अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) किसी ग्रह को लेकर सबसे गंभीर नजर आती है, तो वह है मंगल ग्रह (Mars)। स्पेस एजेंसी वर्षों से मंगल ग्रह पर अपने मिशन भेज रही है, ताकि वहां जीवन की संभावनाओं को टटोला जा सके। नासा भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों को भी मंगल पर भेजना चाहती है। अब नासा ने बताया है कि वह एक परमाणु-संचालित रॉकेट का निर्माण कर रही है, जो पारंपरिक रॉकेटों की तुलना में बहुत तेजी से इंसानों को मंगल ग्रह पर भेज सकता है। फिलहाल मंगल ग्रह पर पहुंचने में 7 महीने लगते हैं।
रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने डिफेंस एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी (DARPA) के साथ डिमॉन्स्ट्रेशन रॉकेट फॉर एजाइल सिस्लुनर ऑपरेशंस (DRACO) प्रोग्राम के लिए साझेदारी की है। इसे साल 2027 में टेस्ट किया जाएगा। बताया जाता है कि
नासा जिस न्यूक्लियर-पावर्ड रॉकेट के निर्माण पर काम कर रही है, वह इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन के मुकाबले 10 हजार गुना ज्यादा हाई थ्रस्ट-टू-वेट रेश्यो ऑफर करता है।
DRACO को डिजाइन करने के लिए इसकी टीम ने NTR (न्यूक्लियर थर्मल रॉकेट) मॉडल को इस्तेमाल करने की योजना बनाई है साथ ही मॉडल को मॉडर्न टच दिया जाएगा। NTR मॉडल करीब 50 साल पुराना बताया जाता है। कहा जाता है कि नासा ने कई दशकों तक न्यूक्लियर थर्मल प्रोपल्शन को स्टडी किया है।
कहा जाता है कि यह तकनीक अंतरिक्ष यात्रियों के लिए बेहद कारगर होगी, क्योंकि उन्हें लंबे समय तक यात्रा नहीं करनी होगी। इससे भोजन और कार्गो की सप्लाई का खर्च भी कम होगा। नासा की योजना साल 2030 तक इंसानों को
मंगल ग्रह पर भेजने की है।
नासा के डिप्टी एडमिनिस्ट्रेटर और पूर्व अंतरिक्ष यात्री पाम मेलरॉय के मुताबिक अगर अंतरिक्ष एजेंसी के पास इंसानों के लिए तेज यात्राएं हैं, तो वह सुरक्षित भी होंगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि नासा जिस मिशन पर काम कर रही है, वह काफी सुरक्षित होगा। एजेंसी कई वर्षों से NTR मॉडल पर काम करती आई है। यह मिशन पहली बार 1961 में शुरू किया गया था।