अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (
Nasa) का एक मकसद भविष्य में मंगल ग्रह पर इंसानों को भेजना है। उसने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है। पिछले साल जून में नासा ने 4 आम लोगों को एक ऐसी जगह पर ठहराया, जहां मंगल ग्रह जैसे हालात हैं। स्पेस एजेंसी ने धरती पर ही ऐसा सेटअप तैयार कर दिया, जिसमें मंगल ग्रह का वातावरण है। इस सेटअप में नासा एक बार फिर से 4 नए लोगों को रहने के लिए भेजने वाली है। चारों वॉलंटियर्स 45 दिनों तक उस सेटअप में रहेंगे, जिसकी शुरुआत 10 मई से हो रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, चारों वॉलंटियर्स के नाम जेसन ली, स्टेफनी नवारो, शरीफ अल रोमैथी और पियुमी विजेसेकरा हैं। 10 मई को सभी एक सेटअप में एंट्री करेंगे और 24 जून को उससे बाहर आएंगे।
यह जगह अमेरिका के ह्यूस्टन स्थित जॉनसन स्पेस सेंटर में है। इसे क्रू हेल्थ एंड परफॉर्मेंस एक्सप्लोरेशन एनालॉग (CHAPEA) कहा जाता है। लोगों के लिए पृथ्वी पर ही मंगल ग्रह के हालात तैयार कर और वहां इन 4 वॉलंटियर्स को रखकर नासा मंगल ग्रह की स्थितियों को समझना चाहती है। वह चाहती है कि असल में जब इंसान को मंगल पर रहने के लिए भेजा जाएगा, तो उसे किस तरह की स्थितियां देखनी होंगी।
3D प्रिंटेड है ‘घर'
जिस घर में चारों वॉलंटियर्स रहने जाएंगे, वह 3D प्रिंटेड हाउस है। इसमें रहने वाले लोगों को खुद के लिए पत्तेदार सब्जियां उगानी होंगी। वो सभी काम करने होंगे, जो वैज्ञानिकों को मंगल ग्रह पर करने पड़ सकते हैं।
जिस घर में वॉलंटियर्स रहेंगे, उसका दरवाजा एयरलॉक होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि मंगल ग्रह पर ऑक्सीजन नहीं है और पृथ्वी पर नकली मंगल वातावरण में भी चारों लोगों को कृत्रिम ऑक्सीजन के भरोसे रहना होगा। नासा का कहना है कि यह जगह वैज्ञानिकों को उनकी स्टडी में मदद करेगी। साइंटिस्ट जान पाएंगे कि चंद्रमा, मंगल और अन्य ग्रहों पर जाने से पहले क्रू मेंबर्स को कैसे एडजस्ट होना होता है।