देश में इस सेगमेंट के लिए टैक्स के सख्त नियमों के बावजूद क्रिप्टो एक्सचेंजों और डीसेंट्रलाइज्ड प्लेटफॉर्म्स पर यूजर्स की एक्टिविटी बढ़ी है
देश में क्रिप्टो से जुड़ी ट्रांजैक्शंस पर 30 प्रतिशत का टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स (TDS) लगता है
देश में पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टो का सेगमेंट तेजी से बढ़ा है। इंटरनेशनल लेवल पर भारत ने क्रिप्टो के इस्तेमाल के लिहाज से लगातार तीसरे वर्ष पहला स्थान हासिल किया है। हालांकि, क्रिप्टो से जुड़ी ट्रेडिंग को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) सहित रेगुलेटर्स की ओर से आशंकाएं जताई गई हैं।
ब्लॉकचेन डेटा फर्म Chainalysis के इस वर्ष के ग्लोबल क्रिप्टो एडॉप्शन इंडेक्स में भारत का लगातार तीसरे वर्ष पहला स्थान है। इस रिपोर्ट में 151 देशों में क्रिप्टो के इस्तेमाल का विश्लेषण किया गया है। क्रिप्टो के इस्तेमाल में अमेरिका का दूसरा और पाकिस्तान का तीसरा रैंक है। इस रिपोर्ट में इन देशों को प्राप्त हुई ऑन-चेन वैल्यू, रिटेल ट्रांजैक्शंस, ट्रेडिंग वॉल्यूम और विभिन्न आमदनी समूहों में क्रिप्टो के इस्तेमाल जैसे तथ्यों के आधार पर रैंकिंग दी जाती है। Chainalysis का कहना है कि रिटेल और इंस्टीट्यूशनल सेगमेंट की ओर से इस सेगमेंट में ट्रेडिंग बढ़ने से भारत की मजबूत पोजिशन बरकरार है।
देश में इस सेगमेंट के लिए टैक्स के सख्त नियमों के बावजूद क्रिप्टो एक्सचेंजों और डीसेंट्रलाइज्ड प्लेटफॉर्म्स पर यूजर्स की एक्टिविटी बढ़ी है। क्रिप्टो से जुड़ी ट्रांजैक्शंस पर 30 प्रतिशत का टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स (TDS) लगता है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि साउथ और साउथ-ईस्ट एशियन देशों में वियतनाम और फिलिपींस की इस सेगमेंट में बड़ी हिस्सेदारी है। हालांकि, भारत में रेगुलेटर्स की क्रिप्टो सेगमेंट को लेकर सख्ती बढ़ रही है। RBI की ओर से क्रिप्टो ट्रेडिंग पर बैन लगाने की भी मांग की गई है। पिछले वर्ष RBI ने क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर दोबारा चेतावनी दी थी। इसके साथ ही क्रिप्टोकरेंसीज को वित्तीय और मॉनेटरी स्थिरता के लिए बड़ा जोखिम बताया था।
इस सप्ताह की शुरुआत में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने बताया था कि टीम इंडिया के लीड स्पॉन्सरशिप राइट्स के लिए क्रिप्टो और रियल मनी गेमिंग से जुड़ी कंपनियों को बिड करने की अनुमति नहीं होगी। BCCI की ओर से दिए गए दिशानिर्देशों के अनुसार, इन स्पॉन्सरशिप राइट्स के लिए क्रिप्टो ट्रेडिंग, क्रिप्टो एक्सचेंज, क्रिप्टो टोकन, ऑनलाइन मनी गेमिंग, बेटिंग, गैंबलिंग या इस तरह की सर्विसेज से जुड़ी कंपनियों के बिड देने पर रोक है। इसमें कोई छूट नहीं दी जाएगी क्योंकि यह रोक प्रॉक्सी ब्रांडिंग और क्रिप्टो से जुड़ी कंपनियों के साथ अप्रत्यक्ष टाई-अप पर भी लागू है। इस रोक से क्रिप्टो से जुड़ी कंपनियों पर सख्ती बढ़ने का भी संकेत मिल रहा है।
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