सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने बुधवार को डायरेक्ट-टु-डिवाइस सैटेलाइट कनेक्टिविटी सर्विस की शुरुआत की है। इससे दूरदराज के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी की समस्या को दूर किया जा सकेगा। पिछले महीने इंडियन मोबाइल कांग्रेस (IMC) ने इस सर्विस को पेश किया गया था।
हाल ही में कुछ स्मार्टफोन कंपनियों ने भी अपने डिवाइसेज में सैटेलाइट कनेक्टिविटी का फीचर उपलब्ध कराया है। टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक
पोस्ट में BSNL की डायरेक्ट-टु-डिवाइस सैटेलाइट कनेक्टिविटी सर्विस की शुरुआत की घोषणा की है। इस सर्विस से स्मार्टफोन जैसे मोबाइल डिवाइसेज को सैटेलाइट नेटवर्क के जरिए कनेक्ट किया जा सकता है। इसमें मोबाइल नेटवर्क की जरूरत नहीं होती। BSNL ने Viasat के साथ पार्टनरशिप में D2D सर्विस का सफलतापूर्वक ट्रायल किया था।
इससे यूजर्स SIM कार्ड के बिना डिवाइसेज के बीच ऑडियो और वीडियो कॉल्स कर सकेंगे। Bharti Airtel और Reliance Jio जैसी बड़ी टेलीकॉम कंपनियां भी सैटेलाइट कनेक्टिविटी से जुड़ी सर्विस डिवेलप कर रही हैं। IMC के दौरान Viasat ने 36,000 किलोमीटर दूर अपने L-बैंड जियोस्टेशनरी सैटेलाइ तक मैसेज को भेजने और प्राप्त करने की क्षमता को प्रदर्शित किया था। हालांकि, इस सर्विस के बारे में BSNL की ओर से अधिक जानकारी नहीं दी गई है।
कंपनी ने कम प्राइस वाले मोबाइल के सेगमेंट में भी उतरने की तैयारी की है। ने एक्सक्लूसिव SIM हैंडसेट बंडलिंग ऑफर को पेश करने के लिए Karbonn Mobiles के साथ पार्टनरशिप की है। ये हैंडसेट Jio Bharat 4G फीचर फोन को टक्कर देंगे। इससे यूजर्स को कंपनी की 4G सर्विसेज के इस्तेमाल के लिए महंगे स्मार्टफोन्स खरीदने की जरूरत नहीं रहेगी। इसके साथ ही BSNL ने 5G नेटवर्क की टेस्टिंग भी शुरू कर की है। कंपनी का लक्ष्य मौजूदा फाइनेंशियल ईयर के अंत तक 4G की एक लाख साइट्स को लॉन्च करने का है। भारती एयरटेल और
रिलायंस जियो का 5G नेटवर्क देश के बड़े हिस्से में मौजूद है। केंद्र सरकार की योजना BSNL को जल्द प्रॉफिट में लाने की है। BSNL के 5G नेटवर्क की टेस्टिंग सेंटर फॉर डिवेलपमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशंस (C-DoT) के साथ मिलकर की जा रही है। C-DoT ने ही 4G के लिए नेटवर्क कोर उपलब्ध कराया है। इस कोर का इस्तेमाल 5G के लिए भी हो सकता है। हालांकि, इसके लिए कुछ अपग्रेड करने की जरूरत होगी।