पिछले कई वर्षों से आर्थिक बदहाली का सामना कर रहे पाकिस्तान ने हाल ही में अमेरिकी प्रेसिडेंट Donald Trump को खुश करने के लिए बिटकॉइन का रिजर्व बनाने की घोषणा की थी। पाकिस्तान में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी ट्रांजैक्शंस गैर कानूनी होने के कारण इस योजना को बड़ा झटका लगा है।
हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री Shehbaz Sharif के क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन पर स्पेशल असिस्टेंट, Bilal Bin Saqib ने बताया था कि अमेरिका से प्रेरित होकर पाकिस्तान भी
बिटकॉइन का रिजर्व बना रहा है। पाकिस्तान ने बिटकॉइन माइनिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ( AI) डेटा सेंटर्स के लिए 2,000 MW की सरप्लस इलेक्ट्रिसिटी भी उपलब्ध कराने की जानकारी दी थी। साकिब ने बताया था कि इस रिजर्व के लिए एक बिटकॉइन वॉलेट बनाया जाएगा जिसमें सरकार की कस्टडी में डिजिटल एसेट्स को रखा जाएगा। उन्होंने कहा था कि इस रिजर्व में शामिल बिटकॉइन की बिक्री नहीं की जाएगी। पाकिस्तान में एक क्रिप्टो काउंसिल भी बनाई गई थी। हालांकि, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान और वहां की मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान में
क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी ट्रांजैक्शंस गैर कानूनी हैं। एक मीडिया रिपोर्ट में वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि मौजूदा रेगुलेशंस के तहत, पाकिस्तान में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी ट्रांजैक्शंस पर प्रतिबंध है।
नेशनल असेंबली की फाइनेंस और रेवेन्यू पर स्टेंडिंग कमेटी के एक सेशन में फाइनेंस सेक्रेटरी Imdadullah Bosal ने बताया कि हाल ही में डिजिटल एसेट्स के सेगमेंट को बढ़ावा देने के लिए क्रिप्टो काउंसिल बनाए जाने के बावजूद मौजूदा रेगुलेशंस में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध है।
इस वर्ष मार्च में ट्रंप ने अमेरिका में बिटकॉइन का स्ट्रैटेजिक रिजर्व बनाने के लिए एक एग्जिक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर किए थे। इस ऑर्डर में यह स्पष्ट किया गया है कि क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए टैक्सपेयर्स की रकम का इस्तेमाल नहीं होगा। इसमें यह भी कहा गया है कि स्ट्रैटेजिक रिजर्व में जमा किए गए बिटकॉइन को बेचा नहीं जाएगा। इसका मतलब है कि अमेरिका की सरकार बिटकॉइन की सप्लाई का एक हिस्सा सर्कुलेशन से बाहर करेगी। एक अनुमान के अनुसार, अमेरिका की सरकार के पास 1,98,000 से अधिक बिटकॉइन हैं जिनकी वैल्यू 21.2 अरब डॉलर से अधिक की है। इन बिटकॉइन्स में से अधिकतर को अमेरिकी सरकार ने आपराधिक मामलों में जब्त किया था।