चंद्रयान-3 की सफलता से खुल सकता है कम बजट वाली स्पेस फ्लाइट्स का रास्ता

केंद्र सरकार ने पिछले फाइनेंशियल ईयर में डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस के लिए लगभग 13,700 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। हालांकि, डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस ने इससे लगभग 25 प्रतिशत कम खर्च किया था

चंद्रयान-3 की सफलता से खुल सकता है कम बजट वाली स्पेस फ्लाइट्स का रास्ता

देश के सफल लुनर मिशन पर केवल 6.15 अरब रुपये खर्च हुए हैं

ख़ास बातें
  • ISRO इसके बाद कुछ अन्य महत्वपूर्ण मिशंस की तैयारी कर रही है
  • पिछले कुछ वर्षों में ISRO ने अपनी एक्सपर्टाइज को बढ़ाया है
  • चंद्रयान-3 में एक लैंडर मॉड्यूल, प्रोपल्शन मॉड्यूल और एक रोवर शामिल है
विज्ञापन
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिकों ने जब चंद्रयान-3 के डिजाइन की शुरुआत की थी, तो उन्हें पता था कि उनके पास चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंडिंग कर इतिहास बनाने का एक और मौका है। लगभग चार वर्ष पहले उनकी यह कोशिश नाकाम हो चुकी थी। उन्हें इस बार कम बजट में यह मिशन पूरा करना था। चंद्रयान-3 पर केवल 6.15 अरब रुपये खर्च हुए हैं। 

एनालिस्ट्स, सप्लायर्स और अधिकारियों का कहना है कि रॉकेट पर कॉस्ट से लेकर देश में सप्लाई बेस बनाने तक ISRO की चंद्रयान-3 के साथ चंद्रमा पर लैंडिंग की सफलता से यह संकेत मिल रहा है कि ISRO ने कम कॉस्ट में बड़े मिशन पूरे करने का एक सिस्टम तैयार कर लिया है। हालांकि, ISRO के इस इनोवेशन की टेस्टिंग आगामी मिशंस में होगी। केंद्र सरकार ने पिछले फाइनेंशियल ईयर में डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस के लिए लगभग 13,700 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। हालांकि, डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस ने इससे लगभग 25 प्रतिशत कम खर्च किया था। मौजूदा फाइनेंशियल ईयर के लिए यह बजट 12,560 करोड़ रुपये का है। 

इसकी तुलना में अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के पास मौजूदा फाइनेंशियल ईयर के लिए 25 अरब डॉलर (लगभग 2,06,585 करोड़ रुपये) का बजट है। ISRO के चेयरमैन, S Somanath ने बुधवार को चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग के बाद कहा था, "दुनिया में कोई भी यह इस तरीके से नहीं कर सकता, जैसे हमने किया है। में सभी सीक्रेट्स का खुलासा नहीं करूंगा, नहीं तो अन्य लोग भी कॉस्ट घटा सकते हैं।" 

ISRO इसके बाद कुछ अन्य महत्वपूर्ण मिशंस की तैयारी कर रही है। इनमें सूर्य की स्टडी से जुड़ा एक मिशन, क्लाइमेट का अवलोकन करने वाले एक सैटेलाइट का लॉन्च और इंडो-US सिंथेटिक अपार्चर राडार शामिल हैं।। ISRO ने बताया है कि इसके अलावा ब्राइट एस्ट्रोनॉमिकल X-रे सोर्सेज की स्टडी के लिए देश का पहला पोलरिमेटरी मिशन भी लॉन्च के लिए तैयार है। Somanath ने कहा था कि क्लाइमेट का अवलोकन करने वाले सैटेलाइट INSAT-3DS के लॉन्च की तैयारी की जा रही है। इसके साथ ही गगनयान से क्रू के निकलने के सिस्टम की पुष्टि के लिए एक टेस्ट व्हीकल मिशन भी जल्द लॉन्च किया जा सकता है। अंतरिक्ष यात्रियों के साथ देश के पहले स्पेस फ्लाइट मिशन गगनयान के प्रोपल्शन सिस्टम की हाल ही में सफल टेस्टिंग की गई थी। यह टेस्टिंग तमिलनाडु के महेन्द्रगिरि में ISRO के प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में हुई थी। इस मिशन में तीन दिनों के लिए तीन सदस्यीय क्रू को 400 किलोमीटर के ऑर्बिट पर भेजा जाएगा और उसके बाद उन्हें सुरक्षित धरती पर लाया जाएगा। 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: Space, Design, Mission, ISRO, Data, Budget, Rocket, NASA, Government, Success
आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News
 
 

विज्ञापन

विज्ञापन

© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2024. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »