सोलर तूफानों से Elon Musk की Starlink के सैटेलाइट्स आसमान से गिर रहे

सोलर साइकल 11 वर्ष की उतार-चढ़ाव वाली एक सोलर एक्टिविटी होती है। इसमें सूर्य के पोल्स का मैग्नेटिव रिवर्सल, सोलर लपटें और कोरोनल मास इजेक्शन शामिल होते हैं

सोलर तूफानों से Elon Musk की Starlink के सैटेलाइट्स आसमान से गिर रहे

SpaceX के स्टारलिंक कॉन्स्टेलेशन में 8,873 सैटेलाइट्स हैं और 7,669 अभी ऑपरेशनल हैं

ख़ास बातें
  • इन स्टैलाइट्स को बिलिनेयर Elon Musk की SpaceX ने लॉन्च किया था
  • इसका सभी लो-ऑर्बिट सैटेलाइट्स पर असर पड़ा है
  • SpaceX के स्टारलिंक कॉन्स्टेलेशन में 8,873 सैटेलाइट्स हैं
विज्ञापन
सूर्य की बढ़ती एक्टिविटी का बड़ा असर पड़ रहा है। इससे धरती से सैटेलाइट्स को नुकसान हो रहा है, विशेषतौर पर ये Starlink के कॉन्स्टेलेशन में मौजूद सैटेलाइट्स के लिए खतरनाक बन रहे हैं। इन स्टैलाइट्स को बिलिनेयर Elon Musk की स्पेस एक्सप्लोरेशन से जुड़ी SpaceX ने लॉन्च किया था। 

अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के Goddard Space Flight Centre में स्पेस फिजिसिस्ट, Denny Oliveira ने पिछले कुछ वर्षों में धरती पर वापस गिरे स्टारलिंक के 523 सैटेलाइट्स पर एक स्टडी की अगुवाई की है। इस स्टडी में पता चला है कि सूर्य में विस्फोटों से बनने वाले जियोमैग्नेटिक तूफानों से वातावरण में खिंचाव बढ़ता है और इससे सैटेलाइट्स ऑर्बिट से गिरकर तेजी से वातावरण में दोबारा एंट्री करते हैं। NASA की टीम ने इस स्टडी में लिखा है, "यह स्पष्ट पता चलता है कि मौजूदा सोलर साइकल की तेज सोलर एक्टिविटी का स्टारलिंक के सैटेलाइट्स पर बड़ा असर पड़ा है। यह लो-अर्थ ऑर्बिट में सैटेलाइट्स की संख्या और सोलर एक्टिविटी मानव इतिहास में सबसे अधिक है।" 

Science Alert के अनुसार, सोलर साइकल 11 वर्ष की उतार-चढ़ाव वाली एक सोलर एक्टिविटी होती है। इसमें सूर्य के पोल्स का मैग्नेटिव रिवर्सल, सोलर लपटें और कोरोनल मास इजेक्शन शामिल होते हैं। यह पोल्स के पलटने और न्यूनतम तक घटने पर अधिकतम हो जाती है। यह 25वें साइकल का उच्चतम स्तर है। यह पूर्वानुमान से मजबूत है। हालांकि, यह रिकॉर्ड में दर्ज सबसे मजबूत साइकल नहीं है। 

इसका सभी लो-ऑर्बिट्स सैटेलाइट्पस पर असर पड़ा है। SpaceX के स्टारलिंक कॉन्स्टेलेशन में 8,873 सैटेलाइट्स हैं और 7,669 अभी ऑपरेशनल हैं। यह सैटेलाइट के ऑपरेशंस पर सोलर एक्टिविटी के अधिकतम होने के असर के विश्लेषण के लिए एक अनूठी केस स्टडी है। इससे सैटेलाइट्स को अपने रास्ते पर बरकरार रहने के लिए एडजस्टमेंट करने की जरूरत होती है और खिंचाव बढ़ने पर ऑर्बिट से कुछ सैटेलाइट्स गिर भी सकते हैं। SpaceX के स्टारलिंक सैटेलाइट्स से कई देशों में हाई-स्पीड इंटरनेट उपलब्ध कराया जाता है। इनमें सीमित या कोई कनेक्टिविटी नहीं रखने वाले क्षेत्र शामिल होते हैं। स्टारलिंक के सैटेलाइट्स के फंक्शन करने की अवधि आमतौर पर पांच वर्ष से कम की होती है। इसके बाद ये सैटेलाइट्स दोबारा वातावरण में एंट्री करते हैं और धरती पर पहुंचने से पहले जल जाते हैं। 

 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. iOS 26 Public Beta हुआ रिलीज! अपने iPhone में ऐसे करें इंस्टॉल
  2. Infinix Smart 10 भारत में 8MP कैमरा, 5000mAh बैटरी के साथ लॉन्च, कीमत और फीचर्स जानें
  3. Xiaomi TV Stick 4K (2nd Gen) लॉन्च, एडवांस ऑडियो और वीडियो फीचर्स के साथ आया Fire TV Stick राइवल!
  4. Realme Buds T200 भारत में लॉन्च, ANC सपोर्ट के साथ 50 घंटे तक चलेगी बैटरी, जानें कितनी है कीमत
  5. Infinix Smart 10 आज हो रहा भारत में लॉन्च, जानें कीमत से लेकर फीचर्स तक
  6. Realme 15 5G vs OnePlus Nord CE 5 5G vs Nothing Phone 3a: जानें कौन सा फोन है बेस्ट
  7. OnePlus का 50MP कैमरा, 5500mAh बैटरी वाला फोन हुआ 16 हजार से भी सस्ता
  8. Infinix Smart 10 कल होगा भारत में लॉन्च, 5,000 mAh की बैटरी
  9. पाकिस्तान में एंट्री करेगी चाइनीज EV मेकर BYD, अगले वर्ष लॉन्च करेगी पहली इलेक्ट्रिक कार!
  10. Realme 15 5G, 15 Pro 5G भारत में लॉन्च; इनमें है 12GB तक रैम और 7000mAh बैटरी, जानें कीमत
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »