वोलैटिलिटी के लिए मशहूर क्रिप्टो मार्केट में पिछले सप्ताह भारी बिकवाली हुई थी। इसका बड़ा कारण इन्फ्लेशन और इंटरेस्ट रेट्स बढ़ने को लेकर चिंता के कारण इनवेस्टर्स का अधिक रिस्क वाले एसेट्स से बाहर निकलना था। मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin का प्राइस पिछले गुरुवार को घटकर 25,401 डॉलर तक चला गया था। इसके अलावा सोशल मीडिया पर चर्चित डिजिटल कॉइन Luna के प्राइस में लगभग आधे की कमी हुई थी।
क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर रेगुलेटर्स की चेतावनियों के बावजूद बड़ी संख्या में रिटेल इनवेस्टर्स ने इनमें जल्द रिटर्न कमाने के लिए इनवेस्टमेंट किया था। Robinhood जैसे ट्रेडिंग ऐप्स ने इस सेगमेंट में रिटेल इनवेस्टमेंट बढ़ाने में मदद की है। इस वर्ष की पहली तिमाही में Robinhood के ट्रांजैक्शन से जुड़े रेवेन्यू का लगभग एक चौथाई क्रिप्टोकरेंसीज से आया था। हाल के वर्षों में क्रिप्टो प्लेटफॉर्म्स पर
यूजर्स की संख्या तेजी से बढ़ी है। बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में शामिल Binance के पास पिछले महीने लगभग 11.8 करोड़ यूजर्स थे। यह संख्या पिछले वर्ष की पहली तिमाही से 43.4 प्रतिशत अधिक थी।
हालांकि, पिछले सप्ताह क्रिप्टोकरेंसीज में बड़ी गिरावट के बाद सोशल मीडिया पर रिटेल इनवेस्टर्स ने अपने नुकसान को लेकर गुस्सा निकाला है। इनमें से कुछ इनवेस्टर्स की बचत का बड़ा हिस्सा इस गिरावट में चला गया। क्रिप्टो सेगमेंट की शुरुआत लगभग 13 वर्ष पहले हुई थी और इस दौरान इसमें कई बार अचानक तेजी और गिरावट के मौके आए हैं। उदाहरण के लिए, पिछले वर्ष नवंबर में
बिटकॉइन का प्राइस दो सप्ताह में लगभग 20 प्रतिशत टूट गया था। इससे पहले बिटकॉइन ने 69,000 डॉलर का रिकॉर्ड लेवल बनाया था।
इस सेगमेंट को लेकर रेगुलेशन भी मजबूत नहीं है। बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसीज के ट्रेडर्स के लिए प्राइसेज में बड़ी गिरावट आने पर कोई सुरक्षा नहीं होती। क्रिप्टो मार्केट के टूटने से रिटेल इनवेस्टर्स को हुए नुकसान का अनुमान लगाना मुश्किल है। इससे इस सेगमेंट को लेकर इन इनवेस्टर्स का भरोसा कमजोर हुआ है। एक अनुमान के अनुसार, ब्रिटेन में व्यस्कों में से 4 प्रतिशत से अधिक या लगभग 23 लाख लोगों के पास क्रिप्टोकरेंसी है। ब्रिटेन के फाइनेंशियल रेगुलेटर का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर लोगों की जानकारी कम है और अक्सर उन्हें यह नहीं पता होता कि वे क्या खरीद रहे हैं।