• होम
  • इंटरनेट
  • ख़बरें
  • ब्रिटेन में 7 लाख हवाई यात्रियों ने टेक प्रोफेशनल के वर्क फ्रॉम होने से झेली मुसीबत

ब्रिटेन में 7 लाख हवाई यात्रियों ने टेक प्रोफेशनल के वर्क फ्रॉम होने से झेली मुसीबत

इस समस्या का समाधान करने में हुई देरी का बड़ा कारण वर्क-फ्रॉम-होम वाले एक इंजीनियर के पासवर्ड क्रेडेंशियल्स को ऑथेंटिकेट करने में हुई कठिनाई थी

ब्रिटेन में 7 लाख हवाई यात्रियों ने टेक प्रोफेशनल के वर्क फ्रॉम होने से झेली मुसीबत

इसमें एयरलाइंस को प्रभावित ट्रैवलर्स को मुआवजे में 12.6 करोड़ डॉलर से अधिक चुकाने पड़े थे

ख़ास बातें
  • इस मामले में बहुत सी फ्लाइट्स को कैंसल करना पड़ा था
  • इसमें बड़ी संख्या में ट्रैवलर्स घंटों तक एयरपोर्ट्स पर फंसे रहे थे
  • इस समस्या का बड़ा कारण टेक प्रोफेशनल का रिमोट तरीके से कार्य करना था
विज्ञापन
पिछले कुछ वर्षों में टेक कंपनियों में वर्क-फ्रॉम-होम का ट्रेंड तेजी से बढ़ा है। हालांकि, बहुत सी IT कंपनियों ने इस पर रोक भी लगा दी है। पिछले वर्ष ब्रिटेन में लगभग सात लाख हवाई यात्रियों को एक IT इंजीनियर के पासवर्ड में हुई गड़बड़ी के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। 

NY Post की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष अगस्त में एक बैंक हॉलिडे के दिन फ्लाइट प्रोसेसिंग सिस्टम  ब्रेकडाउन से इस समस्या की शुरुआत हुई थी। इससे बहुत सी फ्लाइट्स को कैंसल करना पड़ा था और बड़ी संख्या में ट्रैवलर्स घंटों तक एयरपोर्ट्स पर फंसे रहे थे। कुछ इंजीनियर्स के उस दिन वर्क-फ्रॉम-होम पर होने के कारण यह समस्या बढ़ गई थी। इस मामले की जांच में पता चला था कि इस समस्या का समाधान करने में हुई देरी का बड़ा कारण वर्क-फ्रॉम-होम वाले एक इंजीनियर के पासवर्ड क्रेडेंशियल्स को ऑथेंटिकेट करने में हुई कठिनाई थी। 

इससे पूरे ब्रिटेन में फ्लाइट्स का संचालन लगभग रुक गया था नेशनल एयर ट्रैफिक सर्विसेज (NATS) ने कॉल पर एक लेवल 2 इंजीनियर की व्यवस्था की थी। वह एक व्यस्त दिन था और NATS के ऑफिस में मौजूद लेवल 1 इंजीनियर ने सुबह लगभग साढ़े आठ बजे सिस्टम के नाकम होने पर इस समस्या के समाधान की कोशिश शुरू कर दी थी। इस इंजीनियर को इसमें सफलता नहीं मिली क्योंकि सीनियर टेक्निकल सपोर्ट इंजीनियर रिमोट तरीके से कार्य कर रहा था। इस सीनियर इंजीनियर की अपने कंप्यूटर में लॉग-इन कर समस्या का समाधान करने की कोशिश में देरी हुई क्योंकि वह पासवर्ड ऑथेंटिकेशन में मुश्किल की वजह से सिस्टम का एक्सेस हासिल नहीं कर सका था। इसके बाद इंजीनियर्स को एयरपोर्ट पर पहुंचने में डेढ़ घंटे से अधिक लग गया लेकिन इसके बावजूद वह समस्या का जल्द समाधान नहीं कर सके। यह समस्या लगभग चार घंटे बाद पूरी तरह ठीक हुई थी। हालांकि, तब तक सॉफ्टवेयर में समस्या के कारण बहुत सी फ्लाइट्स में रुकावट हो चुकी थी। 

इस वजह से एयरलाइंस को प्रभावित ट्रैवलर्स को मुआवजे के तौर पर 12.6 करोड़ डॉलर से अधिक का भुगतान करना पड़ा था। सिविल एविएशन अथॉरिटी (CAA) ने जांच के बाद पॉलिसी से जुड़े 48 सुझाव दिए थे। इनमें व्यस्त अवधि के दौरान सीनियर इंजीनियर्स का ऑन-साइट उपलब्ध होना शामिल था। 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला का स्पेस मिशन फिर टला, लॉन्च की नई तिथि का इंतजार
  2. BSNL ने लॉन्च की 5G फिक्स्ड वायरलेस ब्रॉडबैंड सर्विस, जानें प्राइस
  3. EPFO ने दी खुशखबरी, अब कर्मचारी चेहरा दिखा कर जनरेट कर पाएंगे UAN नंबर
  4. Infinix GT 30 Pro vs Realme P3 Ultra vs iQOO Neo 10R: जानें कौन सा मिड रेंज फोन है बेहतर
  5. एयर कंडीशनर में टन का क्या होता है अर्थ, खरीदने से पहले जरूर जान लें ये बात
  6. Oppo के Find X9 Pro में मिल सकता है Samsung ISOCELL HP5 कैमरा
  7. Oppo Reno 14 5G सीरीज जल्द होगी भारत में लॉन्च, Amazon, Flipkart के जरिए बिक्री
  8. Samsung अगले सप्ताह भारत में लॉन्च करेगी Galaxy M36, ट्रिपल रियर कैमरा यूनिट
  9. Tecno ने इंटरनेशनल मार्केट में लॉन्च की Pova 7 सीरीज, 5 स्मार्टफोन शामिल
  10. डेटा की बड़ी चोरी में 16 अरब लॉगिन डिटेल्स हुई लीक, Apple और गूगल के यूजर्स के लिए खतरा
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »