• होम
  • इंटरनेट
  • ख़बरें
  • सोशल मीडिया, OTT पर अश्लील कंटेंट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मांगा सरकार से जवाब

सोशल मीडिया, OTT पर अश्लील कंटेंट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मांगा सरकार से जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने इसे एक 'महत्वपूर्ण चिंता' बताया और इस पर बैन लगाने से जुड़ी याचिका को लेकर केंद्र सरकार और अन्यों से जवाब मांगा है

सोशल मीडिया, OTT पर अश्लील कंटेंट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मांगा सरकार से जवाब

सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि इसे प्रतिकूल कानूनी मामले के तौर पर नहीं लिया जाएगा

ख़ास बातें
  • OTT प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट की खराब क्वालिटी को लेकर शिकायतें बढ़ी हैं
  • सुप्रीम कोर्ट ने इस समस्या पर चिंता जताई है
  • केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया पर कंटेंट को रेगुलेट करने के उपाय किए हैं
विज्ञापन
पिछले कुछ वर्षों में सोशल मीडिया और ओवर-द-टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट की खराब क्वालिटी को लेकर शिकायतें तेजी से बढ़ी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इसे एक 'महत्वपूर्ण चिंता' बताया और इस पर बैन लगाने से जुड़ी याचिका को लेकर केंद्र सरकार और अन्यों से जवाब मांगा है। 

जस्टिस B R Gavai और Augustine George Masih की बेंच ने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए उपाय लागू करना विधानमंडल या कार्यकारिणी की जिम्मेदारी है। सुप्रीम कोर्ट की बेंच का कहना था, "यह हमारे अधिकार क्षेत्र के अंदर नहीं है।" हाल ही में न्यायपालिका को एक महत्वपूर्ण मामले में राय देने पर घेरे जाने की ओर संकेत करते हुए सुप्रीम कोर्ट की बेंच का कहना था, "पहले ही इस तरह के आरोप लग रहे हैं कि हम विधानमंडल और कार्यकारी की शक्तियों पर अतिक्रमण कर रहे हैं।" इस बारे में केंद्र सरकार की ओर पेश हुए सॉलिसिटर जनरल, Tushar Mehta ने कहा कि सरकार इसे एक प्रतिकूल कानूनी मामले के तौर पर नहीं लेगी। उन्होंने बताया, "हम कुछ ऐसा उपाय करेंगे जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का संविधान के आर्टिकल 19 (2) के साथ संतुलन बनाए।" 

मेहता ने कहा कि कुछ कंटेंट अश्लील होने के साथ ही 'विकृत' भी है। हालांकि, इसे बारे में कुछ रेगुलेशंस पहले ही मौजूद हैं और कुछ अन्य पर विचार किया जा रहा है। इस मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए एडवोकेट Vishnu Shankar Jain ने कहा कि यह एक प्रतिकूल कानूनी मामला नहीं है। इस याचिका में सोशल मीडिया और OTT पर इस तरह के कंटेंट को लेकर गंभीर चिंता को उठाया गया है। जैन का कहना था कि इस तरह के कंटेंट को बिना किसी जांच या प्रतिबंधों के दिखाया जाता है। 

इस पर जस्टिस गवई ने मेहता से कहा, "आपको कुछ करना चाहिए।" इसके उत्तर में मेहता का कहना था कि इस तरह के प्लेटफॉर्म्स को बच्चे ज्यादा देखते हैं। उन्होंने बताया, "नियमित कार्यक्रमों में कुछ चीजें, भाषा और कंटेंट इस प्रकार का होता है जो न केवल अश्लील, बल्कि विकृत है।" उन्होंने कहा कि इन प्लेटफॉर्म्स पर कुछ कंटेंट इतना विकृत होता है कि दो सम्मानजनक पुरुष भी इसे इकट्ठा बैठकर नहीं दिख सकते। 




(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News
Turbo Read

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Ather ने बनाया सेल्स का रिकॉर्ड, Bajaj Auto को मिला टॉप स्पॉट
  2. मोबाइल डाटा हो जाता है जल्दी खत्म? ऐसे करें बचत और लंबे समय तक कर पाएंगे उपयोग
  3. Vivo X300 Pro vs OnePlus 13 vs Samsung Galaxy S25 5G: जानें कौन सा रहेगा बेस्ट
  4. स्लो इंटरनेट स्पीड हो जाएगी तेज, घर के लिए बेस्ट राउटर का ऐसे करें चयन
  5. Huawei का नया बजट स्मार्टफोन बिना नेटवर्क के भी कर सकता है कॉल, इस कीमत में हुआ लॉन्च
  6. Elon Musk की Starlink ने भारतीयों के लिए निकाली जॉब, यहां से करें अप्लाई
  7. Lava Probuds N33: सिंगल चार्ज में 40 घंटे चलने वाले नेकबैंड लावा ने Rs 1,299 में किए लॉन्च, जानें खास फीचर्स
  8. Chrome चला रहे हो तो हो जाओ सावधान! एक गलती और सिस्टम हो जाएगा हैक, यहां जानें बचने का तरीका
  9. Amazon की नई Fire TV Stick 4K Select लॉन्च, HDR10+, वॉयस रिमोट का सपोर्ट, जानें कीमत
  10. Suzuki ने दिखाया EV का 'छोटा पैकेट बड़ा धमाका!', Nano जितना साइज, लेकिन रेंज 270 KM
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »