ISRO चेयरमैन एस. सोमनाथ ने DD News से बात करते हुए कहा कि Gaganyaan मिशन भारत के स्पेस प्रोग्राम के इतिहास में सबसे जटिल और चुनौतीपूर्ण मिशनों में से एक है।
Photo Credit: ISRO
वर्तमान में बेंगलुरु में भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों का ट्रेनिंग प्रोग्राम चल रहा है
भारत अब अपने सबसे बड़े स्पेस ड्रीम के बेहद करीब पहुंच चुका है। ISRO (इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन) ने कंफर्म किया है कि देश का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन Gaganyaan अब लगभग 90% पूरा हो चुका है। ISRO के पूर्व चेयरमैन डॉ. के. सिवन ने बताया कि एजेंसी अब मिशन के अंतिम चरणों पर काम कर रही है और लक्ष्य है कि इसे 2027 तक लॉन्च किया जाए। इससे पहले ISRO तीन अनक्रूड (बिना इंसान वाले) टेस्ट फ्लाइट्स पूरी करेगा, ताकि सिस्टम की सुरक्षा और तैयारी को परखा जा सके। इस मिशन के सफल होने पर भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल होगा जिन्होंने अपने दम पर इंसानों को अंतरिक्ष में भेजा है।
ISRO चेयरमैन एस. सोमनाथ ने DD News से बात करते हुए कहा कि Gaganyaan मिशन भारत के स्पेस प्रोग्राम के इतिहास में सबसे जटिल और चुनौतीपूर्ण मिशनों में से एक है। ये मिशन भारत की उस क्षमता को साबित करेगा जिसमें वह पूरी तरह से स्वदेशी लॉन्च सिस्टम के जरिए इंसानों को लो-अर्थ ऑर्बिट (Low Earth Orbit) में भेज सके। इसके लिए जो तीन अनक्रूड फ्लाइट्स होंगी, उनमें लाइफ सपोर्ट, री-एंट्री सिस्टम्स और सेफ्टी चेक्स को वेरिफाई किया जाएगा ताकि असली मानव मिशन में कोई जोखिम न रहे।
भारत सरकार ने Gaganyaan प्रोजेक्ट को पिछले साल औपचारिक रूप से अनाउंस किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे भारत की स्पेस टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भरता की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया था। इस मिशन के पूरा होने के बाद भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद दुनिया का चौथा देश बन जाएगा जो अपने दम पर मानव को अंतरिक्ष में भेजने में सफल रहा है।
वर्तमान में बेंगलुरु में भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों का ट्रेनिंग प्रोग्राम चल रहा है, जहां उन्हें एडवांस सिमुलेशन्स और मिशन कैप्सूल के ऑपरेशन्स की ट्रेनिंग दी जा रही है। यह कैप्सूल कई तरह के सेफ्टी और इमरजेंसी प्रोटोकॉल्स के साथ डिजाइन किया गया है ताकि किसी भी स्थिति में क्रू की सुरक्षा बनी रहे।
Gaganyaan भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है, जिसके तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्री (Gagannauts) को स्वदेशी लॉन्च सिस्टम के जरिए लो-अर्थ ऑर्बिट में भेजा जाएगा।
ISRO का लक्ष्य है कि Gaganyaan मिशन को 2027 तक लॉन्च किया जाए। फिलहाल इसके 90% काम पूरे हो चुके हैं।
ISRO तीन अनक्रूड टेस्ट फ्लाइट्स लॉन्च करेगा ताकि मिशन के लाइफ-सपोर्ट, री-एंट्री और सेफ्टी सिस्टम्स को वेरिफाई किया जा सके।
इस मिशन की सफलता के बाद भारत, अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथा देश बन जाएगा जिसने अपने दम पर मानव को अंतरिक्ष में भेजा है।
भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों की ट्रेनिंग बेंगलुरु में चल रही है, जहां उन्हें एडवांस सिमुलेशन और इमरजेंसी प्रोटोकॉल्स की तैयारी करवाई जा रही है।
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