भारतीय एक्सचेंजों पर बिटकॉइन का प्राइस लगभग एक प्रतिशत बढ़कर लगभग 58,718 डॉलर पर था। इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर यह 1.60 प्रतिशत से अधिक की तेजी के साथ लगभग 55,170 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था।
बिटकॉइन का प्राइस भारतीय और इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर 1.06 प्रतिशत से लगभग 2.03 प्रतिशत के बीच गिरा है। इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर इसका प्राइस लगभग 56,530 डॉलर और CoinDCX जैसे भारतीय एक्सचेंजों पर लगभग 60,353 डॉलर का था।
इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर बिटकॉइन का प्राइस लगभग 56,560 डॉलर और भारतीय एक्सचेंजों पर 60,000 डॉलर से कुछ अधिक पर था। पिछले कुछ सप्ताह से बिटकॉइन पर प्रेशर है। इसके पीछे बिकवाली ज्यादा होना और मैक्रो इकोनॉमिक कारण हैं
क्रिप्टोकरेंसीज खरीदने की सुविधा देने वाले क्रिप्टो ATMs गैर कानूनी ट्रांजैक्शंस का एक बड़ा जरिया बन रहे हैं। इन ATMs से लोग कैश के अलावा डेबिट और क्रेडिट से भी क्रिप्टोकरेंसीज खरीद सकते हैं
सितंबर के महीने में इस मार्केट में पिछले कुछ वर्षों में गिरावट रही है। हालांकि, यह ट्रेंड बदल सकता है। इसके पीछे अमेरिका में प्रेसिडेंट का चुनाव, इंटरेस्ट्स रेट्स में कमी की संभावना और ETF में फंडिंग बढ़ना जैसे कारण हो सकते हैं
मौजूदा वर्ष की पहली छमाही में इंटरनेशनल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट का कैपिटलाइजेशन लगभग 44 प्रतिशत बढ़कर 720 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इस वर्ष की शुरुआत में बिटकॉइन ETFs के लॉन्च से इस सेगमेंट की ग्रोथ तेजी से बढ़ी है
मौजूदा वर्ष की पहली छमाही में इंटरनेशनल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट का कैपिटलाइजेशन लगभग 44 प्रतिशत बढ़कर 720 अरब डॉलर पर पहुंचा है। इस वर्ष की शुरुआत में बिटकॉइन ETFs के लॉन्च से इस सेगमेंट की ग्रोथ तेजी से बढ़ी है
मौजूदा वर्ष की पहली छमाही में इंटरनेशनल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट का कैपिटलाइजेशन लगभग 44 प्रतिशत बढ़कर 720 अरब डॉलर पर पहुंच गया। बिटकॉइन ETFs के लॉन्च से इस सेगमेंट की ग्रोथ तेजी से बढ़ी है
मौजूदा वर्ष की पहली छमाही में इंटरनेशनल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट का कैपिटलाइजेशन लगभग 44 प्रतिशत बढ़कर 720 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इस वर्ष की शुरुआत में बिटकॉइन ETFs के लॉन्च से इस सेगमेंट की ग्रोथ तेजी से बढ़ी है
अमेरिका में प्रेसिडेंट के चुनाव में उम्मीदवार Donald Trump और इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) मेकर Tesla के CEO, Elon Musk के बीच हुई चर्चा में क्रिप्टो सेगमेंट के लिए रेगुलेशंस का जिक्र नहीं होने से भी क्रिप्टो मार्केट को निराशा हुई है
देश में क्रिप्टो से जुड़ी फर्मों को अपने बिजनेस को सुरक्षित और कानूनी तरीके से बढ़ाने के लिए एक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क का इंतजार है। हालांकि, केंद्र सरकार की इस सेगमेंट को रेगुलेट करने की कोई योजना नहीं है