क्या आपको भी हर रोज कॉल ड्रॉप की समस्या झेलनी पड़ रही है? लेकिन आपको पता नहीं है कि कॉल ड्रॉप (आपके या सामने वाले) आखिर किस टेलीकॉम ऑपरेटर की वजह से हो रही है? नेटवर्क से जुड़ी कॉल ड्रॉप की इस समस्या को सुलझाने के इरादे से पुणे की ऑप्टिनो मोबिटेक प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी ने कॉल ड्रॉप मैनेजमेंट के लिए एक एंड्रॉयड ऐप लॉन्च किया है। पुणे की इस कंपनी को इससे पहले प्रीपेड बिल ट्रैकर ऐप '
स्मार्टब्रो' और 'एसएमएस ब्लॉकर' के लिए एमआईटी अवॉर्ड विनिंग स्पैम ब्लॉकर ऐप के सम्मान से नवाजा जा चुका है।
स्मार्टब्रो रेंज कॉल ड्रॉप अलर्ट नाम का यह ऐप यूजर को पहले ही नेटवर्क क्वालिटी के कम और कॉल ड्रॉप की आशंका के बारे में बता देता है। प्रीपेड और पोस्टपेड यूजर के साथ-साथ यह ऐप डुअल सिम स्मार्टफोन में भी काम करता है। कॉल ड्रॉप की सारी जानकारी के साथ-साथ यह दिनभर में फोन से किये जाने वाले और रिसीव किये गए कॉल का भी रिकॉर्ड रखता है।
कंपनी के संस्थापक और सीईओ सागर बेदमुथा ने गैजेट 360 के साथ बातचीत में बताया, ''लोगों को पता ही नहीं चलता कि असल में उनकी कॉल ड्रॉप हुई थी। अगर उनकी कॉल ड्रॉप होती भी है तो उनके पास अपने टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइर को इसकी शिकायत करने का कोई तरीका नहीं होता। हमने नेटवर्क और इस ऐप को लेकर बहुत सारा विश्लेषण किया है। और इससे हम यूजर को खराब नेटवर्क व खराब आवाज, कॉल ड्रॉप होने की संभावना के बारे में पहले ही सूचित कर सकते हैं। ''
बेदमुथा के मुताबिक, इस ऐप को बनाने का आइडिया उन्हें गूगल इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर राजन आनंदन ने दिया। उन्हें हमें कुछ जरूरी बातें बताई, इसके बाद हमें लगा कि यह एक बहुत अच्छा आइडिया है और हमें इस तरह का ऐप बनाना चाहिए। हमें इस ऐप को बनाने में आने वाली चुनौतियों के बारे में पता था। लेकिन इस पर काम करना भी बेहद एक्साइटिंग था।
इससे पहले, ऑप्टिनो ने एक प्रीपेड बिल ट्रैकर ऐप लॉन्च किया था, जिसे लेकर कंपनी का दावा है कि बिना विज्ञापन और प्रचार के ही इस ऐप को 50,000 से ज्यादा लोग डाउनलोड कर चुके हैं। कॉल ड्रॉप के लिए एक अलग ऐप इसलिए बनाया गया क्योंकि यह सिर्फ प्रीपेड यूजर के लिए ना होकर देशभर के एंड्रॉयड यूजर के लिए है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को ध्यान में रखते हुए इस स्टार्टअप कंपनी की योजना ऐप को यूजर के मुताबिक इस तरह तैयार करना है जिससे वो कॉल ड्रॉप की शिकायत टेलीकॉम ऑपरेटन को ऑटोमैटिकली या सेमी-ऑटोमैटिकली कर सकें।