इंटरनेट सर्च इंजन Google के क्रोम ब्राउजर का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के लिए हाई-रिस्क की चेतावनी दी गई है। मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के तहत आने वाली इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) की ओर से जारी की गई इस चेतावनी में यूजर्स को गूगल क्रोम ब्राउजर और ChromeOS वाले डिवाइसेज को अपडेट करने की सलाह दी गई है।
एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि CERT-In की
एडवाइजरी में बताया गया है कि गूगल क्रोम के पुराने वर्जन में कुछ कमियां हैं जिससे यूजर्स के डेटा और सिस्टम को रिस्क है। इसमें Windows और Mac के लिए Google Chrome के 132.0.6834.110/111 से पुराने वर्जन, Linux के लिए 132.0.6834.110 और 16093.68.0 से पहले के ChromeOS वर्जन शामिल हैं। इसका समाधान करने के लिए गूगल ने डेस्कटॉप प्लेटफॉर्म्स पर गूगल क्रोम के लिए Stable Channel अपडेट रिलीज किया है। गूगल ने बताया है कि यह अपडेट जल्द ही सभी यूजर्स के लिए उपलब्ध होगा। Chromebook के यूजर्स को भी डिवाइसेज को ChromeOS के नए वर्जन पर अपडेट करने की सलाह दी गई है।
इस एडवाइजरी में कहा गया है कि गूगल क्रोम के सभी यूजर्स को इन कमियों से जुड़े रिस्क से बचने के लिए जितना जल्द हो सके अपडेट करना चाहिए। अपडेट को देखने के लिए यूजर्स अपने ब्राउजर या ChromeOS के सेटिंग्स मेन्यू में जा सकते हैं। इससे पहले भी CERT-In की ओर से गूगल क्रोम यूजर्स के लिए एक आपात एडवाइजरी जारी की गई थी।
हाल ही में टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) ने कुछ विदेशी कोड्स से आने वाली कॉल्स से सतर्क रहने की सलाह दी थी। इन कोड्स में +77, +84, +85, +86 और +89 शामिल हैं। संदिग्ध कॉल्स की रिपोर्ट Sanchar Saathi पोर्टल पर दी जा सकती है। इससे
DoT को इन फोन नंबर्स को ब्लॉक करने में सहायता मिलती है। मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष के पहले 10 महीनों में देश में स्कैमर्स ने लगभग 2,140 करोड़ रुपये की ठगी की थी। पिछले कुछ वर्षों में सायबर फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़े हैं। इससे पहले इंडियन सायबरक्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) और DoT ने विदेशी हैकर्स के कम से कम 17,000 वॉट्सऐप एकाउंट्स को ब्लॉक किया था। इसका लक्ष्य विदेशी क्रिमिनल नेटवर्क को नष्ट करना और डिजिटल सुरक्षा को बढ़ाना है।