देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) की सेल्स को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने 14,335 करोड़ रुपये की दो योजनाओं को स्वीकृति दी है। इसका उद्देश्य बसों, एंबुलेंस और ट्रकों सहित EV को बढ़ावा देना और पॉल्यूशन को घटाना है। इन योजनाओं में PM Electric Drive Revolution in Innovative Vehicle Enhancement (PM E-DRIVE) और PM-eBus Sewa-Payment Security Mechanism (PSM) शामिल हैं।
PM E-DRIVE के लिए लगभग 10,900 करोड़ रुपये और PSM के लिए लगभग 3,435 करोड़ रुपये का आवंटन किया जाएगा। इनफॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग मिनिस्टर Ashwini Vaishnaw ने बताया कि पॉल्यूशन को घटाने के लिए PM E-DRIVE काफी मददगार हो सकती है। इस स्कीम के तहत, इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स, इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स, इलेक्ट्रिक एंबुलेंस और इलेक्ट्रिक ट्रकों के लिए 3,679 करोड़ रुपये की सब्सिडी/डिमांड इंसेंटिव उपलब्ध कराए जाएंगे। इस योजना से 24.79 लाख इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स, लगभग 3.16 लाख इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स और 14,028 इलेक्ट्रिक बसों को खरीदने में मदद की जाएगी।
एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि इस योजना के तहत
EV खरीदने वालों को डिमांड इंसेंटिव उपलब्ध कराने के लिए मिनिस्ट्री ऑफ हेवी इंडस्ट्रीज ई-वाउचर लाएगी। EV खरीदने पर इस योजना के पोर्टल पर खरीदार के लिए ई-वाउचर जेनरेट किया जाएगा। PM E-DRIVE के तहत इलेक्ट्रिक एंबुलेंस के लिए लगभग 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। यह मरीजों के आरामदायक ट्रांसपोर्टेशन के लिए इलेक्ट्रिक एंबुलेंस के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की कोशिश है। इलेक्ट्रिक एंबुलेंस के प्रदर्शन और सुरक्षा के मापदंडों के लिए इससे जुड़े स्टेकहोल्डर्स के साथ भी विचार विमर्श किया जाएगा।
इसके अलावा राज्यों के परिवहन निगमों और सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट एजेंसियों की ओर से इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के लिए 4,391 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए
डिमांड का आकलन 40 लाख से अधिक की जनसंख्या वाले बड़े शहरों में CESL करेगी। इन शहरों में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, सूरत, अहमदाबाद, पुणे और हैदराबाद शामिल हैं। पॉल्यूशन फैलने के बड़े कारणों में डीजल से चलने वाले ट्रक शामिल हैं। इलेक्ट्रिक ट्रकों को बढ़ावा देने के लिए भी इस स्कीम में फंड उपलब्ध कराया गया है। सरकार की योजना 2030 तक ऑटोमोबाइल की कुल सेल्स में EV की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ाने की है। पिछले कुछ वर्षों में इलेक्ट्रिक कारों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है।