एयरटेल, रिलायंस जियो को मिले नए मोबाइल सब्सक्राइबर्स, BSNL को हुआ नुकसान

BSNL के ब्रॉडबैंड यूजर्स की संख्या घटकर लगभग 3.15 करोड़ रह गई है। देश में जनवरी के अंत में वायरलेस सब्सक्राइबर्स की कुल संख्या लगभग 0.05 प्रतिशत बढ़कर लगभग 115.1 करोड़ की थी

एयरटेल, रिलायंस जियो को मिले नए मोबाइल सब्सक्राइबर्स, BSNL को हुआ नुकसान

देश में जनवरी के अंत में वायरलेस सब्सक्राइबर्स की कुल संख्या बढ़कर लगभग 115.1 करोड़ की थी

ख़ास बातें
  • भारती एयरटेल को जनवरी में लगभग 16.5 लाख नए सब्सक्राइबर्स मिले हैं
  • रिलायंस जियो ने लगभग 6.86 लाख नए सब्सक्राइबर्स जोड़े हैं
  • BSNL को लगभग 1.52 लाख यूजर्स का नुकसान हुआ है
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बड़ी टेलीकॉम कंपनियों Reliance Jio और  Bharti Airtel ने जनवरी में नए मोबाइल सब्सक्राइबर्स हासिल किए हैं। सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) के नेट सब्सक्राइबर्स की संख्या में कमी जारी है। पिछले वर्ष प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों के टैरिफ में बढ़ोतरी के बाद BSNL के सब्सक्राइबर्स की संख्या में कुछ महीनों तक बढ़ोतरी हुई थी। कंपनी का 5G नेटवर्क मौजूद नहीं होने और 4G नेटवर्क की कम उपलब्धता से इसके सब्सक्राइबर्स घट रहे हैं। 

टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के डेटा के अनुसार, भारती एयरटेल को जनवरी में लगभग 16.5 लाख नए सब्सक्राइबर्स मिले हैं। रिलायंस जियो ने लगभग 6.86 लाख नए सब्सक्राइबर्स जोड़े हैं। Vodafone Idea को 13.4 लाख यूजर्स और BSNL को लगभग 1.52 लाख यूजर्स का नुकसान हुआ है। जनवरी में ब्रॉडबैंड सब्सक्राइबर्स की कुल संख्या मामूली बढ़कर 9,451.6 लाख की थी। जनवरी के अंत में वायरलेस ब्रॉडबैंड मार्केट में रिलायंस जियो का पहला स्थान बरकरार था। इसके बाद भारती एयरटेल का दूसरा रैंक है। 

रिलायंस जियो और भारती एयरटेल का वायरलेस ब्रॉडबैंड डेटा पिछले वर्ष नवंबर के आंकड़ों पर आधारित है क्योंकि इन दोनों टेलीकॉम कंपनियों ने पिछले दो महीनों में जरूरी फॉर्मेट में अपने सब्सक्राइबर्स की अपडेटेड संख्या की जानकारी नहीं दी है। BSNL के ब्रॉडबैंड यूजर्स की संख्या घटकर लगभग 3.15 करोड़ रह गई है। देश में जनवरी के अंत में वायरलेस सब्सक्राइबर्स की कुल संख्या लगभग 0.05 प्रतिशत बढ़कर लगभग 115.1 करोड़ की थी। भारती एयरटेल और रिलायंस जियो के सब्सक्राइबर्स की संख्या में बढ़ोतरी के साथ ही एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (ARPU) में भी ग्रोथ हुई है। 

दुनिया में भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हैं जहां टेलीकम्युनिकेशन सर्विसेज के लिए महंगा टैरिफ नहीं है। हालांकि, इस स्थिति में जल्द बदलाव हो सकता है। बड़ी टेलीकॉम कंपनियां इस वर्ष के अंत तक टैरिफ में दोबारा बढ़ोतरी कर सकती हैं। हाल ही में एक मीडिया रिपोर्ट में इंटरनेशनल ब्रोकरेज फर्म Bernstein के एक एनालिसिस के हवाले से बताया गया था कि टेलीकॉम कंपनियां इस वर्ष टैरिफ को 10-20 प्रतिशत तक बढ़ा सकती हैं। यह पिछले छह वर्षों में टैरिफ में चौथी बढ़ोतरी हो सकती है। पिछले वर्ष जुलाई में टेलीकॉम कंपनियों ने टैरिफ को 25 प्रतिशत तक बढ़ाया था। इसके पीछे 4G नेटवर्क को मजबूत करने और 5G नेटवर्क के एक्सपैंशन के लिए टेलीकॉम कंपनियों की कैपिटल की जरूरत प्रमुख कारण था। 
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आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

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