अमेरिका में स्टेबलकॉइन्स के लिए होंगे बैंक जैसे रेगुलेशंस

स्टेबलकॉइन्स ऐसी क्रिप्टोकरेंसीज होते हैं जो अपने मार्केट प्राइस को गोल्ड या सामान्य करेंसीज जैसे किसी रिजर्व एसेट से जोड़ने की कोशिश करते हैं

अमेरिका में स्टेबलकॉइन्स के लिए होंगे बैंक जैसे रेगुलेशंस

इससे जुड़े एक बिल का ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है

ख़ास बातें
  • इस बिल में कैपिटल और लिक्विडिटी के लिए बैंकों जैसे स्टैंडर्ड्स होंगे
  • बिल को फाइनल किया जा रहा है
  • स्टेबलकॉइन्स को लेकर कुछ अन्य देशों में भी रेगुलेशंस बनाए जा रहे हैंं
विज्ञापन
पिछले कुछ महीनों से क्रिप्टो मार्केट में गिरावट के कारणों में स्टेबलकॉइन्स को लेकर आशंकाएं भी हैं। अमेरिका में स्टेबलकॉइन्स के इश्युअर्स को बैंक जैसे रेगुलेशंस और निगरानी का सामना करना पड़ेगा। इससे जुड़े एक बिल का ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। फाइनेंशियल सर्विसेज कमेटी के सीनियर डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन्स इस ड्राफ्ट को फाइनल कर रहे हैं।

Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, इस बिल में कैपिटल, लिक्विडिटी और निगरानी के लिए बैंकों जैसे स्टैंडर्ड्स शामिल होंगे। इससे बैंकिंग सेगमेंट से बाहर की फर्मों को स्टेबलकॉइन पेश करने की अनुति मिलेगी। हालांकि, इन फर्मों पर अपने स्टेबलकॉइन्स लॉन्च करने की रोक होगी। इस बिल के कांग्रेस में पारित होने पर संदेह है। हालांकि, दोनों दलों के वरिष्ठ सदस्यों के समर्थन के कारण इसके पारित होने का संकेत मिल रहा है। इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि इसके लिए बातचीत में सीनेट को शामिल नहीं किया गया है। अमेरिका में नवंबर में मध्यावधि चुनाव होने हैं। 

स्टेबलकॉइन्स ऐसी क्रिप्टोकरेंसीज होते हैं जो अपने मार्केट प्राइस को गोल्ड या सामान्य करेंसीज जैसे किसी रिजर्व एसेट से जोड़ने की कोशिश करते हैं। ये ऐसी डिजिटल ट्रांजैक्शंस के लिए अधिक इस्तेमाल होते हैं जिनमें वर्चुअल एसेट्स को वास्तविक एसेट्स में कन्वर्ट करना शामिल होता है। USD Coin, Tether और Binance USD कुछ लोकप्रिय स्टेबलकॉइन्स हैं, जो अमेरिकी डॉलर से जुड़े हैं। क्रिप्टो का तेजी से बढ़ता वर्जन स्टेबलकॉइन एक्सचेंज के प्रमुख माध्यम के तौर पर उभरा है। इसका इस्तेमाल अक्सर ट्रेडर्स की ओर से फंड भेजने के लिए किया जाता है। 

प्रमुख स्टेबलकॉइन्स को बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरेंसीज के लिए एक्सचेंज करना आसान है। स्टेबलकॉइन्स में हाल की गिरावट से इनवेस्टर्स को काफी नुकसान हुआ था। ब्रिटेन की फाइनेंस मिनिस्ट्री ने TerraUSD जैसे बड़े स्टेबलकॉइन्स में गिरावट से निपटने के लिए योजना बनाने का फैसला किया है। Tether अगले महीने ब्रिटेन की करेंसी पाउंड से जुड़ा एक स्टेबलकॉइन लॉन्च करेगा। इस ऑल्टकॉइन का सिंबल GBPT होगा। यह शुरुआत में Ethereum ब्लॉकचेन पर बेस्ड होगा। इसके लिए बाद में अन्य ब्लॉकचेन नेटवर्क्स का सपोर्ट भी जोड़ा जा सकता है। हाल ही में Tether ने एक नए स्टेबलकॉइन के साथ लैटिन अमेरिका के क्रिप्टो मार्केट में एक्सपैंशन किया था। यह स्टेबलकॉइन मेक्सिको के Peso से जुड़ा है। इसे शुरुआत में Ethereum, Tron और  Polygon पर सपोर्ट मिलेगा। 

 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: Crypto, Senate, Bill, stablecoins, Market, Regulations, America, Binance
गैजेट्स 360 स्टाफ The resident bot. If you email me, a human will respond. और भी
Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. 50MP कैमरा, 6000mAh बैटरी के साथ Oppo K13x 5G लॉन्च, जानें कीमत और फीचर्स
  2. OnePlus 15 की लीक में खुलासा, डिस्प्ले साइज से लेकर नए Snapdragon प्रोसेसर तक, जानें सबकुछ
  3. Xiaomi 26 जून को लॉन्च करेगा YU7 SUV, Mix Flip 2, Redmi K80 Ultra से लेकर K Pad तक, जानें सबकुछ
  4. Oppo K13x 5G आज हो रहा भारत में लॉन्च, जानें अनुमानित कीमत और स्पेसिफिकेशंस
  5. लंबे समय तक चलाते हैं स्मार्टफोन तो ये 7000mAh बैटरी वाले टॉप 5 ऑप्शन रहेंगे बेस्ट
  6. Ultraviolette को इलेक्ट्रिक स्कूटर Tesseract के लिए मिली 60,000 से ज्यादा बुकिंग्स
  7. टेस्ला की भारत में पहला शोरूम अगले महीने मुंबई में खोलने की तैयारी
  8. जनसंख्या को भी AI से खतरा? एक्सपर्ट बोले 2300 तक धरती पर सिर्फ 10 करोड़ लोग बचेंगे!
  9. Vivo Y400 Pro 5G vs Motorola Edge 60 vs Poco X7 Pro 5G: जानें कौन सा फोन है 30 हजार में बेस्ट
  10. अब पाकिस्तान में रिपोर्टिंग करेगी हूबहू इंसानी हाव-भाव वाली AI रिपोर्टर!
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »