पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टो का सेगमेंट तेजी से बढ़ा है। इसके साथ ही इस सेगमेंट से जुड़े स्कैम के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है। स्कैमर्स के इनवेस्टर्स को ठगने के तरीकों में भी बदलाव हो रहा है। इनवेस्टर्स को धोखा देने के लिए स्कैमर्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ( AI) का भी इस्तेमाल कर रहे हैं।
क्रिप्टो एक्सचेंज Bitget ने अपनी एंटी-स्कैम
रिपोर्ट में बताया है कि पिछले वर्ष इंटरनेशनल
क्रिप्टो स्कैम्स में लगभग 4.6 अरब डॉलर (लगभग 39,364 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि स्कैमर्स के ठगी के तरीकों में भी बदलाव हो रहा है और ये सोशल इंजीनियरिंग स्कैम्स के साथ डीपफेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल भी कर रहे हैं। इस रिपोर्ट को ब्लॉकचेन सिक्योरिटी फर्म्स SlowMist और Elliptic से मिलने इनपुट्स के साथ तैयार किया गया है। Bitget की CEO, Gracy Chen ने बताया कि AI ने स्कैम्स को तेज, सस्ता और यहां तक कि पकड़ने में अधिक मुश्किल बना दिया है। उदाहरण के लिए, स्कैमर्स AI-जेनरेटेड फेक स्टेकिंग ऑफर्स और फिशिंग बॉट्स का इस्तेमाल कर इनवेस्टर्स को ठग रहे हैं।
इस रिपोर्ट में डीपफेक वीडियोज से जुड़े कुछ मामलों की जानकारी दी गई है जिनमें बिलिनेयर Elon Musk और सिंगापुर के प्रधानमंत्री Lee Hsien Loong जैसी सार्वजनिक हस्तियों के इंटरनेट पर डीपफेक वीडियोज पोस्ट कर जाली स्कीमों का प्रचार किया गया था। चेन ने कहा, "क्रिप्टो सेगमेंट के लिए सबसे बड़ा खतरा वोलैटिलिटी नहीं, बल्कि धोखाधड़ी है। हमारा मानना है कि इससे लड़ने के लिए टेक्नोलॉजी के साथ ही इकोसिस्टम को भी मजबूत बनाने की जरूरत होगी।" इस रिपोर्ट में क्रिप्टो से जुड़ी कम्युनिटी को अज्ञात या संदिग्ध व्यक्तियों और सर्विसेज के खिलाफ सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
स्कैमर्स अपने शिकार को धोखा देने के लिए मामूली छूट और एयरड्रॉप जैसे लालच भी दे सकते हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है, "ईमेल, LinkedIn या Telegram के जरिए अंजान कॉन्टैक्ट से संभलकर रहना चाहिए। अजनबियों की ओर से दिए गए कोड को न चलाएं और न ही फाइल्स को इंस्टॉल करें। इसमें जॉब टेस्ट्स या ऐप डेमोज की आड़ में डिवाइस में सेंध लगाने की कोशिश शामिल हो सकती है। अगर आपको लगता है कि आपके डिवाइस में सेंध लगाई गई है तो इसे तुरंत इंटरनेट से डिसकनेक्ट करें और फंड को सुरक्षित वॉलेट्स में ट्रांसफर कर दें।"