भारतीयों ने UPI पेमेंट्स में हुए फ्रॉड के चलते वित्त वर्ष 2024-25 में 485 करोड़ रुपये गंवाए हैं। लोगों के साथ फ्रॉड की 6 लाख 32 हजार घटनाएं हुईं। वहीं, साल 2022-23 से अबतक 27 लाख लोगों के साथ धोखाधड़ी हुई और 2145 करोड़ रुपये का चूना यूजर्स को लगा। इसका कारण यूजर्स की संख्या का बढ़ना, और रियल टाइम पेमेंट्स सिस्टम में कुल ट्रांजैक्शंस की संख्या का बढ़ना बताया है।
भारत में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) eRupee का ट्रायल किया जा रहा है। इसके लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने कई बैंकों को जोड़ा है। हालांकि, RBI का कहना है कि इसे लेकर वह कोई जल्दबाजी नहीं करेगा। ई-रुपये का ट्रायल लगभग दो वर्ष पहले शुरू किया गया था। यह ट्रायल अब एडवांस फेज में है। कुछ UPI ऐप्स भी RBI की निगरानी में डिजिटल रुपये के ट्रायल में शामिल होने की योजना बना रहे हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मंथली आंकड़ों के अनुसार, यूपीआई बेस्ड डिजिटल पेमेंट में बढ़ोतरी के बीच डेबिट कार्ड बेस्ड ट्रांजैक्शन में गिरावट दर्ज हुई है। आंकड़ों के अनुसार, डेबिट कार्ड से होने वाला लेनदेन इस साल अगस्त में लगभग 43,350 करोड़ रुपये से घटकर सितंबर में लगभग 39,920 करोड़ रुपये रह गया। दूसरी ओर, देश में क्रेडिट कार्ड से लेनदेन बढ़ा है।
स्पेन के राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज (Pedro Sanchez) ने अपने भारत दौरे के दौरान मुंबई में भगवान गणेश की मूर्ति खरीदी। इस मूर्ति की खरीदारी उन्होंने UPI का इस्तेमाल करके की। यूपीआई का इस्तेमाल करने वाले स्पेनिश राष्ट्रपति, भारत की प्रमुख डिजिटल पेमेंट तकनीक को अपनाने वाले लेटेस्ट हाई-प्रोफाइल विदेशी लीडर बन गए हैं। पेड्रो सांचेज का भारत में यूपीआई का इस्तेमाल करना, ग्लोबल लेवल पर यूपीआई के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने पेटीएम को इसके लिए हरी झंडी दी है। कुछ महीने पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से पेटीएम की बैंकिंग यूनिट पर बैन लगाया गया था। इस बैन का कारण कम्प्लायंस से जुड़े मुद्दे थे। इसके बाद पेटीएम के शेयर प्राइस में भारी गिरावट हुई थी। हालांकि, पिछले कुछ महीनों में इसमें कुछ रिकवरी हुई है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने यूपीआई लाइट की वॉलेट लिमिट को बढ़ाकर 5 हजार रुपये कर दिया है। पहले यह 2 हजार रुपये थी। रोजाना लेनदेन की लिमिट को 500 रुपये से बढ़ाकर 1 हजार रुपये कर दिया गया है। इसी तरह से यूपीआई123पे (UPI 123 PAY) के लिए रोजाना लेनदेन की लिमिट को 5 हजार रुपये से 10 हजार रुपये कर दिया है। गौरतलब है कि UPI 123PAY का इस्तेमाल फीचर फोन यूजर्स करते हैं।
भारत का UPI पेमेंट सिस्टम दुनिया में डिजिटल पेमेंट का सबसे बड़ा माध्यम बन गया है। इसने अमेरिका, चीन और ब्राजील के पेमेंट सिस्टमों को पीछे छोड़ दिया है। अगस्त महीने में रिकॉर्ड 14.96 अरब यूपीआई लेनदेन हुए। हर सेकंड 3,729.1 लेनदेन प्रोसेस हुए। इसने चीन के Alipay, अमेरिका के PayPal और ब्राजील के पीआईएक्स को पीछे छोड़ दिया है। UPI से हर महीने 60 लाख नए यूजर्स जुड़ रहे हैं। देश में 40 फीसदी से ज्यादा पेमेंट डिजिटली किए जा रहे हैं।
इस सर्विस का इस्तेमाल मर्चेंट्स और होटल्स के साथ ही ऑनलाइन शॉपिंग और ट्रैवल बुकिंग के लिए किया जा सकेगा। UPI का विदेश में भी तेजी से एक्सपैंशन किया जा रहा है
नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के लेटेस्ट डेटा में यह जानकारी दी गई है। हालांकि लेनदेन की संख्या मई के 14 अरब के आंकड़े से थोड़ी सी कम है।
जनवरी में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने पेटीएम की बैंकिंग यूनिट पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (PPBL) को बंद करने का ऑर्डर दिया था। इससे पेटीएम को बड़ा झटका लगा था
UPI ट्रांजैक्शंस में PhonePe की हिस्सेदारी 48.3 प्रतिशत और Google Pay की 37.6 प्रतिशत की है। RBI की ओर से बंदिशें लगाने के बाद Paytm Payments Bank का मार्केट शेयर घटा है