मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin में बुधवार को लगभग 0.80 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ ट्रेडिंग की शुरुआत हुई। इसका प्राइस 21,201 डॉलर पर था। क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव के बावजूद बिटकॉइन का प्राइस लगातार पांच दिनों से बढ़ रहा है। पिछले एक दिन में इसकी वैल्यू 75 डॉलर से अधिक बढ़ी है।
दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether में भी लगभग 0.90 प्रतिशत की तेजी थी। Gadgets 360 के
क्रिप्टो प्राइस ट्रैकर के अनुसार, इसका प्राइस लगभग 1,581 डॉलर पर था। बढ़त वाली अन्य क्रिप्टोकरेंसीज में Avalanche, Binance Coin, Ripple, Cardano, Polkadot और Litecoin शामिल थे। Tether, USD Coin, Binance USD, Polygon, Solana, Tron, Cosmos, LEO, Cronos, Near Protocol और Decentraland के प्राइसेज में कुछ गिरावट थी। पिछले एक दिन में क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन 0.66 प्रतिशत बढ़कर 996 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
क्रिप्टो इनवेस्टमेंट फर्म Mudrex के CEO, Edul Patel ने Gadgets 360 को बताया, "चीन में GDP के अनुमान से बेहतर आंकड़े के बाद अधिकतर क्रिप्टोकरेंसीज में तेजी आई है। पिछले सात दिनों में बिटकॉइन का प्राइस लगभग 21 प्रतिशत बढ़ा है। इसमें बढ़त का असर अन्य क्रिप्टोकरेंसीज पर भी दिख रहा है।" पिछले सात वर्षों में बिटकॉइन खरीदने वाले लगभग तीन चौथाई लोगों को नुकसान उठाना पड़ा है। यह जानकारी बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के इकोनॉमिस्ट्स की ओर से पिछले सात वर्षों में लगभग 95 देशों के क्रिप्टोकरेंसी इनवेस्टर्स के डेटा की स्टडी से मिली है।
पिछले वर्ष के अंत में बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में शामिल
FTX के दिवालिया होने का मार्केट पर बड़ा असर पड़ा था। इससे बड़ी संख्या में इनवेस्टर्स ने क्रिप्टोकरेंसीज से दूरी बना ली थी। FTX के सॉफ्टवेयर में बदलाव कर क्लाइंट्स के फंड का इस्तेमाल किया गया था। एक्सचेंज के चीफ इंजीनियर ने कोड में बदलाव कर FTX के फाउंडर Sam Bankman Fried की फर्म Alameda Research को उधार ली गई रकम पर नुकसान उठाने के बावजूद उसके एसेट्स बेचने से छूट दी थी। इस छूट से फर्म को FTX से फंड उधार लेने की अनुमति मिल गई थी चाहे उसके बदले में कोलेट्रल की वैल्यू कितनी भी हो। कोड में इस बदलाव को अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने पकड़ा था। SEC ने बताया कि इससे Alameda Research को बिना किसी लिमिट के क्रेडिट दिया जा रहा था। फर्म को दो वर्षों में अरबों डॉलर का उधार गोपनीय तरीके से मिला था।