डिजिटल जमाने में ऐसे कई सारे ऐप्स अब आ चुके हैं जो आपकी रोजमर्रा जिंदगी में आपका काफी समय बचा सकते हैं और आपके लिए काफी काम के साबित हो सकते हैं। सरकार की ओर से कई सारे ऐप्स शुरू किए गए हैं जो आपको सरकारी कामों या पब्लिक प्लेस में समय बचाने में काफी मदद करते हैं। RBI Retail Direct App, mParivahan App समेत कई ऐप्स इसमें शामिल हैं।
अगर आप अक्सर ATM से पैसे निकालते हैं तो ये खबर आपके लिए जरूरी है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा लागू किए गए नए नियमों के मुताबिक, 1 मई 2025 से ATM से कैश निकालना पहले से महंगा हो गया है। अब फ्री लिमिट पार होने के बाद हर एक ट्रांजैक्शन पर 21 रुपये की बजाय 23 रुपये चार्ज देना होगा। यानी दो रुपये का सीधा इजाफा। ये नया नियम सभी बैंकों, व्हाइट-लेबल एटीएम ऑपरेटरों और कैश रीसायकल मशीन (CRM) पर भी लागू होगा। RBI का कहना है कि बढ़ती ऑपरेशनल कॉस्ट और सर्विस क्वालिटी बनाए रखने के लिए यह बदलाव जरूरी था।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को ऐलान किया कि डिजिटल पेमेंट्स फ्रॉड को रोकने के लिए आरबीआई ‘बैंकडॉटइन’ और ‘फिनडॉटइन’ नाम के डोमेन शुरू करेगा। इसमें से ‘बैंकडॉटइन’ भारतीय बैंकों के लिए एक एक्सक्लूसिव इंटरनेट डोमेन होगा, जबकि ‘फिनडॉटइन’ वित्तीय क्षेत्र की गैर-बैंकिंग कंपनियों के लिए होगा।
मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin का प्राइस लगभग चार प्रतिशत बढ़ा है।अमेरिका में प्रेसिडेंट Donald Trump के चीन और मेक्सिको सहित कुछ देशों पर टैरिफ लगाने से कई देशों के मार्केट्स में गिरावट हुई है। बिटकॉइन का प्राइस 3.70 प्रतिशत से अधिक बढ़कर लगभग 98,700 डॉलर पर था। दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether में पांच प्रतिशत से अधिक का प्रॉफिट था।
इकोनॉमिक अफेयर्स सेक्रेटरी, Ajay Seth ने बताया कि क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर सरकार के रुख की समीक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा कि कुछ देशों ने क्रिप्टोकरेंसीज के इस्तेमाल, उनकी स्वीकार्यता और महत्व के लिहाज से अपने रुख में बदलाव किया है। उनका कहना था कि इस तरह के एसेट्स के लिए बॉर्डर नहीं होते और इस वजह से भारत का रुख एकपक्षीय नहीं हो सकता।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बताया है कि अगले महीने से स्पेशल कैरेक्टर्स वाली ID से की जाने वाली UPI ट्रांजैक्शंस को ब्लॉक कर दिया जाएगा। देश में रिटेल पेमेंट्स और सेटलमेंट सिस्टम्स को NPCI ऑपरेट करता है। इसका उद्देश्य UPI की टेक्निकल स्पेसिफिकेशंस के कम्प्लायंस को सुनिश्चित करना है। हाल ही में में WhatsApp के सभी यूजर्स के लिए UPI सर्विसेज उपलब्ध कराने की अनुमति दी गई थी।
क्रिप्टो से जुड़ी फर्मों को उम्मीद है कि आगामी बजट में फाइनेंस मिनिस्टर Nirmala Sitharaman इस सेगमेंट को टैक्स में कुछ राहत दे सकती हैं। क्रिप्टो से जुड़ी ट्रांजैक्शंस पर एक प्रतिशत का TDS है। इसके अलावा इस सेगमेंट में लॉस को ऑफसेट करने पर भी पाबंदी है। क्रिप्टो से जुड़ी फर्मों का कहना है कि इस सेगमेंट के लिए टैक्स को संतुलित बनाने से उनके कारोबार में तेजी आ सकती है।
होम मिनिस्टर Amit Shah ने कहा कि देश में ड्रग्स की तस्करी पर रोक लगाने की कोशिशों में क्रिप्टोकरेंसी, डार्क वेब, ऑनलाइन मार्केटप्लेस और ड्रोन्स एक चुनौती हैं। उनका कहना था कि इस पर लगाम लगाने के लिए कड़े उपायों की जरूरत है। जम्मू और कश्मीर, पंजाब, उत्तर प्रदेश और चाहत में ड्रग्स और आतंकवाद के कई मामलों को पकड़ा गया है।
दिसंबर में UPI के जरिए ट्रांजैक्शंस लगभग आठ प्रतिशत बढ़कर लगभग 16.73 अरब पर पहुंच गई। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के डेटा के अनुसार, नवंबर में UPI के जरिए लगभग 15.48 अरब ट्रांजैक्शंस हुई थी। दिसंबर में UPI के जरिए ट्रांजैक्शंस की कुल वैल्यू लगभग 23.25 लाख करोड़ रुपये की थी। इससे पिछले महीने में यह आंकड़ा लगभग 21.55 लाख करोड़ रुपये का था।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने मंगलवार को WhatsApp Pay पर UPI से जुड़े यूजर्स को जोड़ने की लिमिट हटा दी है। इससे देश में वॉट्सऐप के सभी यूजर्स को ये पेमेंट सर्विसेज मिल सकेंगी। इससे पहले NPCI ने WhatsApp Pay को चरणबद्ध तरीके से अपने UPI से जुड़े यूजर्स की संख्या बढ़ाने की अनुमति दी थी। वॉट्सऐप के लिए 10 करोड़ यूजर्स की लिमिट थी। इस लिमिट को NPCI ने हटा दिया है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने UPI Lite की लिमिट 500 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये कर दी है। इसमें वॉलेट लिमिट भी 2000 रुपये से बढ़ाकर कुल 5000 रुपये कर दी गई है। इस पहल का उद्देश्य ग्रोसरी का सामान खरीदने, पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए पेमेंट करने या क्विक स्नैक खरीदने जैसे डेली पेमेंट के लिए यूपीआई लाइट के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करना है।
भारत में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) eRupee का ट्रायल किया जा रहा है। इसके लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने कई बैंकों को जोड़ा है। हालांकि, RBI का कहना है कि इसे लेकर वह कोई जल्दबाजी नहीं करेगा। ई-रुपये का ट्रायल लगभग दो वर्ष पहले शुरू किया गया था। यह ट्रायल अब एडवांस फेज में है। कुछ UPI ऐप्स भी RBI की निगरानी में डिजिटल रुपये के ट्रायल में शामिल होने की योजना बना रहे हैं।
RBI ने बताया कि सोशल मीडिया पर गवर्नर Shaktikanta Das के डीपफेक वीडियो सर्कुलेट किए जा रहे हैं जिनमें RBI के सपोर्ट वाली इनवेस्टमेंट स्कीम्स का दावा किया जा रहा है। इन वीडियोज में लोगों को ऐसी स्कीम्स में रकम लगाने की सलाह देने की कोशिश हो रही है। RBI ने यह भी स्पष्ट किया है कि उसका कोई अधिकारी ऐसी गतिविधियों में शामिल नहीं है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मंथली आंकड़ों के अनुसार, यूपीआई बेस्ड डिजिटल पेमेंट में बढ़ोतरी के बीच डेबिट कार्ड बेस्ड ट्रांजैक्शन में गिरावट दर्ज हुई है। आंकड़ों के अनुसार, डेबिट कार्ड से होने वाला लेनदेन इस साल अगस्त में लगभग 43,350 करोड़ रुपये से घटकर सितंबर में लगभग 39,920 करोड़ रुपये रह गया। दूसरी ओर, देश में क्रेडिट कार्ड से लेनदेन बढ़ा है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ( RBI) ने क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर दोबारा चेतावनी दी है। इसके साथ ही क्रिप्टोकरेंसीज को वित्तीय और मॉनेटरी स्थिरता के लिए बड़ा जोखिम बताया है। RBI के गवर्नर Shantikanta Das का कहना था कि इसे फाइनेंशियल सिस्टम पर हावी होने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। इससे ऐसी स्थिति बना सकती है जिसमें इकोनॉमी में फंड की सप्लाई पर सेंट्रल बैंक का कंट्रोल समाप्त हो सकता है।