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Incentives - ख़बरें

  • Ola Electric की बढ़ी मुश्किल, गीगाफैक्टरी में सेल मैन्युफैक्चरिंग में होगी देरी
    सेल की लोकल मैन्युफैक्चरिंग के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव ( PLI) स्कीम के तहत स्वीकृति हासिल करने वाली यह पहली कंपनी थी। ओला इलेक्ट्रिक को उसकी बिड के लिए 20 GwH की अधिकतम कैपेसिटी का आवंटन किया गया था। कंपनी ने बताया था कि इस गीगाफैक्टरी के पूरी कैपेसिटी तक पहुंचने पर लगभग 25,000 लोगों को रोजगार मिलेगा।
  • Apple की सप्लायर Foxconn ने सरकार से मांगे सब्सिडी के बकाया 6 अरब रुपये 
    सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने के लिए 41,200 करोड़ रुपये से अधिक की स्कीम लॉन्च की थी। इसमें मैन्युफैक्चरर्स को सब्सिडी दी गई थी। इस स्कीम के कुछ हिस्से का एलोकेशन नहीं किया गया है। इसका कारण कुछ कंपनियों का मैन्युफैक्चरिंग के अनुमानित टारगेट को पूरा नहीं करना था। सरकार ने Apple और Samsung जैसी कंपनियों को मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने के लिए काफी इंसेंटिव दिए हैं।
  • इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए सरकार की 3 अरब डॉलर के इंसेंटिव देने की योजना
    इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट मेकर्स के लिए सरकार की ओर से सब्सिडी दी जा सकती है। इसके साथ ही इम्पोर्ट पर टैरिफ को भी घटाया जा सकता है। इससे Apple सहित स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों को विशेषतौर पर फायदा हो सकता है। मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड IT ने बैटरी और कैमरा पार्ट्स जैसे कंपोनेंट्स के मैन्युफैक्चरर्स को लगभग 2.7 अरब डॉलर के इंसेंटिव्स उपलब्ध कराने का प्रपोजल दिया है।
  • Apple के 1 अरब डॉलर का इनवेस्टमेंट करने के बाद iPhone 16 से बैन हटा सकता है यह देश....
    कंपनी की ओर से एक अरब डॉलर के इनवेस्टमेंट को इंडोनेशिया के प्रेसिडेंट Prabowo Subianto ने मंजूरी दी है। एपल ने वियतनाम जैसे कुछ देशों में मैन्युफैक्चरिंग में काफी इनवेस्टमेंट किया है। Prabowo की ओर से दी गई मंजूरी एपल की इनवेस्टमेंट बढ़ाने की योजना पर आधारित है। कंपनी के सप्लायर्स इंडोनेशिया के Batam आइलैंड पर AirTags बनाने के लिए प्लांट लगाएंगे।
  • EV की चार्जिंग की डिमांड को पूरा करने के लिए 16,000 करोड़ रुपये के खर्च की जरूरत
    देश में EV के लिए पब्लिक चार्जिंग की डिमांड को पूरा करने के लिए 2030 तक लगभग 16,000 करोड़ रुपये के कैपिटल एक्सपेंडिचर की जररूत है। EV को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से भी उपाय किए गए हैं। FICCI EV पब्लिक चार्जि्ंग इंफ्रास्ट्रक्चर रोडमैप 2030 रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। इस रिपोर्ट में 700 से अधिक शहरों का विश्लेषण किया गया था।
  • Tesla के शेयर ने बनाया रिकॉर्ड हाई, अमेरिका में Trump की जीत का असर
    अगले वर्ष की शुरुआत में ट्रंप की अगुवाई में अमेरिकी की नई सरकार EV पर मिलने वाले टैक्स क्रेडिट को समाप्त कर सकती है। इसके अलावा EV के इम्पोर्ट पर टैरिफ भी बढ़ाया जा सकता है। इससे चीन की इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनियों को नुकसान होगा। इसका फायदा टेस्ला को मिल सकता है। कंपनी ने चीन में दिसंबर के पहले सप्ताह में लगभग 21,900 यूनिट्स की अपनी सबसे अधिक साप्ताहिक सेल्स की है।
  • Tesla की भारत में बिजनेस शुरू करने की तैयारी, कंपनी दिल्ली में खोल सकती है शोरूम
    टेस्ला ने दिल्ली में शोरूम की जगह की तलाश दोबारा शुरू कर दी है। अप्रैल में कंपनी के चीफ, Elon Musk ने भारत का विजिट टाल दिया था। इस विजिट में मस्क की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ मीटिंग भी होनी थी। पिछले कुछ वर्षों में EV की बिक्री तेजी से बढ़ी है। केंद्र सरकार भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बढ़ावा देने के लिए इंसेंटिव उपलब्ध करा रही है।
  • देश में बढ़ रही सेमीकंडक्टर्स की डिमांड, 1.70 लाख करोड़ रुपये से अधिक का इम्पोर्ट
    पिछले वित्त वर्ष में सेमीकंडक्टर्स का इम्पोर्ट लगभग 18.5 प्रतिशत बढ़कर लगभग 1.71 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। सेमीकंडक्टर्स का इस्तेमाल ऑटोमोबाइल और स्मार्टफोन जैसी बहुत सी इंडस्ट्रीज में किया जा जाता है। केंद्र सरकार ने सेमीकंडक्टर्स की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने के उपाय किए हैं। देश के कुछ बड़े बिजनेस ग्रुप ने सेमीकंडक्टर्स की मैन्युफैक्चरिंग की तैयारी की है।
  • इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की भी राजधानी बनी दिल्ली
    दिल्ली में व्हीकल्स के कुल रजिस्ट्रेशंस में से लगभग 11.5 प्रतिशत EV हैं। राजधानी में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को भी तेजी से बढ़ाया जा रहा है। Yes Bank और FICCI की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में कुल व्हीकल्स में से लगभग 11.5 प्रतिशत EV हैं। इसके बाद केरल 11.1 प्रतिशत EV के साथ है। इस लिस्ट में तीसरे स्थान पर असम है।
  • EV के लिए सब्सिडी में फ्रॉड को लेकर Hero Electric सहित 3 कंपनियों पर कसा शिकंजा 
    हेवी इंडस्ट्रीज मिनिस्ट्री ने फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME) II स्कीम को पेश किया था। हालांकि, यह स्कीम समाप्त हो चुकी है लेकिन तीन इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनियों पर इसमें जाली तरीके से इंसेंटिव्स लेने के संदेह में जांच की जा रही है। इन कंपनियों में Hero Electric, Okinawa Autotech और Benling शामिल हैं।
  • भारत में Apple की बड़ी उपलब्धि, 10 अरब डॉलर पर पहुंची iPhone की मैन्युफैक्चरिंग
    पिछले चार वर्षों में एपल ने देश में लगभग 1,75,000 रोजगार के अवसर बनाए हैं। मौजूदा वित्त वर्ष में कंपनी का लक्ष्य 18 अरब डॉलर की मैन्युफैक्चरिंग का है। सरकार ने लैपटॉप्स से लेकर स्मार्टफोन्स के लिए कंपोनेंट्स की लोकल मैन्युफैक्चरिंग करने पर इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर की कंपनियों को पांच अरब डॉलर के इंसेंटिव्स देने की योजना बनाई है। इससे चीन से होने वाली सप्लाई को घटाया जा सकेगा।
  • देश में बढ़ेगी इलेक्ट्रॉनिक्स की मैन्युफैक्चरिंग, सरकार देगी 5 अरब डॉलर के इंसेंटिव्स
    केंद्र सरकार ने इस सेक्टर की कंपनियों को लैपटॉप्स से लेकर स्मार्टफोन्स के लिए कंपोनेंट्स की लोकल मैन्युफैक्चरिंग करने पर पांच अरब डॉलर (लगभग 42,221 करोड़ रुपये) के इंसेंटिव्स देने की योजना बनाई है। इससे चीन से होने वाली सप्लाई को घटाया जा सकेगा। पिछले छह वर्षों में देश में इलेक्ट्रॉनिक्स की मैन्युफैक्चरिंग दोगुने से अधिक बढ़कर लगभग 115 अरब डॉलर पर पहुंच गई है।
  • लैपटॉप के इम्पोर्ट पर बंदिशें लगाकर देश में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ा सकती है सरकार
    इससे Apple जैसे डिवाइसेज मेकर को लोकल मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने का प्रोत्साहन मिलेगा। इस योजना को लागू किए जाने पर 8-10 अरब डॉलर की इस इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव हो सकता है। Reuters ने एक रिपोर्ट में बताया है कि केंद्र सरकार का मानना है कि उसने इस इंडस्ट्री को लोकल मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने के लिए पर्याप्त सुविधाएं दी हैं।
  • लैपटॉप और टैबलेट के इम्पोर्ट के लिए कंपनियों को लेनी होगी सरकार से मंजूरी
    लगभग दो वर्ष पहले देश में इम्पोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम शुरू किया गया था। इसमें कंपनियों को उनके लैपटॉप और टैबलेट के इम्पोर्ट की मात्रा और वैल्यू सरकार के पास रजिस्टर करानी होती है। सरकार ने बताया था कि इस डेटा का इस्तेमाल इम्पोर्ट की निगरानी के लिए किया जाएगा। यह सिस्टम इस महीने समाप्त होने वाला है। इसे वर्ष के अंत तक बढ़ाया गया है।
  • देश में तेजी से बढ़ रही इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की बिक्री
    इनवेस्टमेंट बैंकिंग फर्म Jefferies की रिपोर्ट में बताया गया है कि लगभग चार वर्ष पहले टू-व्हीलर्स की कुल बिक्री में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की हिस्सेदारी केवल 0.4 प्रतिशत की थी। पिछले वर्ष की शुरुआत में यह बढ़कर 5.4 प्रतिशत हो गई थी। इसके पीछे सब्सिडी का बढ़ना और नए लॉन्च प्रमुख कारण थे। इंसेंटिव्स में कमी की वजह से पिछले 24 महीनों में यह हिस्सेदारी चार-सात प्रतिशत की रेंज में रही है।

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