अमेरिकी इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) मेकर Tesla की मौजूदा वर्ष की पहली तिमाही में सेल्स 8.5 प्रतिशत घटी है। यह लगभग चार वर्ष में पहली बार है कि जब वर्ष-दर-वर्ष आधार पर कंपनी की तिमाही सेल्स में कमी हुई है। इससे टेस्ला की ग्रोथ की संभावनाओं को लेकर आशंका बढ़ गई है।
बिलिनेयर Elon Musk की
टेस्ला ने पहली तिमाही में 3,86,810 व्हीकल्स की डिलीवरी की है। दुनिया भर में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की सेल्स गिरना और
BYD जैसे EV मेकर्स से कड़ी टक्कर मिलना इसके पीछे बड़े कारण हैं। पिछले वर्ष की समान तिमाही में टेस्ला ने लगभग 4,23,000 यूनिट्स की बिक्री की थी। कंपनी ने अपने EV के प्राइसेज भी घटाए थे लेकिन इसके बावजूद इसे सेल्स में कमी का सामना करना पड़ा है। इसका असर टेस्ला के शेयर प्राइस पर भी पड़ा है। इस वर्ष कंपनी का शेयर लगभग 30 प्रतिशत गिरा है।
पिछले कुछ वर्षों से टेस्ला के CEO, Elon Musk ने देश में बिजनेस शुरू करने की कोशिशें की हैं। हालांकि, वह इसके लिए इम्पोर्ट टैक्स में कटौती चाहते हैं। मस्क का मानना है कि देश में व्हीकल्स पर इम्पोर्ट टैक्स बहुत ज्यादा है। टेस्ला के सबसे सस्ते व्हीकल मॉडल 3 का अमेरिका में प्राइस लगभग 38,990 डॉलर का है। पिछले वर्ष मस्क ने अमेरिका में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ मीटिंग भी की थी।
हाल ही में टेस्ला ने 60 लाख EV की मैन्युफैक्चरिंग की थी। कंपनी ने यह उपलब्धि अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार लॉन्च करने के 16 वर्ष बाद हासिल की है। इसने EV की 10 लाख यूनिट्स सिर्फ छह महीनों में बनाई है। टेस्ला को शुरुआती 10 लाख यूनिट्स बनाने में 12 वर्ष लगे थे। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में बड़ा बदलाव लाने वाली टेस्ला के मॉडल 3, मॉडल S और मॉडल X की बड़ी संख्या में बिक्री होती है। पिछले वर्ष टेस्ला की बिक्री 12 लाख यूनिट्स से अधिक की थी। हाल ही में कंपनी ने Cybertruck को लॉन्च किया था हालांकि, इस मार्केट में कंपनी को चीन की BYD से कड़ी टक्कर मिल रही है। हाल ही में BYD ने प्लग-इन हाइब्रिड कारों की 70 लाख यूनिट्स की मैन्युफैक्चरिंग तक पहुंची थी। हाल ही में BYD की Seal EV को भारत में लॉन्च किया गया था। इसका प्राइस लगभग 41 लाख रुपये से 53 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) के बीच है। इसे तीन वेरिएंट्स - प्रीमियम, डायनैमिक और परफॉर्मेंस में उपलब्ध कराया गया है। देश में Seal के अलावा BYD की Atto 3 और e6 की भी बिक्री होती है।