पिछले महीने केंद्र सरकार ने नई EV पॉलिसी की घोषणा की थी जिसमें किसी ऑटोमोबाइल कंपनी के कम से कम 50 करोड़ डॉलर का इनवेस्टमेंट करने पर कुछ मॉडल्स पर इम्पोर्ट टैक्स को 100 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत किया गया है
पिछले महीने Tata Motors ने EV के प्राइस घटाए थे। कंपनी ने इनके प्राइसेज में 1.20 लाख रुपये तक कटौती की थी। देश में कारों की कुल सेल्स में EV की हिस्सेदारी लगभग दो प्रतिशत की है
इस वर्ष की शुरुआत में अमेरिकी EV मेकर Tesla के CEO, Elon Musk ने कहा था कि अगर चाइनीज ऑटोमोबाइल कंपनियों पर ट्रेड से जुड़ी बंदिशें नहीं लगाई गई तो वे ग्लोबल ऑटोमोबाइल कंपनियों के लिए खतरा बन सकती हैं
पिछले कुछ वर्षों से टेस्ला के CEO, Elon Musk ने देश में बिजनेस शुरू करने की कोशिशें की हैं। पिछले वर्ष अमेरिका में मस्क ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ मीटिंग भी की थी। मस्क का मानना है कि देश में व्हीकल्स पर बहुत अधिक इम्पोर्ट टैक्स है
इनवेस्टमेंट और मैन्युफैक्चरिंग की शर्तों को पूरा करने वाली EV कंपनियों को 35,000 डॉलर और इससे अधिक प्राइस वाली इलेक्ट्रिक कारों को 15 प्रतिशत के इम्पोर्ट टैक्स पर सीमित संख्या में इम्पोर्ट करने की अनुमति मिलेगी
इससे भारत में भी ऐसी ऑटोमोबाइल कंपनियों पर असर पड़ेगा, जो इस अफ्रीकी देश में व्हीकल्स का एक्सपोर्ट करती हैं। हाल के वर्षों में इथोपिया ने EV के अधिक इस्तेमाल पर जोर दिया है
टेस्ला के भारत में लॉन्च की घोषणा जल्द की जा सकती है। इस महीने होने वाले Vibrant Gujarat Summit के दौरान कंपनी की ओर से बिजनेस को शुरू करने की जानकारी देने की संभावना है
टेस्ला की फैक्टरी गुजरात के साणंद में लगाई जा सकती है। देश की सबसे बड़ी कार मेकर Maruti Suzuki और Tata Motors के भी साणंद में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं
पिछले कुछ वर्षों में EV की बिक्री तेजी से बढ़ी है। पिछले वर्ष भी टेस्ला ने अपनी इलेक्ट्रिक कारों के लिए इम्पोर्ट टैक्स को घटाने की मांग की थी। टेस्ला को सरकार ने देश में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने और EV की मैन्युफैक्चरिंग करने के लिए कहा है