टेलीकॉम कंपनियों ने 5G नेटवर्क शुरू होने के 10 महीनों के अंदर इसे तीन लाख से ज्यादा साइट्स पर शुरू कर दिया है। पिछले वर्ष देश में यह हाई-स्पीड सर्विस शुरू की गई थी। देश के 714 जिलों में यह नेटवर्क शुरू हो चुका है। देश में यह सर्विस केवल Reliance Jio और Bharti Airtel दे रही हैं।
टेलीकॉम मिनिस्टर Ashwini Vaishnaw ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Koo पर बताया, "दुनिया में सबसे तेज 5G नेटवर्क का लॉन्च जारी है। देश के 714 जिलों में तीन से ज्यादा 5G साइट्स पर इसे शुरू किया गया है।" इस नेटवर्क को लॉन्च करने के आठ महीनों के अंदर दो लाख साइट्स पर इसे शुरू किया गया था। इससे पहले मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर कम्युनिकेशंस Devusinh Chauhan ने बताया था कि 5G नेटवर्क शुरू होने के 200 दिनों के अंदर यह 600 से अधिक जिलों में पहुंच गया है। पिछले महीने Ericsson Mobility Report में बताया गया था कि पिछले वर्ष 5G सब्सक्राइबर्स की संख्या लगभग एक करोड़ पहुंचने का अनुमान है। यह 2028 के अंत तक कुल मोबाइल
सब्सक्राइबर्स की लगभग 57 प्रतिशत हो सकती है।
हाल ही में सरकारी टेलीकॉम कंपनी (BSNL) ने 4G सर्विसेज की थी। कंपनी को 4G और 5G सर्विसेज लॉन्च करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से 89,000 करोड़ रुपये से अधिक का पैकेज मिला है।
BSNL को प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों से कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ रहा है। इसके सब्सक्राइबर्स की संख्या भी घट रही है। टेलीकॉम मिनिस्टर Ashwini Vaishnaw ने कहा था कि अगले वर्ष प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों को BSNL टक्कर देने की स्थिति में होगी। उनका कहना था, "कंपनी की 4G और 5G सर्विसेज लॉन्च होने के बाद इसके सब्सक्राइबर्स की संख्या में कमी रुक जाएगी।" टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के अनुसार, BSNL का मार्च में मार्केट शेयर 9.27 प्रतिशत का था और मोबाइल सेगमेंट में इसके सब्सक्राइबर्स की संख्या लगभग 10.36 करोड़ थी।
रिलायंस जियो और भारती एयरटेल तेजी से अपने 5G नेटवर्क का दायरा बढ़ा रही हैं। इन कंपनियों का मुकाबला करने में BSNL को परेशानी हो रही है। कंपनी का पिछले वित्त वर्ष में लॉस 8,161 करोड़ रुपये पर पहुंच गया था। इससे पिछले वित्त वर्ष में 6,982 करोड़ रुपये का था। कंपनी का लॉस बढ़ने का बड़ा कारण सरकार को चुकाए जाने वाले एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) के लिए प्रोविजन करना था।