पिछले कुछ वर्षों में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बिक्री में बढ़ोतरी हुई है। इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की बिक्री तेजी से बढ़ रही है। टू-व्हीलर्स की कुल बिक्री में इस सेगमेंट की हिस्सेदारी 2026-27 तक लगभग 13 प्रतिशत पर पहुंचने का अनुमान है। पिछले फाइनेंशियल ईयर में यह आंकड़ा लगभग पांच प्रतिशत का था।
एक मीडिया
रिपोर्ट में इनवेस्टमेंट बैंकिंग फर्म Jefferies की रिपोर्ट के हवाले से बताया गया है कि लगभग चार वर्ष पहले टू-व्हीलर्स की कुल बिक्री में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की हिस्सेदारी केवल 0.4 प्रतिशत की थी। पिछले वर्ष की शुरुआत में यह बढ़कर 5.4 प्रतिशत हो गई थी। इसके पीछे सब्सिडी का बढ़ना और नए लॉन्च प्रमुख कारण थे। हालांकि, इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इंसेंटिव्स में कटौती की वजह से पिछले 24 महीनों में यह हिस्सेदारी चार-सात प्रतिशत की रेंज में रही है। इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनियों ने अपने प्रोडक्ट्स के प्राइसेज में भी कमी की है। इस सेगमेंट में Ola Electric का पहला स्थान है।
मौजूदा फाइनेंशियल ईयर की पहली तिमाही में कंपनी की हिस्सेदारी बढ़कर लगभग 49 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। हालांकि, Jefferies की रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले महीने
ओला इलेक्ट्रिक की हिस्सेदारी में कमी आई है और यह गिरकर 31 प्रतिशत की थी। पिछले महीने कंपनी ने अपनी पहली इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल Roadster को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लॉन्च किया था। ओला इलेक्ट्रिक की इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल की सीरीज में Roadster, Roadster Pro और Roadster X को लाया गया है।
Roadster X का प्राइस 2.5 kWh के बैटरी पैक के लिए 74,999 रुपये का है। यह लगभग 2.8 सेकेंड में 0-40 km/h की स्पीड तक पहुंच सकती है। इसकी टॉप स्पीड लगभग 124 km/h की है। ओला इलेक्ट्रिक ने इसकी सिंगल चार्ज में रेंज लगभग 200 किलोमीटर होने का दावा किया है। इसमें 4.3 इंच की टचस्क्रीन दी गई है। इसके लिए बुकिंग शुरू हो गई है। इसकी डिलीवरी अगले वर्ष की शुरुआत में की जाएगी। इस मोटरसाइकिल सीरीज की Roadster के 2.5 kWh के बैटरी पैक वाले वेरिएंट का प्राइस 1,04,999 रुपये, 4.5 kWh का 1,19,999 रुपये और 6 kWh वाले वेरिएंट का 1,39,999 रुपये का है। यह 2.2 सेकेंड में 0-40 km/h की स्पीड पकड़ सकती है। इसकी सिंगल चार्ज में रेंज लगभग 579 किलोमीटर होने का दावा किया गया है। हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में EV को बढ़ावा देने के लिए एक योजना को स्वीकृति दी थी। इस योजना में दो वर्षों में लगभग 10,900 करोड़ रुपये का खर्च होगा।