Twitter के भारतीय कॉम्पिटिटर Koo पर लगेगा ताला

कुछ बड़ी इंटरनेट कंपनियों, बिजनेस ग्रुप और मीडिया कंपनियों के साथ एक्विजिशन को लेकर बातचीत नाकाम होने के बाद Koo को बंद किया जा रहा है

Twitter के भारतीय कॉम्पिटिटर Koo पर लगेगा ताला

इस स्टार्टअप के लिए एक बड़ी मुश्किल फंडिंग की कमी थी

ख़ास बातें
  • लगभग दो वर्ष पहले Koo ने पांच करोड़ यूजर्स के आंकड़े को पार कर लिया था
  • इस ऐप के पास अपने पीक दौर में लगभग एक करोड़ मासिक एक्टिव यूजर्स थे
  • पिछले कुछ वर्षों में ट्विटर के यूजर्स की संख्या तेजी से बढ़ी है
विज्ञापन
सोशल मीडिया ऐप Koo को बंद किया जा रहा है। इस भारतीय स्टार्टअप की शुरुआत लगभग चार वर्ष पहले माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म Twitter (जिसे अब X कहा जाता है) को टक्कर देने के लिए हुई थी। बड़ी इंटरनेट और मीडिया कंपनियों के साथ एक्विजिशन को लेकर बातचीत नाकाम होने के बाद इसे बंद किया जाएगा। 

Koo की शुरुआत Aprameya Radhakrishna और Mayank Bidawatka ने की थी। यह देश की भाषाओं में यूजर्स को सर्विस देती थी। Aprameya और Bidawatka ने बुधवार को LinkedIn पर एक पोस्ट में बताया कि कुछ बड़ी इंटरनेट कंपनियों, बिजनेस ग्रुप और मीडिया कंपनियों के साथ एक्विजिशन को लेकर बातचीत नाकाम होने के बाद Koo को बंद किया जाएगा। फरवरी में TechCrunch की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि Koo को खरीदने के लिए बेंगलुरु के न्यूज और कंटेंट एग्रीगेटर Dailyhunt के साथ बातचीत हो रही है। 

इसके फाउंडर्स ने बताया है कि कुछ कंपनियों ने Koo के एक्विजिशन की डील के फाइनल दौर में होने पर अपनी प्रायरिटी बदल दी थी और इनमें से अधिकतर कंपनियां यूजर जेनरेटेड कंटेंट से नहीं निपटना चाहती थी। इस ऐप के पास अपने पीक दौर में लगभग एक करोड़ मासिक एक्टिव यूजर्स और लगभग 21 लाख रोजाना के एक्टिव यूजर्स थे। केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच कंटेंट को हटाने के निवेदनों को लेकर तनाव होने पर Koo की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी थी। लगभग दो वर्ष पहले Koo ने पांच करोड़ यूजर्स के आंकड़े को पार कर लिया था। इसने एक वर्ष के अंदर ट्विटर के यूजर बेस से आगे निकलने का टारगेट रखा था। पिछले कुछ वर्षों में ट्विटर के यूजर्स की संख्या तेजी से बढ़ी है। 

इस स्टार्टअप के लिए एक बड़ी मुश्किल फंडिंग की कमी थी। Aprameya ने कहा कि Koo को रेवेन्यू हासिल करने से पहले यूजर्स की संख्या बढ़ाने के लिए लॉन्ग-टर्म फंडिंग की जरूरत थी। उन्होंने बताया कि Koo को बंद करने के फैसले के पीछे इस सोशल मीडिया ऐप को चलाने की कॉस्ट अधिक होना एक बड़ा कारण है। Koo ने लगभग दो वर्ष पहले अपने एल्गोरिद्म को सार्वजनिक किया था। इसके फाउंडर्स का कहना है कि स्वदेशी भाषाओं में सोशल मीडिया को सक्षम बनाने के लिए वे इस सर्विस को जारी रखने पर विचार कर रहे हैं। 

  
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

डेविड डेलिमा

Gadgets 360 में टेक्नोलॉजी लेखक के रूप में, डेविड डेलिमा की ओपन-सोर्स ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Vivo Y500 होगा 8200mAh बैटरी के साथ लॉन्च, होगी अब तक की सबसे बड़ी बैटरी
  2. Xiaomi का नया गैस वाटर हीटर लॉन्च: 16 लीटर कैपेसिटी, मोबाइल से हो जाता है कंट्रोल, जानें कीमत
  3. Pixel 10 सीरीज में बिना नेटवर्क और डेटा के भी होगी कॉलिंग! 28 अगस्त से मिल रहा नया फीचर
  4. Google Pixel 10 Pro XL vs Samsung Galaxy S25 Ultra vs iPhone 16 Pro Max: जानें कौन सा फ्लैगशिप फोन है बेस्ट
  5. सिर्फ 135 सेकेंड में बिक गई 682KM रेंज वाली Mahindra की नई इलेक्ट्रिक एसयूवी, जानें क्या है अलग
  6. Delhi Metro का किराया आज से बढ़ा, ऑनलाइन टिकट बुक करते हुए अब 1-5 रुपये देने होंगे ज्यादा
  7. Google के इस फोन की गिरी कीमत, खरीदने के लिए आया तगड़ा ऑफर
  8. BSNL का 4G नेटवर्क जल्द पूरे देश में होगा लॉन्च, सरकार से मिलेगा 6,982 करोड़ रुपये का अतिरिक्त फंड 
  9. Oppo F31, Oppo F31 Pro जल्द होंगे भारत में लॉन्च, 7,000mAh की हो सकती है बैटरी
  10. भारत में TikTok पर बैन बरकरार, कंपनी ने अनुमति मिलने से किया इनकार
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »