Asteroid 2023 NR1 के लिए नासा का कहना है कि 1,120,000 किलोमीटर के दायरे से होकर धरती के पास से गुजरने वाला है। इसकी स्पीड 54710 किलोमीटर प्रतिघंटा बताई गई है।
एस्टरॉयड अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के लिए इसलिए भी मायने रखते हैं क्योंकि ये सौरमंडल के निर्माण के समय से ही मौजूद हैं। इनको स्टडी कर पता लगाया जा सकता है कि ग्रह कैसे बने होंगे।
400 फीट की खतरनाक चट्टान एस्टरॉयड 2020 NC (Asteroid 2020 NC) के लिए अलर्ट जारी करते हुए नासा ने कहा है कि यह 27,800 किलोमीटर प्रतिघंटा से भी ज्यादा स्पीड से धरती की ओर बढ़ रहा है।
नासा की ओर से एस्टरॉयड 2023 MQ (Asteroid 2023 MQ) और एस्टरॉयड 2023 MU (Asteroid 2023 MU) को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। Asteroid 2023 MQ के बारे में बताया गया है कि यह 35 फीट का एस्टरॉयड है।
2013 में रूस में Chelyabinsk नामक उल्का पिंड आसमान में फटा था जिसने 8 हजार ईमारतों को नुकसान पहुंचाया था। यह 59 फीट साइज का था। एस्टरॉयड 2023 LD भी इसी साइज का है।
4 जून को एस्टरॉयड 2023 HO18 धरती के पास आने वाला है। इसका साइज 96 फीट का है। यह चट्टानी टुकड़ा 467,000 किलोमीटर की दूरी से धरती के पास से गुजरने वाला है।
एस्टरॉयड को नासा लगातार ट्रैक करती रहती है, क्योंकि नासा के मुताबिक कोई एस्टरॉयड जब एक निश्चित दूरी से पृथ्वी के ज्यादा करीब आने लगता है तो यह खतरा अपने साथ लिये होता है।
JPL ने बताया है कि जब 2023 KA2 एस्टरॉयड धरती के सबसे करीबी बिंदु पर होगा तो इसकी दूरी यहां से सिर्फ 4 लाख किलोमीटर ही रह जाएगी, जो कि बहुत ही कम दूरी है।