लेनोवो के मोटो जी सीरीज़ को वैल्यू फॉर मनी प्रोडक्ट के लिए जाना जाता है। और भारतीय ग्राहकों ने इन हैंडसेट को हाथों-हाथ लिया है। 2014 से अब तक 70 लाख मोटो जी हैंडसेट भारत में बेचे गए हैं। इस सीरीज़ के पांचवें जेनरेशन के डिवाइस मोटो जी5 और मोटो जी5 प्लस को कुछ महीने पहले ही
भारत में लॉन्च किया गया था। ये अब भी मार्केट में उपलब्ध हैं और इस बीच लेनोवो ने दोनों ही हैंडसेट का स्पेशल एडिशन मार्केट में उतार दिया है।
नए
Moto G5S और
Moto G5S Plus हैंडसेट को भारत में पिछले महीने लॉन्च किया गया था। दोनों ही हैंडसेट के साथ नए फीचर और अपग्रेड का वादा किया गया है। मोटोरोला ब्रांड के लिए यह साल बेहद ही व्यस्त रहा है।
मोटो ई,
मोटो सी और
मोटो ज़ेड हैंडसेट भारत में लॉन्च हो चुके हैं। वहीं,
मोटो एक्स4 को हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मार्केट में उतारा गया था। जी सीरीज़ के नए हैंडसेट पेश करने के पीछे लेनोवो ने 15,000 रुपये वाले प्राइस सेगमेंट में बढ़ रही चुनौतियों को अहम वजह बताई है। वहीं, ग्राहक भी खर्च से बहुत ज़्यादा परहेज नहीं कर रहे। क्या यह रणनीति लेनोवो के काम आएगी? आइए जानते हैं।
Moto G5S Plus और Moto G5S डिज़ाइन
लेनोवो अपने मोटो जी डिवाइस को सस्ते दाम में बेहतर स्पेसिफिकेशन वाले हैंडसेट से ज़्यादा ‘वैल्यू फॉर मनी’ प्रोडक्ट के तौर पर देखती है। ये फोन फंक्शनल होने के साथ मजबूत होते हैं। लेकिन इन्हें कभी खूबसूरती के लिए नहीं जाना गया। Moto G5 और G5 Plus, कंपनी की मोटो जी सीरीज़ के शुरुआती हैंडसेट हैं जिनमें मेटल का थोड़ा-बहुत इस्तेमाल हुआ था। स्पेशल एडिशन डिवाइस में कंपनी ने इस रणनीति को और आगे ले जाने की कोशिश की है।
Moto G5S और G5S Plus फुल-मेटल बॉडी डिवाइस हैं। डिवाइस हाथों में रखने पर पुराने वेरिएंट से ज़्यादा प्रीमियम होने का एहसास देते हैं, खासकर मोटो जी5एस प्लस।
हाल के मोटो डिवाइस में एक जैसे डिज़ाइन लैंगवेज का इस्तेमाल हुआ है। इसमें कोई बुराई नहीं है। दोनों ही फोन के फ्रंट पैनल पर फिंगरप्रिंट रीडर हैं जो बिना परेशानी काम करते हैं। दोनों ही हैंडसेट के फ्रंट पैनल लगभग एक जैसे हैं।
पुराने स्टाइल वाला माइक्रो-यूएसबी पोर्ट फोन के निचले हिस्से पर है। इसके दोनों तरफ स्पीकर ग्रिल और माइक्रोफोन को जगह मिली है। कैमरे के लिए सर्कुलर उभार है जिसमें सेंसर और फ्लैश मॉड्यूल को जगह मिली है। जाना-पहचाना मोटो लोगो बीच में है और एंटीना बैंड अब भी साफ नज़र आते हैं। कुल मिलाकर, मोटो जी5एस और मोटो जी5एस प्लस दिखने में पुराने वेरिएंट से बहुत बेहतर हैं। दोनों ही हैंडसेट पानी के मामूली छीटों से सुरक्षित हैं, क्योंकि ये नैनो कोटिंग के साथ आते हैं।
Moto G5 Plus (
रिव्यू) की तुलना में मोटो जी5एस प्लस ज़्यादा चौड़ा है और स्क्रीन भी बड़ा है। यह फोन एक हाथ से इस्तेमाल करने के लिए उपयुक्त नहीं है। 168 ग्राम वज़न को मैनेज करना संभव है। दूसरी तरफ, Moto G5S की बिल्ड क्वालिटी शानदार है। और बनावट ऐसी है कि इसे एक हाथ से इस्तेमाल करना सहूलियत भरा है। 157 ग्राम वाला यह फोन अपनी बॉडी के हिसाब से हलका होने का एहसास देता है।
मोटो जी5एस प्लस का 5.5 इंच का फुल-एचडी स्क्रीन कॉर्निंग गोरिल्ला ग्लास 3 प्रोटेक्शन के साथ आता है। यह एक ब्राइट पैनल है। टेक्स्ट और इमेज क्रिस्प नज़र आते हैं। कलर्स स्क्रीन पर निखर कर आते हैं। हमें इससे कोई शिकायत नहीं है। व्यूइंग एंगल और ब्राइटनेस स्तर भी ठीक हैं।
मोटो जी5एस में 5.2 इंच का फुल-एचडी स्क्रीन है। इस पर भी कॉर्निंग गोरिल्ला ग्लास 3 की प्रोटेक्शन मौज़ूद है। यह दैनिक इस्तेमाल के लिए बना है। ब्राइटनेस ठीक-ठाक है। हालांकि, इसका पैनल हमारी पसंद से ज़्यादा रिफ्लेक्ट कर रहा था। सूरज की सीधी रोशनी में हमें इस पर पढ़ पाने में दिक्कत हुई। इस वजह से बार-बार ब्राइटनेस को सर्वाधिक स्तर पर ले जाना पड़ा। व्यूइंग एंगल अच्छे हैं लेकिन हमें आउटडोर इस्तेमाल करने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।
दोनों ही फोन हरे रंग के रिटेल बॉक्स में आते हैं जिन पर आगे की तरफ "special edition" साफ-साफ लिखा है। इससे साफ हो जाता है कि ये फोन मोटो जी फोन के पांचवें जेनरेशन डिवाइस के अपग्रेड हैं। आपको एक टर्बो पावर चार्जिंग एडप्टर, माइक्रो-यूएसबी केबल, सिम इजेक्टर टूल और हेडसेट मिलेगा।
Moto G5S Plus और Moto G5S के स्पेसिफिकेशन व सॉफ्टवेयर
मोटो जी5एस प्लस में 5.5 इंच का फुल-एचडी (1080x1920 पिक्सल) आईपीएस एलसीडी डिस्प्ले है। इसमें क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 625 ऑक्टा-कोर प्रोसेसर के साथ 4 जीबी रैम मौज़ूद हैं।
मोटो जी5एस प्लस के डुअल रियर कैमरा फीचर की जोर-शोर से मार्केटिंग हो रही है। Moto G5S प्लस में पिछले हिस्से पर 13 मेगापिक्सल के दो रियर कैमरे हैं। दोनों का ही अपर्चर एफ/2.0 है। आपको डेप्थ एडिटिंग सॉफ्टवेयर के साथ कलर करेक्ट करने वाला डुअल एलईडी फ्लैश मिलेगा। फ्रंट पैनल पर एफ 2.0 अपर्चर वाला 8 मेगापिक्सल का सेंसर है। यह एक वाइड एंगल लेंस है और एलईडी फ्लैश के साथ आता है।
इनबिल्ट स्टोरेज 64 जीबी है और ज़रूरत पड़ने पर 128 जीबी तक का माइक्रोएडी कार्ड इस्तेमाल करना संभव है। मोटो जी5एस प्लस में दो नैनो सिम स्लॉट हैं। हाइब्रिड स्लॉट के कारण इनमें से एक स्लॉट माइक्रोएसडी कार्ड स्लॉट के तौर पर काम आएगा। हैंडसेट के कनेक्टिविटी फीचर में 4जी, वाई-फाई, ब्लूटूथ 4.2, जीपीएस/ ए-जीपीएस, माइक्रो-यूएसबी और 3.5 हेडफोन जैक शामिल हैं। स्मार्टफोन की बैटरी 3000 एमएएच की है। टर्बोपावर चार्जर के कारण मात्र 15 मिनट के चार्ज में 6 घंटे तक की बैटरी लाइफ मिल जाएगी। इस हैंडसेट का वज़न 168 ग्राम और डाइमेंशन 153.5x76.2x8 मिलीमीटर।
अब बात छोटे वेरिएंट की। मोटो जी5एस में 5.2 इंच का फुल-एचडी स्क्रीन है। इस पर भी कॉर्निंग गोरिल्ला ग्लास 3 की प्रोटेक्शन मौज़ूद है। मोटो जी5एस में क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 430 ऑक्टा-कोर चिपसेट के साथ 4 जीबी रैम हैं। इनबिल्ट स्टोरेज 32 जीबी है और आप 128 जीबी तक का माइक्रोएसी कार्ड इस्तेमाल कर पाएंगे। लेनोवो ने मोटो जी5एस के सिंगल कैमरे के बारे में भी बढ़-चढ़कर बताया है। पिछले हिस्से पर 16 मेगापिक्सल का सेंसर है जो एफ 2.0 अपर्चर, फेज़ डिटेक्शन ऑटो फोकस और एलईडी फ्लैश से लैस है। फ्रंट पैनल पर 5 मेगापिक्सल का कैमरा दिया गया है। इस स्मार्टफोन के कनेक्टिविटी फीचर में 4जी वीओेएलटीई, वाई-फाई, ब्लूटूथ 4.2, जीपीएस/ ए-जीपीएस, माइक्रो-यूएसबी और 3.5 एमएम हेडफोन जैक शामिल हैं। इस स्मार्टफोन की भी बैटरी 3000 एमएएच की है और टर्बो चार्जर भी मिलेगा। वज़न 157 ग्राम है और डाइमेंशन 150x73.5x8.2 मिलीमीटर।
दोनों की हैंडसेट एंड्रॉयड 7.1 नूगा पर चलते हैं जो आज की तारीख में मार्कट में उपलब्ध लेटेस्ट एंड्रॉयड वर्ज़न नहीं है। अन्य मोटो डिवाइस की तरह मोटो जी5एस और मोटो जी5एस प्लस में मोटोरोला के कुछ सॉफ्टवेयर फीचर भी हैं।
आपको एंड्रॉयड 7.1 नूगा के कई काम के फीचर मिलेंगे, जैसे- ऐप आइकन पर लंबे समय तक टैप करके क्विक एक्शन परफ़ॉर्म करने की सुविधा। स्पिल्ट स्क्रीन मल्टीटास्किंग फीचर मिलेगा। दोनों ही फोन में लगभग स्टॉक एंड्रॉयड का अनुभव मिलेगा, मोटोरोला के मामूली तड़के के साथ। आपको मोटो एक्शन्स और मोटो डिस्प्ले जैसे सॉफ्टवेयर फीचर मिलेंगे। मोटो एक्शन्स की मदद से आप वन बनट नेव को एक्टिवेट कर पाएंगे। इसके बाद आप फिंगरप्रिंट सेंसर के ज़रिए स्क्रीन पर नेविगेट कर पाएंगे। मोटो डिस्प्ले के तहत यूज़र नाइट डिस्प्ले मोड एक्टिव कर पाएंगे जो ब्लू लाइट को कम कर देता है। इसके अलावा स्टैंडबाय मोड में यह नोटिफिकेशन को फेड इन और फेड आउट कर देता है।
मोटो डिवाइस उन चुनिंगा गैर-गूगल स्मार्टफोन में से हैं जिन्हें एंड्रॉयड सिक्योरिटी अपडेट मिलता है। ऐसे में आप भविष्य में सॉफ्टवेयर अपडेट के लिए आश्वस्त रहिए। मोटो जी5एस और मोटो जी5एस प्लस में कोई अनचाहा ऐप भी नहीं मिलेगा।
Moto G5S Plus और Moto G5S के कैमरे
भारतीय मार्केट में डुअल कैमरा स्मार्टफोन की बाढ़ सी आ गई है। मोटो जी5एस प्लस इस क्लब का नया सदस्य है। यह काम करता है। हमें इसके डुअल कैमरा सेटअप से परिचित होने में थोड़ा वक्त लगा। आपके पास तस्वीरें लेने के बाद भी एडिट करने की सुविधा है लेकिन फोटो को अब भी पॉलिशिंग की ज़रूरत है। अच्छी रोशनी में डेप्थ शॉट में बैकग्राउंड पर्याप्त तौर पर ब्लर होते हैं। लेकिन किनारे स्पष्ट तौर पर परिभाषित नहीं लगते। इस पर लेनोवो को काम करना होगा। दूसरी तरफ, Xiaomi Mi A1 की तुलना में मोटो जी5एस प्लस कम रोशनी में फोटोग्राफी के लिए ज़्यादा सक्षम नज़र आता है। हम कम रोशनी में अच्छे खासे डिटेल और नियंत्रित नॉयज़ लेवल के साथ ठीक-ठाक शॉट लेने में सफल रहे।
अच्छी रोशनी में रेगुलर शॉट में भी नेचुलर कलर और टेक्सचर्स थे। मोटो जी5एस प्लस से लिए गए लैंडस्केप शॉट भी अच्छे आए। एचडीआर मोड भी अच्छा काम करता है। हालांकि, हमने पाया कि ब्राइट परिस्थितियों में हाइलाइट्स कई बार ज़्यादा एक्सपोज़ लगे।
हमारा मानना है कि कम रोशनी वाली परिस्थितियों में मोटो जी5एस प्लस मौज़ूदा चुनौतियों से बेहतर परफॉर्मेंस देता है।
Moto G5S का कैमरा मोटो जी5 की तुलना में बहुत बेहतर है। फेज़ डिटेक्शन ऑटोफोकस की मदद से मोटो जी5एस सही एक्सपोज़र हासिल करता है और ऑटोफोकसिंग में ज़्यादातर मौकों पर सटीक रहता है। आउट डोर शॉट में डिटेल की कोई कमी नहीं थी। लेकिन हाइलाइट्स कई बार ज़रूरत से ज़्यादा एक्सपोज़ लगे। मोटो जी5एस मैक्रो शॉट में बेहतरीन काम करता है। हम कई बेहतरीन क्लोज अप शॉट लेने में सफल रहे, मोटो जी5एस प्लस से भी बेहतर। लैंडस्केप शॉट को औसत ही माना जाएगा। इंडोर शॉट में कुछ कमियां थीं। परछाई या अंधेरे इलाकों में डिटेल नहीं थे। कम रोशनी में मोटो जी5एस का कैमरा कमज़ोर पड़ जाता है। हमारे सैंपल शॉट में बहुत ज़्यादा नॉयज थी।
Moto G5S Plus और Moto G5S परफॉर्मेंस मोटो जी5एस और मोटो जी5एस प्लस ज़्यादातर काम अच्छे से निभाते हैं। हमें कभी भी और ज़्यादा पावर की ज़रूरत महसूस नहीं हुई। मोटो जी5एस प्लस पर पावरफुल ग्राफिक्स वाले गेम खेलने में कोई दिक्कत नहीं हुई। मल्टी टास्किंग से भी कोई शिकायत नहीं है। 5.5 इंच का डिस्प्ले वीडियो देखने और गेम खेलने के लिए बिल्कुल उपयुक्त है। हालांकि, हमें फोन के ज़्यादा गर्म होने की शिकायत है। अगर कैमरा ऐप भी थोड़े वक्त तक खुला रहा तो फोन बहुत ज़ल्द ही गर्म हो जाता है। यह चौंकाने वाला है, क्योंकि इस प्रोसेसर के साथ आने वाले शाओमी मी ए1 और मी मैक्स 2 इतना गर्म नहीं होते।
Moto G5S Plus का स्पीकर छोटे कमरे के लिए पर्याप्त आवाज़ देता है। लेकिन सर्वाधिक वॉल्यूम पर आवाज़ स्पष्ट नहीं रह जाती। मोटो जी5एस प्लस के साथ दिया गया हेडसेट औसत क्वालिटी का है। आप इससे ज़्यादा उम्मीदें ना रखें। चौंकाने वाली बात है कि रिव्यू करते वक्त हैंडसेट में वॉयस ओवर एलटीई सपोर्ट नहीं मौज़ूद था। इस वजह से हम फोन में जियो4वॉयस ऐप इस्तेमाल करने के बाद ही रिलायंस जियो सिम से फोन कॉल कर पाएंगे।
दूसरी तरफ, मोटो जी5एस आम तौर पर ठंडा रहता है। लंबे वक्त तक गेम खेलने या वीडियो देखने के बाद ही यह थोड़ा गर्म होता है। फोन इस्तेमाल करने में स्मूथ है और बिल्कुल ही धीमा नहीं है। इसमें 4जी वीओएलटीई है और कॉल क्वालिटी ठीक-ठाक है। रिफ्लेक्ट होने वाले स्क्रीन के कारण मोटो जी5एस मल्टीमीडिया के लिए बेहद कारगर नहीं है। हमें कई बार ब्राइटनेस स्तर से छेड़छाड़ करनी पड़ी। लाउडस्पीकर से बेहद ही स्पष्ट आवाज़ आती है। इसके साथ भी दिए गए हेडसेड की क्वालिटी बेहद ही औसत है।
रिव्यू के दौरान हमने यह भी पाया कि दोनों ही हैंडसेट चार्जिंग के दौरान गर्म हो जाते हैं। यह कमी हमें हर डिवाइस में देखने को नहीं मिलती।
Moto G5S Plus और Moto G5S बैटरी लाइफ
Moto G5S और Moto G5S Plus में 3000 एमएएच की बैटरी है। बैटरी क्षमता थोड़ी कम लगी, क्योंकि बड़े फोन में बड़ी बैटरी के लिए जगह होती है।जमकर इस्तेमाल करने पर मोटो जी5एस की बैटरी करीब 18 घंटे तक चली और जी5एस प्लस की बैटरी करीब 14 घंटे तक। हमारे स्टेंडर्ड एचडी वीडियो लूप टेस्ट में मोटो जी5एस की बैटरी 12 घंटे 35 मिनट तक चली और प्लस वेरिएंट की बैटरी 11 घंटे 15 मिनट तक।
अच्छी बात यह है कि दोनों ही फोन टर्बोपावर एडप्टर के साथ आते हैं। मोटो जी5एस की बैटरी करीब 60-70 मिनट में 100 फीसदी चार्ज हो जाती है, जबकि मोटो जी5एस प्लस थोड़ा ज़्यादा वक्त लेता है।
हमारा फैसला
भारतीय स्मार्टफोन मार्केट में स्थिति तेजी से बदलती रहती है। ऐसे में लेनोवो द्वारा स्पेशल एडिशन वेरिएंट लॉन्च करने का फैसला सही लगता है। लेकिन पुराने मॉडल के यूज़र को निराशा होगी। Moto G5S और Moto G5S Plus की मदद से कंपनी का प्रोडक्ट लाइनअप फ्रेश लगेगा। मोटो जी5एस प्लस की बिक्री डुअल कैमरा सेटअप के कारण होगी, खासकर
शाओमी मी ए1 (
रिव्यू) की चुनौती के सामने। हालांकि, डुअल कैमरा इस्तेमाल करने के यूज़र अनुभव को कंपनी और बेहतर बना सकती है। स्टॉक एंड्रॉय को हमेशा से अच्छा माना जाता रहा है, लेकिन यह भी अब आम होता जा रहा है। फास्ट चार्जिंग सपोर्ट भी इसके पक्ष में जाता है।
मोटो जी5 की तुलना में मोटो जी5एस बहुत बेहतर है। लेकिन इसे
Xiaomi Redmi Note 4 (
रिव्यू) से बड़ी चुनौती मिलेगी जो कम दाम में उपलब्ध है। मोटो जी5एस प्लस की भिड़ंत शाओमी मी ए1 से होगी जिसकी कीमत भी थोड़ी कम है।
अगर आप मोटोरोला के फैन हैं तो मोटो जी5एस प्लस या मोटो जी5एस आपको ज़रूर लुभाएगा। क्योंकि ये दिखने में बेहतरीन हैं और अपनी कीमत के हिसाब से हर डिपार्टमेंट में अच्छी परफॉर्मेंस देते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि लेनोवो जल्द ही मोटो जी5एस प्लस के लिए वीओएलटीई सपोर्ट रोलआउट करेगी। अब तो जियो के अलावा एयरटेल भी वीओएलटीई सेवा लेकर आ गई है।