पिछले कुछ वर्षों में स्पैम कॉल्स और मैसेज की समस्या तेजी से बढ़ी है। इस समस्या पर लगाम लगाने के लिए टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने कुछ उपाय किए हैं। TRAI के नए रूल्स के तहत, स्पैम को रोकने में नाकाम रहने पर टेलीकॉम कंपनियों पर पेनल्टी लगाई जाएगी। Reliance Jio और Bharti Airtel जैसी बड़ी टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि इन रूल्स से कुछ आशंकाओं का समाधान नहीं होगा।
प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों के संगठन सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने
कहा है, "इस समस्या से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए एक विस्तृत नजरिए की जरूरत है।" टेलीकॉम कंपनियों पर पेनल्टी लगाना कोई समाधान नहीं है। इससे अवांछित कमर्शियल कम्युनिकेशंस को रोकने के प्रमुख मुद्दे का समाधान नहीं होगा। अगर ऐसी पेनल्टी लगाने की जरूरत है तो वह टेलीकॉम कंपनियों पर नहीं ब्लकि स्पैम कॉल्स और मैसेज करने वालों पर लगाया जाना चाहिए।
TRAI के नए रूल्स के तहत स्पैम कॉल्स और मैसेज की गलत रिपोर्ट देने वाली टेलीकॉम कंपनियों पर पेनल्टी लगाई जाएगी। इसके साथ ही
TRAI ने सभी टेलीकॉम कंपनियों के लिए कॉल्स की बहुत अधिक संख्या, कॉल की कम अवधि और इनकमिंग से आउटगोइंग कॉल्स की कम रेशो जैसे मापदंडों के आधार पर कॉल और SMS का एनालिसिस करना भी अनिवार्य किया है। इससे स्पैमर्स की जल्द पहचान की जा सकेगी। टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशंस कस्टमर प्रेफरेंस रेगुलेशंस (TCCCPR) में संशोधन कर ग्रेडेड पेनल्टी का प्रावधान लागू किया गया है। इसमें टेलीकॉम कंपनियों पर स्पैम कॉल्स और मैसेज की संख्या की गलत रिपोर्ट देने पर पेनल्टी चुकानी होगी।
नए रूल्स के तहत, टेलीकॉम कंपनियों को पहले उल्लंघन पर दो लाख रुपये, दूसरे उल्लंघन पर पांच लाख रुपये और इसके बाद प्रत्येक उल्लंघन पर 10 लाख रुपये की पेनल्टी देनी होगी। COAI ने बताया है कि नए रूल्स के दायरे में WhatsApp और Telegram जैसे कम्युनिकेशन ऐप्स को शामिल नहीं किया गया है। इन ऐप्स पर भी स्पैम की मात्रा बढ़ी है। इससे वित्तीय अपराधों में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। TRAI का मैसेज ट्रेसेबिलिटी कहा जाने वाला नया रूल भी लागू हो गया है। इस रूल से स्पैम मैसेज को घटाने में सहायता मिलेगी। नए सिस्टम से मैसेज भेजने वाले व्यक्ति से लेकर इसकी डिलीवरी तक को ट्रैक किया जा सकेगा।