भारतीय स्टार्टअप्स के साथ विवाद के कारण Google की जांच करेगा CCI

इस महीने की शुरुआत में यह विवाद गूगल के 100 से अधिक ऐप्स को अपने प्ले स्टोर से हटाने के बाद बढ़ गया था

भारतीय स्टार्टअप्स के साथ विवाद के कारण Google की जांच करेगा CCI

इन स्टार्टअप्स ने कंपनी पर अपनी पॉलिसी को भेदभाव वाले तरीके से लागू करने का आरोप लगाया है

ख़ास बातें
  • इन स्टार्टअप्स ने सरकार से गूगल की शिकायत की थी
  • इन ऐप्स को बिलिंग से जुड़े उल्लंघनों के कारण हटाया गया था
  • सरकार ने इन ऐप्स को डीलिस्ट करने पर कड़ा रुख दिखाया था
विज्ञापन
बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों में शामिल Google का अपने प्ले स्टोर पर फीस को लेकर देश के स्टार्टअप्स के साथ विवाद है। इन स्टार्टअप्स ने सरकार से भी गूगल की शिकायत की थी। इस मामले की जांच कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) की ओर से की जाएगी। इन स्टार्टअप्स ने कंपनी पर अपनी पॉलिसी को भेदभाव वाले तरीके से लागू करने का आरोप लगाया है। 

इस महीने की शुरुआत में यह विवाद गूगल के 100 से अधिक ऐप्स को अपने प्ले स्टोर से हटाने के बाद बढ़ गया था। कंपनी ने कहा था कि इन ऐप्स को बिलिंग से जुड़े उल्लंघनों के कारण हटाया गया है। हालांकि, केंद्र सरकार के इस मामले में हस्तक्षेप करने के बाद ये ऐप्स बहाल हो गए थे। इन स्टार्टअप्स ने CCI से इस मामले की जांच करने का निवेदन किया था। CCI ने इस मामले की शुक्रवार को जांच का आदेश दिया था। CCI ने कहा है, "गूगल अपनी पॉलिसीज को भेदभाव वाले तरीके से लागू कर रही है।" यह जांच 60 दिनों के अंदर पूरी की जाएगी। 

इस बारे में Reuters को ईमेल से दी गई प्रतिक्रिया में गूगल के प्रवक्ता ने बताया, "CCI के जांच शुरू करने के आदेश की हम पड़ताल कर रहे हैं।" उनका कहना था कि कंपनी इस प्रक्रिया में सहयोग करेगी। इससे पहले केंद्र सरकार ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए दोनों पक्षों को इस विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत करने का सुझाव दिया था। टेलीकॉम एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्टर, Ashwini Vaishnaw ने बताया था, "गूगल और स्टार्टअप्स के साथ मैंने मीटिंग की है। गूगल ने सभी ऐप्स को बहाल करने पर सहमति दी है।" 

गूगल का दावा है कि इन ऐप डिवेलपर्स ने उसकी सर्विसेज लेने के लिए प्ले स्टोर की फीस का भुगतान नहीं किया था। इस वजह से इन्हें गूगल के Android ऐप मार्केटप्लेस से हटाया गया है। इनमें से कुछ फर्मों ने मद्रास हाई कोर्ट में याचिकाएं दायर कर गूगल के प्ले स्टोर की बिलिंग पॉलिसी को चुनौती दी थी। इन कंपनियों की दलील है कि कंपनी अपनी सर्विसेज के लिए भारी फीस वसूलती है। गूगल की ओर से किसी पेड ऐप के प्रति डाउनलोड पर 11 प्रतिशत से 26 प्रतिशत तक सर्विस फीस लगाई जाती है। इसके अलावा ऐप में की गई खरीदारी पर भी फीस ली जाती है।  
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. UPI ट्रांजैक्शंस ने बनाया रिकॉर्ड, 27 लाख करोड़ से अधिक की वैल्यू
  2. क्रिप्टोकरेंसी की इंटरनेशनल माइनिंग में चौथा सबसे बड़ा देश बना ईरान
  3. Vivo X300 Ultra हो सकता है डुअल 200 मेगापिक्सल कैमरों वाला पहला स्मार्टफोन
  4. Royal Enfield ने पेश की Flying Flea S6 इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल, जबरदस्त लुक और भरपूर स्मार्ट फीचर्स!
  5. Moto G67 Power 5G में होगी 6.7 इंच LCD स्क्रीन, 7,000mAh बैटरी
  6. Beaver Moon: 5 नवंबर को आसमान में खिलेगा 'बीवर मून', क्यों खास है चांद का यह रूप, जानें
  7. बोतल में बंद हो रहा है 'सूरज', AI से होगा कंट्रोल, NVIDIA के इस प्रोजेक्ट ने उड़ा डाले होश!
  8. भारत के स्मार्टफोन मार्केट की सेल्स 5 प्रतिशत बढ़ी, 30,000 रुपये से ज्यादा के हैंडसेट्स की मजबूत डिमांड 
  9. सर्दियों में नहाने से नहीं लगेगा डर! Xiaomi लाई कॉम्पेक्ट साइज गैस वाटर हीटर, बिना आवाज मिनटों में देगा गर्म पानी
  10. घर बैठे स्पा का फील देगा Xiaomi का नया प्रोडक्ट! UV स्टरलाइजेशन और स्मार्ट कंट्रोल के साथ लॉन्च
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »