बदलती जीवन शैली ने हार्ट से जुड़ी बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ाई है। वहीं, ब्लड प्रेशर तो अब कॉमन हो गया है। कभी इसे उम्र से जोड़कर देखा जाता था, लेकिन आज 25-26 साल से ही लोग ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे हैं। यही आगे चलकर हमारे हार्ट के लिए परेशानी की वजह बनता है। मार्केट में ऐसी तमाम डिवाइसेज हैं, जो सटीक ब्लड प्रेशर आंकने का दावा करती हैं। आजकल कलाई पर पहनने वाले बैंड भी खूब इस्तेमाल हो रहे हैं। कंपनियां दावा करती हैं कि ये लगातार और सटीक ब्लड प्रेशर आंकते हैं। इसके बावजूद लोगों का भरोसा ब्लड प्रेशर मापने के पारंपरिक तरीके पर ही है। अब वैज्ञानिकों ने इसका एक और तरीका ढूंढ लिया है।
ब्लड प्रेशर मापने में सटीक और अहम भूमिका निभा सकता है टैटू। आप सोच रहे होंगे कि यह कैसे मुमकिन है। रिसर्चर्स ने एक ‘इलेक्ट्रॉनिक टैटू' डेवलप किया है, जिसे घंटों तक आराम से पहना जा सकता है। दावा है कि यह वर्तमान में उपलब्ध सभी ऑप्शंस के मुकाबले ज्यादा सटीकता से ब्लड प्रेशर को मापता है।
इस प्रोजेक्ट के को-लीडर्स में से एक देजी अकिनवंडे कहते हैं कि ब्लड प्रेशर सबसे महत्वपूर्ण संकेत है जिसे आप माप सकते हैं, लेकिन क्लीनिक के बाहर हाथ में बिना कोई डिवाइस पहने इसे मापना मुश्किल होता है। इलेक्ट्रिक टैटू यह काम आसान बना सकता है।
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रिपोर्ट में लिखा है कि एक ट्रेडिशनल ब्लड प्रेशर जांच में एक खास वक्त के ब्लड प्रेशर लेवल का पता चलता है, जबकि इलेक्ट्रॉनिक टैटू सभी प्रकार की स्थिति में निरंतर निगरानी की अनुमति देता है। यह तब भी काम करता है जब यूजर सो रहा हो। व्यायाम कर रहा हो या बहुत तनाव में हो। प्रोजेक्ट से जुड़े रूजबेह जाफरी कहते हैं कि ब्लड प्रेशर को मापने की कई सीमाएं होती हैं। हकीकत में यह ये नहीं बताता कि हमारा शरीर कैसे काम कर रहा है।
रिपोर्ट कहती है कि मार्केट में मौजूद लाइट बेस्ड सेंसर वालीं स्मार्टवॉच ब्लड प्रेशर मापने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं हैं। इसकी वजह यह है कि घड़ी कलाई से खिसक सकती है और डार्क स्किन में सेंसर को कुछ तकनीकी परेशानी भी आती है। इलेक्ट्रॉनिक टैटू का मामला इससे अलग है। यह हाथ में पूरी तरह से अटैच रहता है और हिलता भी नहीं।
ब्लड प्रेशर मापने के लिए टैटू की मदद से स्किन में इलेक्ट्रिक करंट इंजेक्ट किया जाता है। यह सीधे हमारे ब्लड तक पहुंचता है और सटीक रिजल्ट देता है। डिवाइस लगातार 24 घंटे तक ब्लड प्रेशर मॉनिटर कर सकती है। प्रोजेक्ट से जुड़ा पेपर ‘नेचर नैनोटेक्नोलॉजी पत्रिका' में पब्लिश हुआ है। इस तकनीक को टेक्सास यूनिवर्सिटी की एक टीम ने डेवलप किया है। उम्मीद है कि यह आने वाले वक्त में ब्लड प्रेशर को मापने का अंदाज बदल देगी और लोगों को सटीक रिजल्ट मिल सकेगा।