अंतरिक्ष वैज्ञानिक सौरमंडल के बारे में काफी कुछ पता लगा चुके हैं। इसमें 8 ग्रहों के अलावा बड़ी संख्या में उपग्रह और एस्टरॉयड भी मौजूद हैं। एस्टरॉयड बड़े खगोलीय पिंड के गुरुत्वाकर्षण से आकर्षित होकर उससे टकरा भी सकते हैं। पृथ्वी का ही आकार देखें तो इसका व्यास 12,756 किलोमीटर है। पृथ्वी के ऊपर घूम रहे स्पेस शटल भी इसकी एक परिक्रमा में 1.5 घंटा ले लेता है, जबकि शटल की रफ्तार 27,880 किलोमीटर प्रतिघंटा होती है। नेशनल साइंस फाउंडेशन के मुताबिक, पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण 9.8 मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से किसी वस्तु को अपनी ओर खींच सकता है। ऐसे में एस्टरॉयड का धरती की ओर खिंच जाना बहुत आश्चर्य की बात नहीं कही जाती है।
अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अनुसार, एस्टरॉयड सौरमंडल के एक बड़े हिस्से में फैले हैं। इनका साइज 500 फीट से लेकर कई किलोमीटर तक बड़ा सकता है। नासा पृथ्वी के करीब आने वाले एस्टरॉयड के बारे में अलर्ट जारी करती है और एस्टरॉयड से सावधान करती रहती है। आज फिर से नासा द्वारा 2 एस्टरॉयड के लिए अलर्ट जारी किया गया है। आइए जानते हैं इनके बारे में।
एस्टरॉयड ट्रैकिंग के लिए नासा की
जेट प्रॉपल्शन लेबोरेटरी (JPL) लगातार काम कर रही है। JPL ने आज 2 एस्टरॉयड के लिए अलर्ट जारी किया है। ये दोनों ही एस्टरॉयड धरती के बेहद पास से गुजरने वाले हैं। इनमें से एक है
एस्टरॉयड 2023 OU नाम का। यह 68 फीट बड़ा चट्टानी टुकड़ा है। जो कि एक प्लेन जितना बड़ा हो सकता है। यह 6.7 लाख किलोमीटर की दूरी तक धरती के करीब आने वाला है, जिसके बाद यह अपनी कक्षा में घूमता हुआ आगे बढ़ जाएगा।
लेकिन इससे कई गुना बड़ा एक और एस्टरॉयड धरती की ओर आज रफ्तार पकड़े हुए है। आज एस्टरॉयड 2023 NR1 भी पृथ्वी की ओर आ रहा है। यह 240 फीट का एस्टरॉयड है।
Asteroid 2023 NR1 के लिए नासा का कहना है कि 1,120,000 किलोमीटर के दायरे से होकर धरती के पास से गुजरने वाला है। इसकी स्पीड 54710 किलोमीटर प्रतिघंटा बताई गई है। ये दोनों ही एस्टरॉयड आज धरती के लिए संभावित खतरा लिए इसकी तरफ बढ़ रहे हैं। नासा ने हालांकि, इनके धरती से टकराने जैसी जानकारी नहीं दी है। धरती से एस्टरॉयड की टक्कर बहुत ही दुर्लभ घटना मानी जाती है। लेकिन संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।