एस्टरॉयड को हिंदी भाषा में लघु ग्रह भी कह दिया जाता है। ये खनिज पदार्थों के बने होते हैं और चट्टानी संरचना लिए होते हैं। आकार में ये 500 फीट से लेकर कई किलोमीटर तक बड़े हो सकते हैं। सौरमंडल के अन्य खगोलीय पिंडों की तरह ये भी सूरज का चक्कर काटते हैं। लेकिन इनकी कक्षा कई बार दूसरे ग्रहों की कक्षा के रास्त में आ जाती है। अपनी कक्षा में घूमते हुए ये धरती के इतने पास से भी गुजरते हैं कि टक्कर होने तक की संभावना बन जाती है। एस्टरॉयड के धरती से टकराने की अभी तक बहुत कम घटनाएं सामने आई हैं, लेकिन ये कभी भी अपनी दिशा बदल सकते हैं। इसलिए अंतरिक्ष वैज्ञानिक एस्टरॉयड की दिशा पर लगातार नजर रखते हैं।
अंतरिक्ष एजेंसी NASA की ओर से आज एक बड़े एस्टरॉयड के धरती की ओर आने का अलर्ट जारी किया गया है। नासा की
जेट प्रॉपल्शन लेबोरेटरी (JPL) की ओर से आज
एस्टरॉयड 2023 OQ के लिए अलर्ट जारी किया गया है। यह 450 फीट का चट्टानी टुकड़ा है जो कुछ ही घंटों में पृथ्वी के करीब पहुंचने वाला है। जेट प्रॉपल्शन लेबोरेटरी के अनुसार यह धरती से 3,800,000 किलोमीटर की दूरी से गुजरने वाला है। इसकी स्पीड 76763 किलोमीटर प्रतिघंटा बताई गई है। यह साइज में दो बिल्डिंग के जितना बड़ा है। अगर यह धरती की ओर गिरने लगता है ऐसी स्थिति में भारी तबाही आ सकती है। लेकिन नासा ने अभी तक ऐसी आशंका इसे लेकर जाहिर नहीं की है।
एस्टरॉयड की एक बड़ी संख्या सौरमंडल में मौजूद है जिनमें 500 फीट से कई किलोमीटर जितने बड़े चट्टानी टुकड़े लगातार पृथ्वी के आसपास से घूमते हुए गुजर रहे हैं। एस्टरॉयड खनिज पदार्थों और चट्टानों के बने होते हैं। ये ठोस होते हैं लेकिन आकार में ऊबड़ खाबड़ होते हैं। हाल ही में 1600 फीट तक बड़े एस्टरॉयड पृथ्वी के पास से होकर गुजरे हैं। गनीमत रही कि ये सुरक्षित दूरी से होकर निकल गए। लेकिन अगर कोई एस्टरॉयड पृथ्वी पर गिरने लगे तो भारी तबाही आ सकती है।
नासा के अनुसार, 16000 एस्टरॉयड पृथ्वी और उसके आसपास मौजूद हैं। नासा इन्हें नियर अर्थ ऑब्जेक्ट (near earth object) भी कहती है, यानि कि ऐसे खगोलीय पिंड, जो लगातार पृथ्वी के आसपास मंडरा रहे हैं। NASA ने इन 16 हजार एस्टरॉयड में से 1784 एस्टरॉयड को संभावित रूप से पृथ्वी के लिए खतरनाक घोषित किया है।
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