Perseverance रोवर इस ग्रह के भूविज्ञान और पिछले क्लाइमेट के बारे में भी जानकारी जुटाएगा। इससे मंगल ग्रह पर मानवीय मिशन के पहुंचने का रास्ता बन सकता है। यह इस ग्रह से चट्टान और धूल एकत्र करने वाला पहला मिशन होगा
अल्ट्रावॉयलेट तस्वीरों का अपना अलग महत्व वैज्ञानिकों ने बताया है। उनका कहना है कि लाल ग्रह मंगल के बारे में इन तस्वीरों के माध्यम से और अधिक गहराई तक जाना जा सकता है।
मंगल की सतह पर भ्रमण करते नासा के पर्सेवरेंस रोवर ने सतह पर मौजूद बेलवा क्रेटर की 152 अद्भुत तस्वीरें भेजी। यह एक बड़ा इम्पेक्ट क्रेटर है जो जेजीरो क्रेटर (Jezero Crater) से भी बड़ा बताया गया है।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने डिफेंस एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी (DARPA) के साथ डिमॉन्स्ट्रेशन रॉकेट फॉर एजाइल सिस्लुनर ऑपरेशंस (DRACO) प्रोग्राम के लिए साझेदारी की है। इसे साल 2027 में टेस्ट किया जाएगा।
भारत के स्पेस मिशन के लिए साल 2022 उत्साह जनक रहा। कमर्शल स्पेस सेक्टर में भारत ने दुनिया को अपना दबदबा दिखाया और इसरो के सबसे भारी रॉकेट LVM3 ने OneWeb के 36 ब्रॉडबैंड सैटेलाइट्स लॉन्च कर डाले।
इसरो ने कहा कि मार्स ऑर्बिटर यान (Mars Orbiter) का जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया है। इसे रिकवर नहीं किया जा सकता और मंगलयान मिशन का जीवन खत्म हो गया है।
Mars Mission : मंगलयान को 5 नवंबर 2013 को लॉन्च किया गया था। इस मिशन में कुल 450 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, जो ऐसे मिशनों के हिसाब से काफी कम थे। मंगल मिशन का बजट हॉलीवुड फिल्म ग्रैविटी (Gravity) से भी कम था।
Venus : पिछले हफ्ते पेरिस में इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉटिकल कांग्रेस (IAC) में प्रस्तुत एक रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने मंगल के बजाए शुक्र ग्रह के लिए एक मिशन लॉन्च करने का आह्वान किया है।
टीम ने गैस के बुलबुलों को अलग करने के लिए एक मेकेनिज्म तैयार किया है। स्टडी में पहली बार ये दिखाया गया है कि गैस के बुलबुले को माइक्रोग्रैविटी में एक साधारण नियोडिमियम चुंबक से आकर्षित किया जा सकता है और उन्हें विभिन्न प्रकार के पानी के घोल में डुबोया जा सकता है।