नए सिस्टम का सबसे बड़ा फायदा यही है कि अब लोगों को PIN याद रखने की झंझट नहीं होगी। फिंगरप्रिंट या फेस ऑथेंटिकेशन से आपका ट्रांजेक्शन उतना ही आसान होगा जितना फोन अनलॉक करना।
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नए सिस्टम का सबसे बड़ा फायदा यही है कि अब लोगों को PIN याद रखने की झंझट नहीं होगी
NPCI और RBI ने मिलकर डिजिटल पेमेंट्स को एक नए लेवल पर ले जाने की तैयारी कर ली है। अब UPI ट्रांजेक्शंस के लिए हर बार PIN डालने की झंझट खत्म होने वाली है। इसके बजाय यूजर्स अपने स्मार्टफोन के फिंगरप्रिंट स्कैनर या फेस अनलॉक का इस्तेमाल करके पेमेंट कर सकेंगे। यह फीचर खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद रहेगा जो बार-बार PIN टाइप करने में दिक्कत महसूस करते हैं या मोबाइल पेमेंट में नए हैं।
NPCI के मुताबिक, यह फीचर वैकल्पिक (optional) रहेगा यानी अगर कोई यूजर चाहे तो पुराना PIN सिस्टम भी इस्तेमाल कर सकता है। लेकिन बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन से पेमेंट करने पर पूरी प्रोसेस तेज और आसान हो जाएगी। चलिए पूरा प्रोसेस जानते हैं।
शुरुआत में यह सुविधा 5,000 रुपये तक के पेमेंट्स के लिए ही एक्टिव रहेगी। इससे ज्यादा अमाउंट पर सुरक्षा कारणों से PIN डालना जरूरी होगा।
नए सिस्टम का सबसे बड़ा फायदा यही है कि अब लोगों को PIN याद रखने की झंझट नहीं होगी। फिंगरप्रिंट या फेस ऑथेंटिकेशन से आपका ट्रांजेक्शन उतना ही आसान होगा जितना फोन अनलॉक करना। इसके साथ ही सिक्योरिटी लेवल भी बढ़ जाएगा, क्योंकि जहां कोई PIN चोरी कर सकता है, वहीं फिंगरप्रिंट या चेहरा कॉपी नहीं किया जा सकता।
अक्सर देखा गया है कि लोग गलत PIN डाल देते हैं और ट्रांजेक्शन फेल हो जाता है। नए बायोमेट्रिक सिस्टम में यह दिक्कत खत्म हो जाएगी। साथ ही पेमेंट प्रोसेस तेज होने से दुकानों, मॉल्स और भीड़भाड़ वाली जगहों पर भी समय बचेगा।
NPCI ने साफ किया है कि हर बायोमेट्रिक ट्रांजेक्शन बैंक और UIDAI की गाइडलाइन्स के तहत वेरिफाई होगा। अगर कोई यूजर 90 दिनों तक इस फीचर का इस्तेमाल नहीं करता, तो उसकी सहमति दोबारा ली जाएगी।
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