Nasa की नजर से अब कुछ नहीं बचेगा! Pace सैटेलाइट लॉन्‍च, क्‍या काम करेगा? जानें

Pace सैटेलाइट को एलन मस्‍क की स्‍पेस कंपनी स्‍पेसएक्‍स (SpaceX) ने लॉन्‍च किया। मिशन की लागत 948 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 7866 करोड़ रुपये) है।

Nasa की नजर से अब कुछ नहीं बचेगा! Pace सैटेलाइट लॉन्‍च, क्‍या काम करेगा? जानें

Photo Credit: Nasa

यह सैटेलाइट पृथ्‍वी से 676 किलोमीटर ऊपर रहकर पृथ्‍वी के महासागरों और वायुमंडल को स्‍टडी करेगा।

ख़ास बातें
  • अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी का सैटेलाइट हुआ लॉन्‍च
  • Pace सैटेलाइट करेगा महासागरों और वायुमंडल को स्‍टडी
  • स्‍पेसएक्‍स के फाल्‍कन रॉकेट ने लॉन्‍च किया सैटेलाइट
विज्ञापन
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने अपने लेटेस्‍ट सैटेलाइट को लॉन्‍च कर दिया है। इसका नाम पेस (Pace) है, जिसका पूरा मतलब है- Plankton, Aerosol, Cloud, Ocean Ecosystem (प्लैंकटन, एरोसोल, क्‍लाउड, महासागर इकोसिस्‍टम)। जैसाकि नाम से ही जाहिर होता है, यह सैटेलाइट दुनियाभर के महासागरों और वायमुंडल के बारे में वो जान‍कारियां जुटाएगा, जो अबतक छुपी हुई हैं। Pace सैटेलाइट को एलन मस्‍क की स्‍पेस कंपनी स्‍पेसएक्‍स (SpaceX) ने लॉन्‍च किया। मिशन की लागत 948 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 7866 करोड़ रुपये) है। 

रिपोर्ट के अनुसार, स्‍पेसएक्‍स के फाल्कन रॉकेट ने सैटेलाइट को लॉन्‍च किया। यह सैटेलाइट पृथ्‍वी से 676 किलोमीटर ऊपर रहकर पृथ्‍वी के महासागरों और वायुमंडल को स्‍टडी करेगा। तीन साल का यह मिशन हर रोज 2 साइंटिफ‍िक इंस्‍ट्रूमेंट्स के जरिए ग्‍लोब को स्‍कैन करेगा।  
 

प्रोजेक्‍ट साइंटिस्‍ट जेरेमी वेर्डेल ने कहा कि यह हमारे ग्रह के लिए अभूतपूर्व है। सैटेलाइट के ऑब्‍जर्वेशन से वैज्ञानिकों को तूफान व मौसम के अन्‍य पूर्वानुमानों को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी। यह भी पता चलेगा कि टेंपरेचर बढ़ने से हमारे ग्रह पर क्‍या असर हो रहा है। 

Pace मिशन से पहले भी नासा के करीब दो दर्जन अर्थ ऑब्‍जर्वेशन सैटेलाइट अंतरिक्ष से पृथ्‍वी को टटोल रहे हैं। पेस मिशन इसलिए अलग होगा क्‍योंकि यह इस बारे में जानकारी दे सकता है कि प्रदूषक और ज्वालामुखी की राख  जैसे वायुमंडलीय एरोसोल, शैवाल और प्लैंकटन जैसे समुद्री जीवन के साथ कैसे इंटरेक्‍ट करते हैं। कुल मिलाकर यह हानिकारक शैवालों और प्रदूषकों  के बीच कनेक्‍शन का पता लगा सकता है। 

खास यह भी है कि मौजूदा सैटेलाइट्स सात या आठ रंगों में पृथ्‍वी का ऑब्‍जर्वेशन कर सकते हैं, जबकि पेस सैटेलाइट 200 कलर्स में हमारे ग्रह को टटोलेगा। इससे वैज्ञानिकों को समुद्र में शैवाल के टाइप और हवा में मौजूद प्रदूषकों के प्रकारों की पहचान करने में मदद मिलेगी। वैज्ञानिकों को उम्‍मीद है कि उन्‍हें एक-दो महीने में डेटा मिलने लगेगा। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. OnePlus Pad 3 की जल्द शुरू होगी भारत में सेल, 12,140mAh की पावरफुल बैटरी
  2. AI से कहीं रोजगार का खतरा तो कुछ सेक्टर में जॉब्स की बहार
  3. Amazon से बाहर हुए सैंकड़ों वर्कर्स, क्लाउड डिविजन पर बड़ा असर
  4. सांसदों ने WhatsApp को कह दिया 'देश के लिए खतरा', जल्द लग सकता है बैन!
  5. Apple ने इस पॉपुलर YouTuber पर ठोका केस, लीक के लिए जासूसी के लगाए आरोप!
  6. Lava का Blaze Dragon जल्द होगा भारत में लॉन्च, AI सपोर्ट के साथ 50 MP का प्राइमरी कैमरा
  7. iQOO Z10R में मिलेगा 50 मेगापिक्सल Sony IMX882 प्राइमरी कैमरा, भारत में अगले सप्ताह लॉन्च
  8. Lyne Originals ने लॉन्च किए Coolpods 11 TWS और स्मार्ट सेल्फी स्टिक्स 
  9. 65, 75 इंच वाले Mini LED TV भारतीय मार्केट में लॉन्च, जानें कीमत
  10. Tecno ने 3 बार फोल्ड होने वाला मोबाइल कॉन्सेप्ट किया पेश, जानें सबकुछ
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »