IT हार्डवेयर मैन्युफैक्चरिंग में बड़े इनवेस्टमेंट्स को आकर्षित करने के उद्देश्य से सरकार ने दो अरब डॉलर की मैन्युफैक्चरिंग इंसेंटिव स्कीम की घोषणा की थी। सरकार का लक्ष्य 2026 तक इलेक्ट्रॉनिक्स का वार्षिक प्रोडक्शन बढ़ाकर 300 अरब डॉलर करने का है
हाल ही में लॉन्च हुए Realme 11 Pro+ 5G स्मार्टफोन के वीडियो रिव्यू के दौरान यूट्यूब चैनल Trakin Tech द्वारा एन्हांस्ड इंटेलिजेंट सर्विसेज नाम का एक सेटिंग ऑप्शन देखा गया।
सर्वे में सामने आया है कि 10 में से 9 लोग इस बात के पक्ष में हैं कि स्मार्टफोन और टैबलेट के लिए एक जैसा चार्जर उपलब्ध होना चाहिए। वहीं, 10 में से 7 लोगों का कहना है अलग-अलग डिवाइसेस के लिए अलग-अलग चार्जर बनाकर कंपनियां ज्यादा एक्सेसरी बेचने की कोशिश कर रही हैं।
फोड के दावे के बाद, Pixel के सपोर्ट फोरम के साथ-साथ ट्विटर पर कई व्हाट्सऐप यूजर्स ने कहा है कि ऐप से बाहर निकलने या बंद करने के बाद भी उनके डिवाइस पर माइक्रोफोन से संबंधित हरे रंग का डॉट एक्टिव दिख रहा है।
दूरसंचार विभाग (DoT) और MeitY के अधिकारी बुधवार को देश में बड़े पैमाने पर 5G सर्विस के इस्तेमाल पर चर्चा करने के लिए दूरसंचार ऑपरेटरों और स्मार्टफोन कंपनियों से मिलेंगे।
DigiLocker एक क्लाउड स्टोरेज सर्विस है, उन दस्तावेजों के लिए जो कि Digital India Corporation (DIC) के अन्तर्गत Ministry of Electronics & IT (MeitY) द्वारा जारी किए जाते हैं।
इससे पहले जनवरी में, चंद्रशेखर ने कहा था कि सरकार एक ऐसी पॉलिसी लाने की योजना बना रही है, जो Google के Android और Apple के iOS के ऑप्शन के रूप में एक स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने के लिए इंडस्ट्री को इकोसिस्टम मुहैया कराएगी।
MeitY ने अपने जवाब में केवल इतना कहा है कि PUBG या किसी अन्य कंपनी/मोबाइल ऐप के भारत में लॉन्च की अनुमति देने में इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की कोई भूमिका नहीं है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) और सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने संयुक्त रूप से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाने के लिए 25 फरवरी को सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2021 पेश किए थे।
पिछले कुछ समय से पबजी मोबाइल की वापसी पर कई तरह की खबरे आ गई है। एक तरफ PUBG Corp का PUBG Mobile India को घोषित करना और दूसरी तरफ गेम की वापसी को लेकर MeiTY की चुप्पी ने फैंस को असमंजस में डाला हुआ है।
माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट और ऐप Koo नया नहीं है। इसकी शुरुआत मार्च 2020 में Aprameya Radhakrishna और Mayank Bidawatka द्वारा की गई थी। हालांकि अब दिग्गज भारतीय नेताओं और बड़े मंत्रालयों द्वारा इसके प्रचार करने के बाद Koo को लोग जान रहे हैं।
TikTok (टिकटॉक), WeChat (वीचैट) समेत 59 चाइनीज कंपनियों को भारत में परमानेंट बैन कर दिया गया है। मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (MeitY) ने पिछले साल इन ऐप्स पर बैन लगाया था।