सूर्य में बीते 2 दिनों में जिस तरह की हलचल हुई है, उसने
वैज्ञानिकों को सकते में डाल दिया है! इसकी शुरुआत 20 जून को एक
सोलर फ्लेयर के भड़कने से हुई। सूर्य में बने सनस्पॉट से निकला फ्लेयर इस साल के सबसे बड़े विस्फोटों में से एक रहा, जिससे अमेरिका और कनाडा में अस्थायी रेडियो ब्लैकआउट कर दिया। अब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी
नासा (Nasa) ने सूर्य से एक कोरोनल मास इजेक्शन (CME) को निकलते हुए स्पॉट किया है। यह बेहद ताकतवर है। अच्छी बात है कि इसका फोकस शुक्र और मंगल ग्रह हैं, लेकिन सीएमई की दिशा बदली, तो पृथ्वी भी इसकी चपेट में आ सकती है।
स्पेसवेदरडॉटकॉम ने
बताया है कि इस सीएमई की वजह से शुक्र और मंगल ग्रह के वायुमंडल पर असर हो सकता है। पृथ्वी पर इसका असर हुआ, तो यहां भी ऑरोरा दिखाई दे सकते हैं। गौरतलब है कि सीएमई या सोलर फ्लेयर जैसी घटनाएं इंसानों को सीधे प्रभावित नहीं करतीं। हालांकि अलग-अलग कारणों से हमारी दिनचर्या पर असर हो सकता है। इनके असर से सैटेलाइट्स में शॉर्ट सर्किट हो सकता है। पावर ग्रिड फेल हो सकते हैं। ये तूफान पृथ्वी की कक्षा में मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों को भी खतरे में डाल सकते हैं।
हमारा सूर्य, सोलर मैक्सिमम की अवधि से गुजर रहा है। इस दौरान वह ज्यादा उग्र है और कोरोनल मास इजेक्शन (CME), सोलर फ्लेयर्स (Solar Flares) जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहा है। सोलर मैक्सिमम की अवधि साल 2025 तक जारी रहने वाली है। इस वजह से पृथ्वी को आए दिन किसी ना किसी चुनौती का सामना करना होगा
मौजूदा सीएमई की वजह से सबसे ज्यादा असर शुक्र ग्रह को होगा। स्पेसवेदरडॉटकॉम के अनुसार, इसकी वजह से शुक्र ग्रह के वायुमंडल का छोटा हिस्सा बर्बाद हो सकता है। मंगल ग्रह पर इस सीएमई की वजह से चमकीले ऑरोरा दिखाई देंगे। इन्हें वो सैटेलाइट भी देख पाएंगे, जो मंगल की परिक्रमा कर रहे हैं। पृथ्वी पर अगर इस नुकसान ने असर दिखाया, तो यह हमारे सैटेलाइट्स, कम्युनिकेशन और ग्रिडों को प्रभावित कर सकता है। हालांकि जमीनी स्तर पर इसका प्रभाव ना के बराबर होगा।