TCS पर अमेरिका में H-1B वीजा फ्रॉड का आरोप, ट्रंप सरकार कर सकती है जांच

TCS पर L-1 और B-1 वीजा का भी इस्तेमाल करने का आरोप है। ये वीजा हासिल करने आसान होते हैं

TCS पर अमेरिका में H-1B वीजा फ्रॉड का आरोप, ट्रंप सरकार कर सकती है जांच

कंपनी के अपने वर्कर्स को न्यूनतम वेतन से कम का भुगतान करने को लेकर भी शिकायत की गई थी

ख़ास बातें
  • अमेरिका की नई सरकार वीजा को लेकर पॉलिसी में जल्द बदलाव कर सकती है
  • भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनियों के लिए अमेरिका सबसे बड़ा मार्केट है
  • TCS पर L-1 और B-1 वीजा का भी इस्तेमाल करने का आरोप है
विज्ञापन
देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) पर अमेरिका में वीजा फ्रॉड के आरोप में जांच हो सकती है। अमेरिका में Donald Trump की अगुवाई वाली नई सरकार वीजा को लेकर पॉलिसी में बदलाव कर सकती है। भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनियों के लिए अमेरिका सबसे बड़ा मार्केट है। 

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, TCS के पूर्व वर्कर Anil Kini ने आरोप लगाया था कि कंपनी अमेरिका में अधिक वर्कर्स को भेजने के लिए वीजा की जरूरत को लेकर गलत जानकारी देती है। Kini ने कहा था कि TCS लॉटरी सिस्टम के जरिए अधिक वीजा हासिल करने के लिए अपनी पोजिशंस से अधिक पेटिशंस दाखिल करती है। इसके बाद कंपनी अपने वर्कर्स को न्यूनतम वेतन से कम का भुगतान करती है, जो अमेरिका के वीजा कानूनों का उल्लंघन है। इस वजह से अमेरिकी सरकार को यह कम पेरोल टैक्स का भुगतान करती है। TCS पर L-1 और B-1 वीजा का भी इस्तेमाल करने का आरोप है। ये वीजा हासिल करने आसान होते हैं। इन वीजा का इस्तेमाल उन वर्कर्स के लिए किया जाता है जिन्हें H-1B वीजा मिलना मुश्किल होता है। 

Kini ने अपनी शिकायत में बताया था कि ऐसा करने के लिए कंपनी वीजा की एप्लिकेशंस में अपने वर्कर्स के जॉब टाइटल और कार्य से जुड़ी जिम्मेदारियों की गलत जानकारी देती है। TCS के खिलाफ अपने कानूनी मामले के खारिज होने के बाद Kini ने अपील दाखिल की थी। इसमें बताया गया था कि 2017 में उन्होंने कंपनी के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर को वीजा से जुड़े फ्रॉड के तरीकों के बारे में व्हिसलब्लोअर रिपोर्ट दी थी। उन्होंने कहा था कि इसके बाद तीन फॉलो-अप रिपोर्ट भी जमा की गई थी। Kini ने आरोप लगाया था कि कंपनी ने इसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए वेतन में कटौती करने के साथ ही उनका प्रमोशन रोक दिया था और उन्हें बर्खास्त किया गया था। 

न्यूज एजेंसी Bloomberg को हाल ही में Kini ने बताया था कि उनके सीनियर्स ने उन्हें कंपनी के ऑर्गनाइजेशनल चार्ट्स में झूठी जानकारी देने का ऑर्डर दिया था जिससे वे अपनी वास्तविक पोजिशंस से अधिक जिम्मेदारी के साथ दिखें। यह वीजा को लेकर किसी स्क्रूटनी से बचने के लिए किया गया था। इससे पहले भी कुछ सॉफ्टवेयर कंपनियों पर वीजा को लेकर गलत जानकारी देने के आरोप लग चुके हैं। 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Google Pay पर क्रेडिट, डेबिट कार्ड से बिल की पेमेंट हुई महंगी, चुकानी होगी फीस!
  2. Apple का बड़ा एक्शन, ऐप स्टोर पर बैन किए 1,35,000 से ज्यादा ऐप्स
  3. Doogee ने लॉन्च किए 10800mAh बैटरी, 24GB तक रैम वाले 2 रगेड स्मार्टफोन, जानें स्पेसिफिकेशन्स
  4. Paytm ने लॉन्च किया सोलर-पावर्ड पेमेंट साउंडबॉक्स, सूरज की रोशनी से दिनभर चलेगा!
  5. Vivo के X200 Ultra में मिल सकता है 200 मेगापिक्सल पेरिस्कोप टेलीफोटो कैमरा, एक्शन बटन
  6. Infinix Note 50 सीरीज की लॉन्च डेट ब्रांड ने की कंफर्म, जानें सबकुछ
  7. iPhone 16e की OnePlus 13 से टक्कर, जानें कौन सा फोन रहेगा बेस्ट
  8. Google की भारत में रिटेल स्टोर खोलने की तैयारी, दिल्ली और मुंबई में लोकेशन की तलाश
  9. WhatsApp ने भारत में सिर्फ एक महीने में बैन किए 80 लाख अकाउंट, जानें क्यों
  10. आईफोन पर भी टैरिफ का खतरा, Apple के चीफ Tim Cook ने की ट्रंप के साथ मीटिंग
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »