पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टो का सेगमेंट तेजी से बढ़ा है। इस सेगमेंट से जुड़े फ्रॉड के मामलों की भी बड़ी संख्या है। पिछले वर्ष इस मार्केट में तेजी आई थी। इससे अपराधियों के लिए भी यह एक बड़ा निशाना बना है। मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin का प्राइस पिछले वर्ष दोगुने से अधिक बढ़ा था।
अमेरिका के फेडरल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन (FBI) की एक
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष क्रिप्टोकरेंसीज से जुड़े फ्रॉड के मामलों में लगभग 45 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इन फ्रॉड की वजह से ट्रेडर्स को 5.6 अरब डॉलर (लगभग 47,029 करोड़ रुपये) से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि फाइनेंशियल फ्रॉड की कुल शिकायतों में से लगभग 10 प्रतिशत क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी थी। FBI की क्रिमिनल इनवेस्टिगेशन के डायरेक्टर, Michael Nordwall ने इस रिपोर्ट में कहा है, "इंटरनेशनल फाइनेंशियल सिस्टम में क्रिप्टोकरेंसीज की हिस्सेदारी बढ़ने के साथ ही अपराधियों ने भी इसका इस्तेमाल बढ़ाया है।"
हाल ही में FBI ने चेतावनी दी थी कि क्रिप्टो सेगमेंट पर नॉर्थ कोरिया के हैकर्स के अटैक बढ़ रहे हैं। पिछले महीने भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज WazirX को हैकर्स ने निशाना बनाया था। इसमें नॉर्थ कोरिया के हैकर्स के शामिल होने की रिपोर्ट है। इस मामले में WazirX से लगभग 23 करोड़ डॉलर का फंड चुराया गया था। FBI ने बताया, "हैकर्स अपने शिकार को सोशल मीडिया पर उसकी एक्टिविटी के जरिए तलाशते हैं। इसके बाद पीड़ितों को विभिन्न तरीकों से फंसाया जाता है।" इन हैकर्स से बचने के लिए FBI ने क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट्स की लॉगिन, पासवर्ड और प्राइवेट कीज से जुड़ी जानकारी इंटरनेट से कनेक्टेड डिवाइसेज पर स्टोर नहीं करने की सलाह दी है।
क्रिप्टो मार्केट पर भी इस मामले का असर पड़ा था। इससे क्रिप्टो एक्सचेंजों में सिक्योरिटी को लेकर सवाल उठे थे।
WazirX ने हैकर्स के अटैक के बाद अपने प्लेटफॉर्म पर सभी डिपॉजिट और विड्रॉल को रोक दिया था। इस एक्सचेंज ने चुराए गए फंड को लौटाने के लिए हैकर को लगभग 2.3 करोड़ डॉलर (लगभग 192 करोड़ रुपये) की पेशकश की थी। क्रिप्टो मार्केट पर भी इस मामले का असर पड़ा था। इससे क्रिप्टो एक्सचेंजों में सिक्योरिटी को लेकर सवाल उठे थे। कुछ देशों में इस सेगमेंट के लिए रूल्स बनाए जा रहे हैं।