पिछले कुछ महीनों से मुश्किलों का सामना कर रही पेमेंट सर्विसेज कंपनी Paytm की यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ट्रांजैक्शंस में हिस्सेदारी लगातार चौथे महीने घटी है। मई में पेटीएम की कुल UPI ट्रांजैक्शंस में हिस्सेदारी घटकर 8.1 प्रतिशत की रह गई। जनवरी में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने पेटीएम की बैंकिंग यूनिट पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (PPBL) को बंद करने का ऑर्डर दिया था। इससे पेटीएम को बड़ा झटका लगा था। इसके बाद से कंपनी के शेयर में बड़ी गिरावट हुई है।
PPBL पर पेटीएम का कंट्रोल नहीं है। हालांकि, इसमें कंपनी के फाउंडर और चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर, Vijay Shekhar Sharma की हिस्सेदारी है। पेटीएम में जल्द वर्कर्स की छंटनी भी हो सकती है। कंपनी ने बताया है कि वह अपने नॉन-कोर एसेट्स में कटौती करेगी। पिछले फाइनेंशियल ईयर की चौथी तिमाही में Paytm को चलाने वाली One 97 Communications के रेवेन्यू में लिस्टिंग के बाद से पहली बार 2.6 प्रतिशत की गिरावट हुई है। कंपनी का रेवेन्यू लगभग 22.7 अरब डॉलर का रहा था।
मई में
UPI ट्रांजैक्शंस ने रिकॉर्ड बनाया है। पिछले महीने 14.04 अरब UPI ट्रांजैक्शंस हुई जिनकी वैल्यू लगभग 20.45 लाख करोड़ डॉलर की थी। यह वॉल्यूम के लिहाज से अप्रैल की तुलना में छह प्रतिशत और वैल्यू में चार प्रतिशत की बढ़ोतरी है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के डेटा के अनुसार, पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में यह वॉल्यूम के लिहाज से लगभग 49 प्रतिशत और वैल्यू में लगभग 39 प्रतिशत की ग्रोथ है। UPI की आठ वर्ष पहले शुरुआत के बाद से यह
वॉल्यूम और वैल्यू में सबसे अधिक आंकड़े हैं। मई में फास्टैग ट्रांजैक्शंस छह प्रतिशत बढ़कर 34.7 करोड़ पर पहुंच गई। पिछले महीने फास्टैग ट्रांजैक्शंस की वैल्यू बढ़कर 5,908 करोड़ रुपये की थी। हालांकि, मई में आधार एनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AePS) ट्रांजैक्शंस चार प्रतिशत घटकर लगभग नौ करोड़ की थी।
UPI की शुरुआत से डिजिटल पेमेंट्स तेजी से बढ़ी हैं। इससे यूजर्स अपने स्मार्टफोन्स से पेमेंट्स को आसानी से ट्रांसफर कर सकते हैं। RBI के डेटा के अनुसार, पिछले दो वर्षों में UPI से की गई ट्रांजैक्शंस की वैल्यू लगभग 137 प्रतिशत बढ़कर लगभग 200 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। UPI का विदेश में भी एक्सपैंशन किया जा रहा है। इस सर्विस को श्रीलंका और मॉरीशस सहित कुछ देशों में लॉन्च किया गया है।