भारत में क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर केंद्र सरकार का सख्त रवैया बरकरार है। पिछले महीने वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने कहा था कि देश में क्रिप्टोकरेंसीज को 'करेंसी' के तौर पर माना या देखा नहीं जाता है
अमेरिका में बिटकॉइन स्पॉट ETF को सिक्योरिटीज रेगुलेटर की ओर से स्वीकृति मिलने के बाद क्रिप्टो मार्केट में काफी तेजी आई है। इन ETF में फंडिंग लगातार बढ़ रही है। इस सप्ताह बिटकॉइन का प्राइस भी 73,700 डॉलर से अधिक पर गया था जो इसका हाई प्राइस है
लगभग डेढ़ वर्ष पहले सरकार ने प्रत्येक क्रिप्टो ट्रांजैक्शन पर एक प्रतिशत का TDS लगाया था। इसके साथ ही क्रिप्टो से मिलने वाले प्रॉफिट पर 30 प्रतिशत टैक्स लागू किया गया था
पिछले वर्ष बिटकॉइन के प्राइस में भारी गिरावट आई थी। इसके पीछे क्रिप्टो से जुड़ी बहुत सी फर्मों का दिवालिया होना बड़ा कारण था। पिछले वर्ष के अंत में बिटकॉइन का प्राइस 42,000 डॉलर से अधिक पर था
पिछले वर्ष (RBI ने चेतावनी दी थी कि अगला वित्तीय संकट प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसीज से आएगा। इसके साथ ही दास ने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसीज के साथ कोई वैल्यू नहीं जुड़ी और यह मैक्रो इकोनॉमिक और वित्तीय स्थिरता के लिए रिस्क है
Tether वॉल्यूम के लिहाज से सबसे बड़ा स्टेबलकॉइन है और इसने कई क्रिप्टो निवेशकों का ध्यान खींचा है। स्टेबलकॉइन असल में काफी हद तक स्टेबल रहता है और इसे निवेश के लिए इसे अच्छा माना जाता है
पिछले वर्ष नवंबर में बिटकॉइन ने 67,000 डॉलर से अधिक का हाई बनाया था। इसके बाद से इसमें काफी गिरावट आई है। इसका प्राइस गिरने से बड़ी संख्या में इनवेस्टर्स के साथ ही इस सेगमेंट से जुड़ी फर्मों को भी बड़ा नुकसान हुआ है
अफगानिस्तान में पश्चिमी देशों से सहायता प्राप्त करने में क्रिप्टोकरेंसीज से काफी मदद मिली थी। विदेश में मौजूद कुछ संगठनों ने सहायता उपलब्ध कराने के लिए क्रिप्टोकरेंसीज का इस्तेमाल किया था