क्या मंगल ग्रह पर जीवन है? Nasa की वैज्ञानिक ने दिया यह जवाब, देखें वीडियो

एक वीडियो में उन्‍होंने बताया कि हम लंबे समय से मंगल ग्रह पर जीवन की तलाश कर रहे हैं। नासा को मंगल ग्रह पर जीवन का कोई सबूत अभी तक नहीं मिला है।

क्या मंगल ग्रह पर जीवन है? Nasa की वैज्ञानिक ने दिया यह जवाब, देखें वीडियो

वीडियो में ग्राहम कहती हैं कि बहुत सारे सबूत हैं जो बताते हैं कि मंगल ग्रह पर कभी एक विशाल महासागर था।

ख़ास बातें
  • मंगल ग्रह पर जीवन की संभावना को लेकर बनाया वीडियो
  • नासा के वीडियो में वैज्ञानिक हीथर ग्राहम ने दी जानकारी
  • कई साल से मंगल ग्रह पर मिशन भेज रही है अमेरिकी स्‍पेस एजेंसी
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पृथ्‍वी से बाहर जीवन की तलाश कर रहे वैज्ञानिकों को सबसे ज्‍यादा ‘भरोसा' मंगल ग्रह (Mars) पर है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) कई वर्षों से मंगल ग्रह पर अपने मिशन भेज रही है, ताकि वहां की परिस्‍थि‍तियों को समझा जा सके। कई वैज्ञानिकों को लगता है कि अरबों साल पहले मंगल ग्रह की जलवायु जीवन पनपने के अनुकूल थी। नासा के पर्सवेरेंस रोवर (Perseverance rover) ने लाल ग्रह से सैंपल लेने शुरू कर दिए हैं, लेकिन क्‍या मंगल ग्रह पर जीवन है? इस बारे में नासा की एस्‍ट्रोबायलॉजिस्‍ट हीथर ग्राहम ने कुछ जानकारी शेयर की है।  

एक वीडियो में उन्‍होंने बताया कि हम लंबे समय से मंगल ग्रह पर जीवन की तलाश कर रहे हैं। नासा को मंगल ग्रह पर जीवन का कोई सबूत अभी तक नहीं मिला है। हीथर ग्राहम कहती हैं, हालांकि हमें बहुत सारे सबूत मिले हैं कि शायद यह ग्रह अतीत में जीवन का सपोर्ट कर सकता था यानी ग्रह रहने लायक था। 

वीडियो में ग्राहम कहती हैं कि बहुत सारे सबूत हैं जो बताते हैं कि मंगल ग्रह पर कभी एक विशाल महासागर था। ऐसा वातावरण था जो जीवन को सपोर्ट कर सकता था। लेकिन अभी भी मंगल ग्रह को एक्‍स्‍प्‍लोर किया जाना बाकी है। वहां ऐसी जगहें हैं, जो रहने लायक हैं। इनमें ग्रह के डीप सबसर्फेस, अंडरग्राउंड जगहें हैं, जहां लिक्विड पदार्थ हो सकता है या जीव रह सकते हैं। हालांकि ग्राहम ने स्‍पष्‍ट किया कि मंगल ग्रह की सतह रहने के लिए बहुत खतरनाक है क्‍योंकि वहां रेडिएशन अधिक है।  

गौरतलब है कि मंगल ग्रह पर नासा काफी वर्षों से अपने मिशन भेज रही है। 3 रोवर अभी ग्रह को खंगालने में जुटे हैं। इनमें नासा का पर्सवेरेंस रोवर और क्यूरि‍योसिटी रोवर शामिल हैं, जबकि चीन का झुरोंग रोवर (Zhurong rover) भी मंगल पर अपने मिशन में जुटा है। मंगल ग्रह पर मिशन चलाना आसान काम नहीं है। वहां चलने वालीं धूल भरी आंधियों के कारण रोवरों के सोलर पैनलों पर असर पड़ता है। नासा के इनसाइट रोवर का अंत हाल ही में हुआ है। 

नासा, मंगल ग्रह पर जो सैंपल जुटा रही है, उन्‍हें अगले दशक की शुरुआत तक पृथ्‍वी पर लाने की योजना है। जब ये सैंपल पृथ्‍वी पर पहुंचेंगे, उसके बाद कुछ अहम खोज सामने आ सकती हैं। यह पता लग सकता है कि भविष्‍य में मंगल ग्रह पर जीवन पनपने की संभावना कितनी है। 

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