी EV कंपनियों के लिए इम्पोर्ट टैक्स को घटाने पर विचार कर रही है। हालांकि, इसके लिए इन कंपनियों को लोकल मैन्युफैक्चरिंग और सोर्सिंग को लेकर आश्वासन देना होगा। पिछली कुछ तिमाहियों से मस्क ने प्रोडक्शन बढ़ाने पर जोर दिया है। कंपनी ने भारत से 1.7-1.9 अरब डॉलर के कंपोनेंट्स खरीदने की योजना बनाई है। कंपनी की देश में यूनिट Tesla India Motor and Energy ने महाराष्ट्र में पुणे के विमान नगर में एक ऑफिस स्पेस लीज पर लिया है। टेस्ला ने लगभग दो वर्ष पहले बेंगलुरु में अपनी सब्सिडियरी को रजिस्टर्ड कराया था।