गुजरात और महाराष्ट्र की सरकारों ने टेस्ला को EV की फैक्टरी लगाने के लिए जमीन देने की पेशकश की है। कंपनी की इस फैक्टरी में बनने वाले EV की देश में बिक्री के साथ ही एक्सपोर्ट करने की भी योजना है
कंपनी अपनी फैक्टरी के लिए गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे राज्यों पर फोकस करेगी जहां पहले से ऑटोमोटिव इंडस्ट्री की मौजूदगी है। अमेरिका और चीन जैसे बड़े मार्केट्स में डिमांड घटने के कारण यह नए मार्केट्स में संभावना तलाश रही है
पिछले महीने केंद्र सरकार ने EV कंपनियों के न्यूनतम 50 करोड़ डॉलर का इनवेस्टमेंट करने और तीन वर्षों में मैन्युफैक्चरिंग शुरू करने की शर्त पर इम्पोर्ट टैक्स में कटौती की घोषणा की थी
एपल के बड़े मार्केट्स में शामिल चीन में iPhone की सेल्स इस वर्ष के शुरुआती छह सप्ताहों में वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 24 प्रतिशत गिरी है। एपल को चीन की Huawei जैसी कंपनियों से कड़ी टक्कर मिल रही है
इसका कुछ असर हाल ही में घोषित की गई इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (EMPS) से कुछ कम हो सकता है। इसके तहत, इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की बिक्री बढ़ाने के लिए 333.39 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं
पिछले कुछ वर्षों से टेस्ला के CEO, Elon Musk ने देश में बिजनेस शुरू करने की कोशिशें की हैं। पिछले वर्ष अमेरिका में मस्क ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ मीटिंग भी की थी। मस्क का मानना है कि देश में व्हीकल्स पर बहुत अधिक इम्पोर्ट टैक्स है
पिछले वर्ष प्रधानमंत्री मोदी ने देश में सेमीकंडक्टर की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने वालों को केंद्र सरकार की ओर से 50 प्रतिशत तक की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की थी
दुनिया के दूसरे सबसे बड़े स्मार्टफोन मार्केट भारत में पिछले वर्ष स्मार्टफोन की मैन्युफैक्चरिंग वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 16 प्रतिशत बढ़कर लगभग 44 अरब डॉलर पर पहुंच गई
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि कंपनी की फैक्टरी गुजरात के साणंद में लगाई जा सकती है। महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे कुछ अन्य राज्य भी टेस्ला को फैक्टरी लगाने के लिए निमंत्रण दे रहे हैं
मेमोरी चिप्स बनाने वाली इस सबसे बड़ी कंपनी ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल बढ़ने से पर्सनल कंप्यूटर और स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियां अपने डिवाइसेज में बेहतर चिप लगा सकती हैं
पिछले वर्ष केंद्र सरकार ने सरकार ने लैपटॉप और टैबलेट जैसे IT हार्डवेयर की देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए 17,000 करोड़ रुपये के इंसेंटिव वाली प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम 2.0 को स्वीकृति दी थी