अगर आप भी अधिकतर भुगतान यूपीआई के जरिए करते हैं तो आपको लिए जरूरी खबर आई है।
Photo Credit: Unsplash/Clay Banks
यूपीआई के जरिए भुगतान अब आम हो गया है।
आज के समय में भुगतान करने का नया तरीका यूपीआई बहुत ज्यादा चलन में है। अगर आप भी अधिकतर भुगतान यूपीआई के जरिए करते हैं तो आपको लिए जरूरी खबर आई है। NPCI ने सुरक्षा बढ़ाने और ट्रांजेक्शन से होने वाले फ्रॉड को रोकने के लिए UPI में एक बड़े बदलाव की घोषणा की है। 1 अक्टूबर, 2025 से NPCI पर्सन-टू-पर्सन (P2P) कलेक्ट रिक्वेस्ट को बंद करने जा रहा है। इसके जरिए फ्रॉड अक्सर अनजाने में यूजर्स को भुगतान के लिए रिक्वेस्ट भेजते थे, अब इसकी संभावना कम होगी। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
इस कलेक्ट रिक्वेस्ट या पुल ट्रांजेक्शन फीचर से यूजर्स यूपीआई प्लेटफॉर्म के जरिए किसी अन्य व्यक्ति से फंड की रिक्वेस्ट भेज सकते हैं। हालांकि, यह फीचर आमतौर पर दोस्तों को लोन की याद दिलाने या बिल का बंटवारा करने के लिए काम आता है, लेकिन फ्रॉड और साइबर क्रिमिनलों ने इसका जमकर गलत इस्तेमाल भी किया। फ्रॉड अक्सर ये रिक्वेस्ट किसी फर्जी रोल या डिमांड की आड़ में भेजते हैं, जिससे यूजर्स गलती से रिक्वेस्ट स्वीकार कर लेते हैं। अगर कोई यूजर्स स्थिति को समझे बिना इसे स्वीकार कर लेता है, तो उसके पैसे तुरंत चले जाते हैं।
NPCI ने 29 जुलाई को जारी एक आधिकारिक परिपत्र में बैंकों और पेमेंट ऐप्स को 1 अक्टूबर से ऐसे सभी P2P कलेक्ट ट्रांजेक्शन की प्रक्रिया बंद करने का निर्देश दिया है। अब यूपीआई के जरिए ट्रांजेक्शन करने का तरीका सिर्फ सेंडर को QR कोड स्कैन करना होगा या संपर्क का चयन करके ट्रांजेक्शन करने के लिए UPI पिन डालना होगा। हालांकि, Flipkart, Amazon, Swiggy और IRCTC जैसी सर्विस अभी भी अपने पोर्टल से खरीदारी पूरी करने के लिए ग्राहकों को कलेक्ट रिक्वेस्ट भेज सकेंगी। ये रिक्वेस्ट चेकआउट प्रोसेस का एक स्टैंडर्ड हिस्सा हैं और पेमेंट पूरा करने के लिए यूजर्स की मंजूरी और यूपीआई पिन की जरूरत होती है, जिससे ये ट्रांजेक्शन सुरक्षित रहती हैं।
आपको बता दें कि हाल के वर्षों में इस तरह के फ्रॉड में कमी आई है, क्योंकि NPCI ने ट्रांजेक्शन को घटाकर करीब 2,000 रुपये तक सीमित किया है। हालांकि, इस फीचर को पूरी तरह से हटाने के बाद NPCI इस फ्रॉड को पूरी तरह खत्म करना चाहता है। NPCI ने साफ किया है कि 1 अक्टूबर के बाद सभी सदस्य बैंकों और यूपीआई ऐप्स को इन P2P कलेक्ट ट्रांजेक्शन को शुरू करने, रूट करने या प्रोसेस करने की अनुमति नहीं होगी।
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