Telecom Tariff Hike : इस साल होने जा रहे आम चुनावों के बाद भारतीय टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स टैरिफ में 20 फीसदी तक बढ़ोतरी कर सकते हैं। बैंक ऑफ अमेरिका (BofA) सिक्योरिटीज की हालिया रिपोर्ट में यह कहा गया है।
रिलायंस जियो ने पिछले महीने अपने हाई-स्पीड 5G नेटवर्क का दायरा 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 20 शहरों में बढ़ाने की घोषणा की थी। इसके साथ ही कंपनी की 5G सर्विसेज 277 शहरों में उपलब्ध हो गई हैं
भारती एयरटेल का शॉर्ट-टर्म में एवरेज रेवेन्यू प्रति यूजर का टारगेट 200 रुपये है। इसके साथ ही मीडियम से लॉन्ग-टर्म में कंपनी इसे बढ़ाकर 300 रुपये तक करना चाहती है
दिसंबर में वायरलाइन सब्सक्राइबर्स बढ़कर 2.74 करोड़ पर पहुंच गए। इस सेगमेंट की ग्रोथ में रिलायंस जियो का बड़ा योगदान है। कंपनी ने दिसंबर में 2,92,411 नए कस्टमर्स जोड़े हैं
इजरायल में 1 GB डेटा की कॉस्ट सबसे कम 0.04 डॉलर है। भारत में यह कॉस्ट 0.17 डॉलर की है। सबसे महंगा डेटा का रेट ब्रिटेन की ओवरसीज टेरिटरी Saint Helena में 1 GB के लिए 41.06 डॉलर है
टेलीकॉम सेक्टर की दो बड़ी कंपनियों Bharti Airtel और रिलायंस जियो ने अगले वर्ष मार्च तक 15 करोड़ तक मोबाइल फोन यूजर्स के 5G में कन्वर्ट होने का टारगेट रखा है
रिलायंस जियो ने छह वर्ष पहले टेलीकॉम सेक्टर में उतरने के बाद टैरिफ घटाने की प्रतिस्पर्धा शुरू की थी। इससे अन्य टेलीकॉम कंपनियों को भी अपनी सर्विसेज के प्राइस घटाने पड़े थे
पिछले वर्ष 5G स्पेक्ट्र्म की ऑक्शन में टेलीकॉम कंपनियों के अरबों डॉलर का खर्च करने के बाद रेवेन्यू को बढ़ाने के लिए इन कंपनियों को टैरिफ में बढ़ोतरी करने की जरूरत है
Bharti Airtel और Reliance Jio इस फाइनेंशियल ईयर की अंतिम तिमाही में टैरिफ को 10 प्रतिशत तक बढ़ाने की घोषणा कर सकती हैं। अगले फाइनेंशियल ईयर में भी टैरिफ को 10 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है
केंद्र सरकार ने इस नेटवर्क को दो वर्षों के अंदर पूरे देश में पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। सरकार ने पिछले महीने टेलीकॉम कंपनियों को स्पेक्ट्रम एलोकेशन लेटर जारी किए थे
टेलीकॉम मार्केट में रिलायंस जियो के बिजनेस शुरू करने के बाद टैरिफ घटाने की प्रतिस्पर्धा शुरू हुई थी। इससे कुछ टेलीकॉम कंपनियों की वित्तीय स्थिति बहुत कमजोर हो गई थी
इस वर्ष की शुरुआत में रिलायंस जियो ने देश में सैटेलाइट बेस्ड ब्रॉडबैंड सर्विस शुरू करने की अपनी योजना की घोषणा की थी। इसके लिए लग्जमबर्ग की SES के साथ टाई-अप किया गया है